shabd-logo

संस्मरण

hindi articles, stories and books related to Sansmaran


वीर योद्धा हो तुम इस युद्ध के इस महामारी के खिलाफ लड़ना है,पुलिस, सफ़ाई कर्मचारी, डाक्टर,महानायक इस युद्ध के,उनके सम्मान में मार्गदर्शन का पालन करना है,वीर योद्धा हो तुम इस युद्ध केमहामारी के खिल

क्या गजब खेल देखो दिखाया भगवान ने,भुल गए था इंसान राम न,अहम अहंकार अधर्मी के चरु से,भुल बैठ राम नाम न।                    देखो प्रकृति गजब खेल दि

featured image

आज का विषय :-    निरंतरता सफलता की कुंजी है!  निरंतरता सफलता की कुंजी है। यह वही है जो हमें उस जगह तक ले जाता है जहां हम आज हैं, यह हमें अपने लक्ष्यों की ओर आगे बढ़ने में मदद करता है और यही आपको अप

हे नारी तू महान है,करता हूं मैं तेरा गुण गान                              बलदयानी ,दयाभावानी , शक्ति स्वरूपा हैं, 

धरोहर है ये प्रकृति की,इस तरह न बहनें दे,तरस जाया करोगे तुम,व्यर्थ में न बहाओं,जल संरक्षण के इस युद्ध में,जल रक्षक बन के दिखाओ।          पानी है अनमोल बहुत,बेस किमती है ख

सुन्दर झरने झर झर करते,कल कल करती है नदियां,पहाड़ों कि चोटी शोभा बढ़ती,फुल कि महकती है बगिया,कितनी सुन्दर है शान प्रकृति की,मनुष्य को है वरदान प्रकृति का।            &nbs

संगीत और संगत में बीज की बड़ी ई मात्रा का ही अंतर है अच्छी संगत जहां व्यक्ति और समाज के चरित्र को सुगंधित करती है अथवा निखारती है उसी तरह संगीत भी वातावरण को आनंदित करता है संगीत में लय का विशेष महत्व

दोषी कौन ⁉️  ये कहानी नहीं एक गंभीर मामला है। जो हम सोचते हैं, देखते हैं हमारी कल्पना से परे बहुत ही गंभीर और डरवानी कहानी या यूं कहें एक सच्चाई  है बहुत ज्यादा कड़वी सच्चाई है। इस दुनिया मे

यहां कहानी बहुत ही ज्यादा नई नहीं है परन्तु बहुत ज्यादा पुरानी भी नहीं है। आज से नहीं जब से मानवजाति  का इतिहास में इतिहासकार ने जो लिखा है तब से आज तक हमने  अपने बुजुर्ग से नानी से या दादी

आज सुबह सो के उठी रोज़ की तरह 5:30 am बहुत ठंड थी,रज़ाई से निकलने की हिम्मत नहीं हुई | इनका टिफ़न नाश्‍ता सब बनाना था| गीज़र, मोटर चलाना था, सुबह उठे तो सबको गर्म पानी चाहिए | लेटे-लेटे सोंच रही थी कि क

यादों में बसा मेरा बचपनमेरा बचपन जिसको मैंने कभी भूला ही नहीं ,अपनी यादों में संजो कर रखा है ,जो मेरी सुनहरी यादों में कस्तूरी सा महकता रहता है ।हर समय यादों के झरोखों में बसने वाली मुझे  बचपन या

featured image

किसी से भी हो कितनी, चाहे दोस्ती यहाँ तेरी।कहना मत राज की बातें,किसी से तू यहाँ तेरी।।किसी से भी हो कितनी--------------।।कहेंगे दोस्ती में तो, दोस्त चलता है सब कुछ।मैं तो लेकिन कहूंगा यह, हालत होगी बु

featured image

ठीक है अब मैं भी, प्यार नहीं तुमको करुंगा।अब कभी मैं भी, याद नहीं तुमको करुंगा।।ठीक है अब मैं भी---------------------------।।वैसे भी तुमसे ज्यादा, सुंदर बहुत है और भी।अब कभी मैं भी, फरियाद नहीं तुमसे

जीवन के दिन रात, धूप बरसात,सहेंगे साथ साथ  हम।दुःख सुख दोनों हाथ, लिए सौगात,रहेंगे साथ साथ हम।।चालिस वर्ष विवाहित जीवन के इस तरह गुजारे।लगे  दर्द, दुःख, बाधा, विपदा, बौने और  बिचारे।।सं

वर्तमान समय का आकलन किया जाये तो मनुष्य के चरित्र दिनों दिन बदलता जा रहा है क्योंकि मनुष्य इस समय रिश्ते, संस्कार और संस्कृति से ज्यादा तकनीक की दुनिया में फंस चुका है।वह हमेशा अपनी जिंदगी फैशन, मोबाइ

featured image

करते रहे हो तुम शक हम पर, तुमसे बेशक क्यों रहे।क्यों समझे हम तुमको पवित्र, तुमसे वफ़ा क्यों रहे।।करते रहे हो तुम शक---------------।।सच बयां करती है हमको,यह हरकतें चाल तुम्हारी।तुमको नहीं जब शर्म हमारी,

गलती एक नहीं हजार हुईं मुझसे एक तो मोहब्बत दूसरा चांद सेतीसरा हर बार हुई उससेगलती एक नहीं हजार हुईं मुझसे ।वो जिसके काबिल ही नहीं था मैं,उससे दिल लगा बैठा।अधूरी रह गई मेरी इबादत,मैं एक पत्थर

चार दिन की ज़िन्दगी में, तीन दिन अब ख्वाब हैं,ख्वाब में बीते  दिनों  की, यादों  के  असबाब  हैं।यादों की बस्ती मे कुछ गलियां हैं दिन, कुछ रात सी,दिन  कुहासे  से 

featured image

यह सच आज मुझको, मालूम हो पाया।मेरे दुःख में किसने, मेरा साथ निभाया।।वैसे तो हमेशा मुझसे, करते थे बातें सब।आज मेरी मुसीबत में , किसने वादा निभाया।।यह सच आज मुझको----------------।।रिश्तें मुझसे जोड़े सबन

हमारे नगर में छठ पर्व की रौनक भगवान सूर्य  के प्रति श्रद्धा में लिप्त छठ महापर्व पूर्वांचल वासियों की अटूट श्रद्धा का प्रतीक है ।श्रद्धा में भक्त भूख प्यास को भूल छठ मैया की पूजा में पूर्णतय

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए