मास्टर ब्लास्टर' ने हाल ही में सोशल मीडिया पर पोस्ट कर तकनीक के दुरुपयोग को परेशान करने वाले बताया है। उन्होंने सोशल मीडिया हैंडल एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर फैंस से खास अपील की है।
क्रिकेट के भगवान' कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर भी उन हस्तियों की फहरिस्त में शामिल हो गए हैं जो डीपफेक वीडियो का शिकार हुए। तेंदुलकर का एक डीपफेक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें वह गेमिंग ऐप का प्रचार करते नजर आ रहे हैं। वीडियो में न केवल सचिन को ऐप की वकालत करते हुए दिखाया गया है, बल्कि यह भी झूठा दावा किया गया है कि उनकी बेटी सारा उस ऐप से वित्तीय लाभ उठा रही हैं।
मास्टर ब्लास्टर' ने हाल ही में सोशल मीडिया पर पोस्ट कर तकनीक के दुरुपयोग को परेशान करने वाले बताया है। उन्होंने सोशल मीडिया हैंडल एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर फैंस और सोशल मीडिया हैंडल्स से सतर्कता बरतने और गलत सूचना के प्रसार के खिलाफ त्वरित कार्रवाई का आग्रह किया है।
सचिन ने क्या लिखा?
सचिन ने डीपफेक वीडियो को शेयर करते हुए लिखा- ये वीडियो फर्जी हैं। तकनीक के बड़े पैमाने पर दुरुपयोग को देखना परेशान करने वाला है। सभी से अनुरोध करता हूं कि वे बड़ी संख्या में इस वीडियो, विज्ञापन और ऐप को रिपोर्ट करें। सोशल मीडिया को शिकायतों के प्रति सतर्क और उत्तरदाई होने की जरूरत है। गलत सूचना और डीपफेक के प्रसार को रोकने के लिए उनकी ओर से त्वरित कार्रवाई महत्वपूर्ण है।
डीपफेक तकनीक क्या है?
बता दें कि डीपफेक तकनीक से फोटो वीडियो से छेड़छाड़ की जाती है। इसे सिंथेटिक या डॉक्टर्ड फोटो-वीडियो (मीडिया) कहा जाता है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का उपयोग करके गलत तरीके से पेश किया जाता है। प्रतिरूपण (impersonate) करने के लिए डिजिटल तकनीक की मदद से दुर्भावनापूर्ण हेरफेर किए जाते हैं। यह साइबर अपराधियों के लिए व्यक्तियों, कंपनियों या यहां तक कि सरकारों की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने का एक संभावित हथियार बन गई है।
सोशल मीडिया, जहां सूचना तेजी से फैलती है, डीपफेक से होने वाला संभावित नुकसान खतरनाक है। तेंदुलकर का मामला कोई नया नहीं है। इससे पहले सचिन की बेटी सारा तेंदुलकर समेत कई दिग्गज अभिनेत्रियां भी इसका शिकार हो चुकी हैं। कटरीना कैफ, आलिया भट्ट और प्रियंका चोपड़ा जैसी हस्तियां भी इसका शिकार हो चुकी हैं।