भाजपा ने अपने सभी सांसदों, विधायकों, मंत्रियों और संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने क्षेत्र से उन सभी लोगों को अयोध्या ले जाने की व्यवस्था करें, जो लोग भगवान राम के दर्शन करना चाहते हैं। यह योजना आज 23 जनवरी से शुरू होकर 25 मार्च तक चलेगी...
अयोध्या में भगवान राम के नए मंदिर का उद्घाटन हो चुका है। उद्घाटन के बाद पहले ही दिन लाखों लोगों की भीड़ भगवान राम के दर्शन पाने के लिए पहुंच चुकी है। भक्तों की इसी भावना को देखते हुए उन्हें केवल एक हजार रुपये में अयोध्या आने-जाने, रहने-खाने और दर्शन की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। यदि आप भी भगवान राम के दर्शन करना चाहते हैं, तो आप भी केवल एक हजार रुपये खर्च कर यह सुविधा प्राप्त कर सकते हैं।
दरअसल, भाजपा ने अपने सभी सांसदों, विधायकों, मंत्रियों और संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने क्षेत्र से उन सभी लोगों को अयोध्या ले जाने की व्यवस्था करें, जो लोग भगवान राम के दर्शन करना चाहते हैं। यह योजना आज 23 जनवरी से शुरू होकर 25 मार्च तक चलेगी। पूरे देश के हर लोकसभा क्षेत्र, हर विधानसभा क्षेत्र और हर ब्लॉक स्तरीय मंडल से लोगों को अयोध्या ले जाने की तैयारी है। अनुमान है कि इस योजना के के साथ साथ अपने स्तर पर लगभग एक करोड़ राम भक्त 25 मार्च तक रामलाल के दर्शन करेंगे। उत्तर प्रदेश भाजपा और विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं को इस बीच लोगों को अयोध्या में प्रशासनिक सुविधाओं में सहयोग करने का निर्देश दिया गया है।
भारतीय जनता पार्टी के एक नेता ने अमर उजाला को बताया कि दिल्ली के सभी सात लोकसभा क्षेत्रों से अयोध्या के लिए सात ट्रेनें ले जाई जा रही हैं। यदि भक्तों की संख्या ज्यादा होगी, तो इसके लिए अतिरिक्त ट्रेनों की व्यवस्था की जाएगी। बिहार से 29 जनवरी से ट्रेनें चलनी शुरू हो जाएंगी और यह 25 मार्च तक चलती रहेंगी। इसी प्रकार पूरे देश के सभी राज्यों से राम भक्तों को अयोध्या ले जाकर उन्हें दर्शन कराने की तैयारी है। विश्व हिंदू परिषद अपने स्तर पर लगभग 5000 कार्यकर्ताओं को अयोध्या ले जाकर भगवान राम के दर्शन करने की योजना बना रहा है।
भाजपा के एक नेता के मुताबिक 1000 रुपये की राशि केवल इसलिए रखी गई है, जिससे केवल गंभीर लोग ही भगवान राम के दर्शनों के लिए इस योजना का लाभ उठाएं। दक्षिण भारत और पूर्वोत्तर के सुदूर राज्यों से अयोध्या तक आने में ही कई हजार रुपये खर्च हो जाते हैं। इस यात्रा पर आने वाला शेष खर्च पार्टी नेता या सांसद-विधायकों के द्वारा वहन किया जाएगा। माना जा रहा है कि भाजपा की इस योजना का उद्देश्य लोकसभा चुनाव 2024 के अंतर्गत एक लहर बनाना भी है।