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संस्मरण

hindi articles, stories and books related to Sansmaran


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जलियांवाला बाग हत्याकांड: भारत के स्वतंत्रता संग्राम में एक दुखद मोड़ जलियांवाला बाग हत्याकांड, जिसे अमृतसर नरसंहार के रूप में भी जाना जाता है, एक दुखद घटना थी जो 13 अप्रैल, 1919 को जलियांवाला बाग,

कब मिले ,कब मित्रता ने अटूट अपनत्व धारण कर लिया, पता। न चला पर हमने मित्रता की डगर पकड ली ।स्कूल भी हमारा साथ रहा तो दोनों एक ही क्लास में तो मित्रता का रिश्ता और प्रगाढ हो गया ।जया के बारे में पूछने

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 विमल पूरे देश विदेश घूमने के बाद वह जब पहली बार अपने गाँव आया तो उसे लगा की उसने गाँव आने में देरी कर दी, उसका गांव अब सड़क से जुड़ चुका है, सभी सुविधाएं जो गाँव मे होंनी चाहिए वह है, दो  दिन

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 विमल पूरे देश विदेश घूमने के बाद वह जब पहली बार अपने गाँव आया तो उसे लगा की उसने गाँव आने में देरी कर दी, उसका गांव अब सड़क से जुड़ चुका है, सभी सुविधाएं जो गाँव मे होंनी चाहिए वह है, दो  दिन

मेरा बचपन जिसको मैंने कभी भूला ही नहीं ,अपनी यादों में संजो कर रखा है ,जो मेरी सुनहरी यादों में कस्तूरी सा महकता रहता है ।हर समय यादों के झरोखों में बसने वाली मुझे  बचपन याद ना आए ऐसा हो नहीं सकत

वीर योद्धा हो तुम इस युद्ध के इस महामारी के खिलाफ लड़ना है,पुलिस, सफ़ाई कर्मचारी, डाक्टर,महानायक इस युद्ध के,उनके सम्मान में मार्गदर्शन का पालन करना है,वीर योद्धा हो तुम इस युद्ध केमहामारी के खिल

क्या गजब खेल देखो दिखाया भगवान ने,भुल गए था इंसान राम न,अहम अहंकार अधर्मी के चरु से,भुल बैठ राम नाम न।                    देखो प्रकृति गजब खेल दि

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आज का विषय :-    निरंतरता सफलता की कुंजी है!  निरंतरता सफलता की कुंजी है। यह वही है जो हमें उस जगह तक ले जाता है जहां हम आज हैं, यह हमें अपने लक्ष्यों की ओर आगे बढ़ने में मदद करता है और यही आपको अप

हे नारी तू महान है,करता हूं मैं तेरा गुण गान                              बलदयानी ,दयाभावानी , शक्ति स्वरूपा हैं, 

धरोहर है ये प्रकृति की,इस तरह न बहनें दे,तरस जाया करोगे तुम,व्यर्थ में न बहाओं,जल संरक्षण के इस युद्ध में,जल रक्षक बन के दिखाओ।          पानी है अनमोल बहुत,बेस किमती है ख

सुन्दर झरने झर झर करते,कल कल करती है नदियां,पहाड़ों कि चोटी शोभा बढ़ती,फुल कि महकती है बगिया,कितनी सुन्दर है शान प्रकृति की,मनुष्य को है वरदान प्रकृति का।            &nbs

संगीत और संगत में बीज की बड़ी ई मात्रा का ही अंतर है अच्छी संगत जहां व्यक्ति और समाज के चरित्र को सुगंधित करती है अथवा निखारती है उसी तरह संगीत भी वातावरण को आनंदित करता है संगीत में लय का विशेष महत्व

दोषी कौन ⁉️  ये कहानी नहीं एक गंभीर मामला है। जो हम सोचते हैं, देखते हैं हमारी कल्पना से परे बहुत ही गंभीर और डरवानी कहानी या यूं कहें एक सच्चाई  है बहुत ज्यादा कड़वी सच्चाई है। इस दुनिया मे

यहां कहानी बहुत ही ज्यादा नई नहीं है परन्तु बहुत ज्यादा पुरानी भी नहीं है। आज से नहीं जब से मानवजाति  का इतिहास में इतिहासकार ने जो लिखा है तब से आज तक हमने  अपने बुजुर्ग से नानी से या दादी

आज सुबह सो के उठी रोज़ की तरह 5:30 am बहुत ठंड थी,रज़ाई से निकलने की हिम्मत नहीं हुई | इनका टिफ़न नाश्‍ता सब बनाना था| गीज़र, मोटर चलाना था, सुबह उठे तो सबको गर्म पानी चाहिए | लेटे-लेटे सोंच रही थी कि क

यादों में बसा मेरा बचपनमेरा बचपन जिसको मैंने कभी भूला ही नहीं ,अपनी यादों में संजो कर रखा है ,जो मेरी सुनहरी यादों में कस्तूरी सा महकता रहता है ।हर समय यादों के झरोखों में बसने वाली मुझे  बचपन या

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किसी से भी हो कितनी, चाहे दोस्ती यहाँ तेरी।कहना मत राज की बातें,किसी से तू यहाँ तेरी।।किसी से भी हो कितनी--------------।।कहेंगे दोस्ती में तो, दोस्त चलता है सब कुछ।मैं तो लेकिन कहूंगा यह, हालत होगी बु

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ठीक है अब मैं भी, प्यार नहीं तुमको करुंगा।अब कभी मैं भी, याद नहीं तुमको करुंगा।।ठीक है अब मैं भी---------------------------।।वैसे भी तुमसे ज्यादा, सुंदर बहुत है और भी।अब कभी मैं भी, फरियाद नहीं तुमसे

जीवन के दिन रात, धूप बरसात,सहेंगे साथ साथ  हम।दुःख सुख दोनों हाथ, लिए सौगात,रहेंगे साथ साथ हम।।चालिस वर्ष विवाहित जीवन के इस तरह गुजारे।लगे  दर्द, दुःख, बाधा, विपदा, बौने और  बिचारे।।सं

वर्तमान समय का आकलन किया जाये तो मनुष्य के चरित्र दिनों दिन बदलता जा रहा है क्योंकि मनुष्य इस समय रिश्ते, संस्कार और संस्कृति से ज्यादा तकनीक की दुनिया में फंस चुका है।वह हमेशा अपनी जिंदगी फैशन, मोबाइ

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