समय यात्रा समय में कुछ बिंदुओं के बीच गति की अवधारणा है, आमतौर पर एक काल्पनिक उपकरण है जिसे टाइम मशीन के रूप में जाना जाता है समय यात्रा (Time travel,) एक ऐसी स्थिति है जिसमे हम ब्रह्माण्ड के क
दिलरुबा दिनांक -07/09/22 दिन-बुधवार प्यारी दिलरुबा,,, यह राइटर भी ना जाने किस मिट्टी के बने होते हैं जिन्हें लिखे चैन आता है और ना लिख कर भी बेचैन रहते हैं,,,,, आप मुझे ही देख लो,,,समय के अभाव के कारण
मंटू बाबू रोजाना की तरह आज भी अपने अपार्टमेंट के सामने पार्क में शाम के वक़्त टहल रहे थे I पार्क में खेलते बच्चों को देख आज अनायास ही उन्हें अपने बचपन के दिन याद आ गए I चेहरे पर एक गज़ब की रौनक आ गय
समय यात्रा यानी अतीत और भविष्य का सफरकई बार कहानी, कथा या टेलीविजन पर देखने सुनने को मिलता है फिल्मों न कई आधुनिक तरीको से समय यात्रा को दर्शाया जाता है। वहीं कहानी किस्सों में चमत्कार को जरिया बनाकर
जो समय से भी आगे निकल जाये ऐसी यात्रा को हम समय यात्रा कहते हैं | किन्तु सभी का स्वप्न होता हैं की समय की यात्रा की जावे | किंतु क्या ऐसा संभव हैं की समय की यात्रा एक आम इंसान कर सकता है | जवाब होगा न
समय है एक तथ्यशदियों से है बदनामजो वक्त की कद्र न करेबने कैसे उसके कामसमय जब कर जाए छलजोर चले ना , ना काम आए बलअच्छा हो या बुराजैसे भी समय हो गुजरादोस्ती न किसी से निभाएंरुके न किसी के लिएदगाबाज वक्त
समय बहुत बलवान है। समय वह चीज है,जिसे इंसान हमेशा से ही अपने अनुसार चलाना चाहता है, किंतु समय पर किसी की नहीं चलती अपितु समय सबको अपने अनुसार चलाता रहता है।अगर किसी प्रकार हम समय को अपने अनुसार चला सक
समय की यात्रा विषय कुछ हटकर है है क्या समय की यात्रा क्या फायदा, क्या नुकसान चिंतन कुछ कर रहा हूं अगर मिल जाये वो ताकत कोई कला ऐसी इंसान कूद कर जा सके एक समय से दूसरे समय में कहते समय यात्रा इस
बात कुछ पुरानी है पर यात्रा बड़ी सुहानी थी, कोने में बैठी वो लड़की थी बड़ी भोली सी सूरत उसकी, होंठों पर प्यारी मुस्कान थी चेहरे पर अलग नूर था, मानो कर रही मुझे मंदमुग्ध उसकी चेहरे की मुस्कान, अजीब सी
शीर्षक :- टाइम ट्रेवल। टाइम ट्रेवल अभी तक तो संभव नहीं ये हुआ, भविष्य में बने भलाई के लिए माँगते है दुआ। वैज्ञानिकों का मानना आने वाले वक़्त अवश्य, टाइम मशीन बनाने में मनुष्य कामयाब अवश्य।
पंख होते हैं समय के जो पंख फैलाकर उड़ता है दिखता नहीं वह किसी को पर छाया पीछे छोड़ता है कोई भरोसा नहीं समय का वह न बोलता न दुआ-सलाम करता है पर अपने आगे झुकाकर सबको चमत्कार दिखाता है बड़ा सय
प्रिय सखी ।कैसी हो ।हम अच्छे है और मौज से है ।आज ही हमारी एक और किताब ने सौ का आंकड़ा पार कियाहै मतलब वो सौ लोगों के पुस्तकालय में रखी गयी है। किताब का नाम है "मै ओरत हूं .... इसलिए।"लगातार पाठक संख्य
समय ,चलता आया है ,सृष्टि प्रारंभ से ,निर्बाध गति से ।समय चलता ही रहता है ,समय के साथ ही ,सभी को चलना पड़ता है ।जो पीछे मुड़कर ,देखता है कभी,समय छोड़ देता है ,उसे वहीं तभी ।समय उसी का होता है ,जो उसकी
समय का पहिया घूमता,निरंतर होता है गतिमान।कल, आज और कल में,निरंतर रहता है गतिमान।।हर समय जिंदगी में तुम,मुस्कराते रहो सदा ही ऐसे।जो छूट जाए ऐसे यूं पीछे,कोई गम भी न हो ऐसे।।समय का पहिया को ऐ
वक़्त हर पल गुजरता हुआ,एक लम्हा है जिंदगी में।थाम सको गर वक़्त को,जिंदगी जीने की कोशिश में।।वक़्त रेत का दरिया है,जो मुट्ठी में नहीं समाता।अगर चाहो मुट्ठी में बांधना,रेत जैसे मुट्ठी से फिसलता।।जिंदगी