पूर्व प्रधानमंत्री और अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह ने नोटबंदी पर आज अपने 10 विशलेषण प्रस्तुत किए। उन्होंने नोटबंदी को सबसे बड़ा कुप्रबंधन बताया और कहा कि देश में इसे लेकर कोई दो राय नहीं हैं। मनमोहन सिंह आज विपक्ष की और से राज्यसभा में अपनी बात रख रहे थे उन्होंने नोटबंदी को लेकर प्रधानमंत्री मोदी पर कई सवाल दागे।
नोटबंदी के कारण अबतक देशभर में 60 से अधिक मौतों का आकंड़ा सामने आया है। दिग्गज अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह ने नोटबंदी पर मुख्यरूप से 10 महत्वपूर्ण खामियां बताई की जो निम्न प्रकार से है।
- इसके उद्देश्यों को लेकर असहमत नहीं हूं, लेकिन इसके बाद बहुत बड़ा कुप्रबंधन देखने को मिला, जिसे लेकर पूरे देश में कोई दो राय नहीं
- मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ यह कहता हूं कि हम इसके अंतिम नतीजों को नहीं जानते। इस फैसले की वजह से 60 से 65 लोगों की जानत चली गई है। लेकिन ये साफ नहीं है इससे फायदे क्या होंगे।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा 50 दिन रुक जाइये, यह छोटी अवधि है, लेकिन गरीबों और वंचितों के लिए ये 50 दिन काफी विनाशकारी प्रभाव वाले हैं। जो लोग गरीब और कमजोर हैं उसके लिए ये 50 दिन काफी भारी पड़ेंगे।
- लोगों ने बैंकों में अपने पैसे जमा कराए, लेकिन उसे निकाल नहीं सकते… जो हो रहा है उसकी निंदा के लिए इतना ही काफी है। बताएं कि किस देश में ऐसा होता है जहां लोग पैसे जमा करें और उन्हें निकालने की इजाजत न दी जाए। इससे फैसले से क्या हुआ है.. हमने आम लोगों का बैंकिंग सिस्टम और करेंसी सिस्टम पर भरोसा कम किया है।
- आम लोगों को हो रही परेशानियां दूर करने के लिए प्रधानमंत्री को इस योजना के क्रियान्वयन के लिए रचनात्मक प्रस्ताव पेश करना चाहिए।
- नियमों में हर दिन हो रहा बदलाव प्रधानमंत्री कार्यालय और भारतीय रिजर्व बैंक की खराब छवि दर्शाता हैं।
- मुझे बहुत खेद है कि भारतीय रिजर्व बैंक की इस तरह से आलोचना हो रही है, लेकिन यह जायज है।
- इस योजना को जिस तरह से लागू किया गया, वह प्रबंधन के स्तर पर बहुत बड़ी विफलता है, इससे ये साफ होता है कि इसे लागू करने में पीएमओ, वित्त मंत्रालय और आरबीआई पूरी तरह नाकाम रहे हैं।
- यह संगठित लूट और वैध लूट का मामला है और इससे दो फीसदी तक विकास दर गिर सकती है।
- मुझे पूरी उम्मीद है कि प्रधानमंत्री पीड़ितों को राहत देने के लिए व्यावहारिक कदम निकालेंगे।
जबकि आपको बता दे कि आज गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी राज्यसभा में मौजूद रहे। राज्यसभा में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का विरोध किया जिसके बाद विपक्ष ने सदन में जमकर हंगामा किया।