अरे आग लग जाये सबके मोबाइल में धरती फटे और सबके हाथ से छूटकर मोबाइल जमीन में समा जाये। बताओ चार दिन से कुंजी भाभी ब्यूटी पार्लर के चक्कर लगा रहीं थीं। कभी मेड़ीक्योट, कभी पेडीक्योट, कभी पेटीकोट (सॉरी) करा रहीं थीं। आज तो पूरे दस घण्टे ब्यूटी पार्लर में बिताये थे। कभी टचअप, कभी हिलअप और न जाने क्या-क्या, पर किसी ने देखा तक नहीं। इतने दिनों की मेहनत और ब्यूटी पार्लर का दस हजार का खर्चा सब बेकार चला गया। काश मोदी जी घोषणा करें भाइयों और बहनों ! और मोबाइल पर बैन लग जाये। कम से कम पार्टी शादी में तो मोबाइल चलाने पर बैन लगना ही चाहिए। सब मोबाइल में ही आँख घुसाए बैठे रहते हैं। भई...मोबाइल के बाहर भी कोई दुनियां है जिसमें हम भी हैं। हमारी छोड़ो कजरी बुआ का तो और बुरा हाल है। उनका बस चले तो सबके फोन उठाकर भट्टी में फेंक दें। कजरी बुआ ने दस लाख का हार पहना था पर उस हार को नोटिस करना तो दूर किसी ने आँख उठाकर देखा तक नहीं। सबकी आँख कौआ नोच ले जाये, सबकी उंगलियाँ कटकर गिर जाये और न भी गिरे तो उनकी स्पर्श क्षमता (टच सेंस) खत्म हो जाये फिर देखू कैसे कोई फोन चलाएगा। जब देखो तब मोबाइल, मोबाइल और बस मोबाइल। इससे अच्छा तो पार्टी को भी ऑन लाइन रख लेते कम से कम लोग हमें अपने फोन की स्क्रीन पर देखते तो सही, और दूसरा फायदा ब्यूटी पार्लर में झक मारने की जगह फिल्टर से ही काम चल जाता।