लगता है, अब पानी पेट्रोल से अधिक ज्वलनशील हो गया
है । कावेरी नदी के पानी को लेकर तो ऐसा कह ही सकते हैं ।
12 सितंबर को कावेरी जल
बंटबारे को लेकर कर्नाटक में हुई हिंसा और आगजनी और तमिलनाडु में घटी घटनाएँ बेहद शर्मनाक एवं चिंतित करने वाली हैं।
हद ये भी है कि यह सब उच्चतम न्यायालय
के आदेश पारित करने के बाद हुआ । ये कर्नाटक सरकार की असफलता कही जा सकती है । साथ
ही ये किन्ही राजनैतिक दलों और नेताओं की शरारत पूर्ण घृणा की राजनीति के भयावह रूप
को दिखाती है ।
इस तरह की घटनाओं में शामिल लोगों
,अगर वो किसी पार्टी के कार्यकर्ता हैं तो उनके
स्थानीय शीर्ष नेताओं को भी गिरफ्तार कर आपराधिक मुकदमे चलाकर कठोर दंड दिलाया जाना
चाहिए ।