कितने बरष है बीत गए पर ,
अब भी आंखों में मुस्काये,
जब कोई छेड़े तार दिल की,
दिल मे हलचल सी उठ जाए,
रह रह कर वो चेहरा मेरे,
ख्वाबो में है आ ही जाता ,
सच ही कहा है कहने वाले ,
पहला प्यार भुला नही जाता,
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याद मुझे आ ही जाती है,
बचपन की वो लम्हे अब भी,
छुप के खाने को वो देती ,
मेले से कुछ लाती जब भी ,
मैं भी उसको देख देखकर ,
अपने सारे गम भूल जाता ,
सच ही कहा है कहने वाले ,
पहला प्यार भुला नही जाता।
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यह मेरे मन मीन थे और,
वो सागर की जलराशि जैसी,
अटल तपस्वी था मैं तब और ,
वो मथुरा और काशी जैसी,
उनके स्वप्न भरे नयनों बीच,
मैं भी जीवन स्वप्न सजाता,
सच ही कहा है कहने वाले ,
पहला प्यार भुला नही जाता।
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उनकी मीठी बोली आज भी,
गूंजती है कानों में ऐसे ,
मन बसन्त की अमराई में ,
कोयल कुक रही हो जैसे ,
उनके आहट मात्र से मन ये ,
उत्सव का वह हुश्न सजाता,
सच ही कहा है कहने वाले ,
पहला प्यार भुला नही जाता।
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धीरे से छुपकर के घर से ,
मुझसे मिलने आ ही जाती ,
एक शिक्षक की भांति मुझे वो,
जीवन के सब गुण सिखाती ,
कभी कलम पुस्तक के बहाने ,
मैं भी उससे मिलने जाता ,
सच ही कहा है कहने वाले ,
पहला प्यार भुला नही जाता ।
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अवतार मुझे पल याद है अब भी ,
साथ मे मिलकर तारे गिनना ,
गली के नदियों में कागज की,
नाव चलाना साथ मे भींगना ,
निर्छल जीवन का वो मौसम ,
बार बार मुझे रुला ही जाता ,
सच ही कहा है कहने वाले ,
पहला प्यार भुला नही जाता ।
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जब भी कभी मैं उसको देखु ,
एक तड़पन सी उठती मन मे ,
बिछुड़न की एहसास से उसकी,
दर्द मचल जाता जीवन मे ,
दिल की धड़कन वही पुराना ,
रो रोकर फिर नगमे गाता,
सच ही कहा है कहने वाले ,
पहला प्यार भुला नही जाता ।
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