अम्मा आकर काजल देतो
औ अनखनियाँ सपने में।
भैया आकर मुझे उठा
लेता है कनियाँ सपने में ।
मुन्नू आता, चाचा आते,
दादा आते सपने में।
खुल जाता है चन्द मदरसा
गुरू पढ़ाते सपने में।
करती म्याऊँ म्याऊँ म्याऊँ
आती बिल्ली सपने में।
पेड़ खड़ा दिखलाता उस पर
चढ़ती गिल्ली सपने में।
मिल जाते हैं साथी संगी
खेल खिलौना सपने में।
बिछ जाती है खटिया मेरी
और बिछौना सपने में ।
नानी कहती बैठ कहानी
हम सुनते हैं सपने में।
फुलवारी में घूम घूम
कलियाँ चुनते हैं सपने में।
सूर्य निकलता, धूप निकलती,
दिन छा जाता सपने में।
चिड़ियाँ यूँ चूँ शोर मचातीं
गाना गाती सपने में।
कोई ऐसा काम नहीं,
जो नहीं दिखाता सपने में।
नाई आता, धोबी आता,
माली आता सपने में।
कुंजड़िन आकर बेचा करती
आलू भंटा सपने में।
टन टन टन टन बज उठता
छुट्टी का घंटा सपने में।
डस लेती है कभी कभी
आ मुझे दतैया सपने में।
दुख के मारे चिल्लाता मैं
दैया ! दैया ! सपने में।
रोता हूँ, चिल्ला पड़ता हूँ
गिरकर लड़खड़ सपने में ।
आँख खुली, तब बात समझता,
था यह गड़बड़ सपने में।