Meaning of गहरा घाव in Hindi
Meaning of गहरा घाव in English
English usage of गहरा घाव
Articles Related to ‘गहरा घाव’
- इतनी देर से क्यों आये
- ए दिल
- अधूरी मुहब्बत की अधूरी कहानी
- योग और साधना
- अविरल
- गजल- आशा
- योग और साधना
- पूँजी के सहारे 'काला खेल' - Hindi Articles on Panama Leaks, black money, mithilesh ke लेख
- दिल से
- यादें
- फिर भी जीना लड़की
- समर -भूमि से वीर नहीं करते हैं कभी पलायन !
- प्यार की महक
- जाने ना कितने!
- मैं हु ऐसी
- पता नही
- गीत सुनो
- घाव
- टूट जाता हूँ फिर भी बिखरता नहीं,
- मैं खुद को बहुत पसंद हूँ
- कविता - नई गंगा बहा दूंगा मैं
- दर्द
- कखग
- ख़बर
- फिर उडी मिटटी,हवाएं धुंध बादल छा गया
- देख असर ये होली का
- घाव गहरा था बहुत
- जख्म गहरा था
- ममता का सागर
- संस्मरण
- “डोर पकड़े हाथ”
- बिगाड़ने में नहीं बनाने में बहुत समय लगता है
- कांग्रेस के घाव पर मरहम जैसा है पुडुचेरी का परिणाम! Assembly Elections Puducherry 2016, Result analysis article in Hindi, Mithilesh
- पिया मिलन
- ना मैं भूलूंगा ना तुमको भूलने दूंगा
- आज भी है
- पुरुष समुंदर है,स्त्री समर्पण..
- मन प्रश्न कर रहे ------- कविता
- मचाना शोर तू हिन्दू है ना मुसल्मा है
- कैसे कह दूँ कि सवेरा हो गया
- इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के मायावी दृश्य
- मेहँदी
- माँ से मायका !
- पता है रास्ता बदनाम है
- ना मैं भूलूंगा ना तुमको भूलने दूंगा
- मानव आज भी पशु है
- उम्मीद कोई मुस्कुरा रहा
- 'हिन्दी' हिन्द की संवादमानस है
- दर्द अगर गहराई से गहरा होगा
- दर्द
- जज नियुक्ति -सरकार का दखल बंद हो
- मैं और मेरा प्रियतम
- अटल मृत्यु
- दर्द को तो दुआओं ने कम कर दिया,
- तमाम जिस्म ही घायल था
- माँ से बढकर कुछ नहीं.....
- भारतीय साहित्य से गहरा सम्बन्ध--
- खुशियों के बहाने।।
- खुद को पाया आज
- पेड़ लगाना सीखें
- हल
- कहीं कुछ भी नही है
- झुक सकता मेरा भारत महान नहीं
- कुछ गवाया ही नही
- “गजल”
- ग़ज़ल
- अलग
- सबक..!
- फिर उडी मिटटी,हवाएं धुंध बादल छा गया
- मुस्कान
- वो केवल मुस्कुराते हैं
- दादा - दादी मेरे बूढ़े हो चले...
- माता - पिता का महत्व ---- आचार्य अर्जुन तिवारी
- पपीहा बोले पीहू पीहू
- अब तो मैं रोशनी में से रोशनी छांटता हूँ
- कलमवार से :: बैंककर्मियों के लिए नोटबंदी बना 'पाइल्स', दर्द किसे बताएं-
- “विश्व दूर-संचार दिवस” ( 17 मई ) “World Telecommunication Day”
- तू उतना क़रीब आ जाती है
- कैसा प्यार
- “कुंडलिया”
- “कुंडलिया”
- होली
- मन का भंवर
- लगाओ रोक मत ,यूँ रफ़्तार पर,
- भगत सिहं का क्या है रिश्ता कानपुर से?
- मेरे अजीज
- छटपटाती रहीं और सिमटती रहीं कोशिशें बाहुबल में सिसकती रहीं। जुल्म जिस पर हुआ,कठघरे में खड़ा। करने वाले की किस्मत चमकती रही। दिल धड़कता रहा दलीलों के दर्मिया। जुल्मी चेहरे पे बेशर्मी झलकती रही। तन के घाव तो कुछ दिन में भर गये। आत्मा हो के छलनी भटकती रही। कली से फूल बनने के सपने लिए। बागवां में खिलती महकती रही। कुचल दी गई किसी के क़दमों तले। अपाहिज जिंदगी ताउम्र खलती रही। न्याय की आस भी बोझिल,बेदम हुई। सहानुभूति दिखावे की मिलती रही। सूरत बदली नहीं बेबसी,बदहाली की। ताजपोशी तो अक्सर बदलती रही। उपाधियों से तो कितने नवाजे गये। सत्य की अर्थी फिर भी उठती रही। ऐसी दुनिया न मिले की मलाल रहे। जहाँ जिंदगी मोम सी पिघलती रही। वैभव"विशेष"
- इस तरफ आओ इधर पहरा नहीं है
- "सत्साहित्य"
- जिंदगी भर का घाव
- प्रकृति और हम - ( वयस्कों केलिए )
- गहरा
- रंग चढ़ता हैं जो..
- हाथ पैर में झनझनाहट के कारण hath pair me jhunjhanaht ke karan
- सावन
- jindgi ka ajeeb safar
- सविनय अवज्ञा
- तीन मछलियां–
- “गजल”
- भंवर
अक्षरों पर क्लिक करके अन्य शब्द देखें