11 दिसंबर 1991 को शुरू हुई कन्याकुमारी से कश्मीर तक की एकता यात्रा के दौरान नरेंद्र मोदी 14 जनवरी 1992 को अयोध्या आए थे। विवादित ढांचे में स्थित रामलला के दर्शन करने के दौरान नरेंद्र मोदी ने भीष्म प्रतिज्ञा ली थी। इसके बाद वो 28 साल तक अयोध्या नहीं आए। पीएम मोदी की एक प्रतिज्ञा भी अब साकार रूप लेने जा रही है।
मोदी है तो मुमकिन है..., मोदी की गारंटी..., जैसे स्लोगन के बीच मोदी की एक प्रतिज्ञा भी अब साकार रूप लेने जा रही है। 11 दिसंबर 1991 को शुरू हुई कन्याकुमारी से कश्मीर तक की एकता यात्रा के दौरान 14 जनवरी 1992 को वे अयोध्या आए थे।
विवादित ढांचे में स्थित रामलला के दर्शन करने के दौरान ही उन्होंने संकल्प लिया था कि मंदिर निर्माण होने पर ही वह दोबारा उनके पास आएंगे। वे जब पहली बार अयोध्या आए तो सामान्य कार्यकर्ता थे। उन्होंने जो प्रतिज्ञा ली, वह भीष्म प्रतिज्ञा बन गई। अब जानते हैं कि उस स्थान के बारे में, जहां पीएम मोदी अपनी पहली अयोध्या यात्रा के दौरान रुके थे और भोजन किया था।
रामजन्मभूमि से डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर जानकी महल ट्रस्ट स्थित है। रामजन्मभूमि पथ से मुख्य मार्ग से आते हुए नयाघाट चौराहे से मात्र दो सौ मीटर पहले जिस गली में मुड़ना होता है, उसे जानकी महल गली कहा जाता है।
पीएम मोदी ने अयोध्या में जो प्रतिज्ञा ली, उसे निभाया भी। 14 जनवरी 1992 के बाद वे 28 वर्षों तक अयोध्या नहीं आए। नौ नवंबर 2019 को राममंदिर के हक में फैसला आने के बाद जब पांच अगस्त 2020 को राममंदिर के भूमिपूजन की तिथि तय हुई, तभी मोदी ने अयोध्या आने का एलान किया। वे न सिर्फ अयोध्या आए, बल्कि राममंदिर की आधारशिला भी रखी।
2022 में भी वे अयोध्या आए और दीपोत्सव में शामिल हुए। फिर 30 दिसंबर 2023 को उन्होंने अयोध्या में रोड शो कर इतिहास रचा। रामनगरी में रोड शो करने वाले पहले पीएम बने। अब 22 जनवरी को पीएम राममंदिर का उद्घाटन करने आ रहे हैं तो उनकी प्रतिज्ञा चर्चा में है।