तुझे जितना दूर करना चाहूँ
तू उतना क़रीब आ जाती है
तुझे जितना भूलना चाहूँ
तू उतना याद आती है
दिल पर लिखे तेरे नाम को
जितना मिटाना चाहूँ
वो उतना ही गहरा हो जाता है
तेरी तस्वीर जितनी भी धुँधली हो जाए
तू उतना ही साफ़ नज़र आती है
तेरी आवाज़ सुनाई ना दे भी, अगर
तेरे स्वर मेरे पास ही जूँजते रहते हैं
तुझे जितना दूर करना चाहूँ
तू उतना क़रीब आ जाती है
२९ अप्रेल २०१७
जिनेवा