हम सब स्थायी खाता संख्या (पैन) कार्ड से परिचित हैं। आप एक भारतीय है या एक अप्रवासी भारतीय, आपको पैन कार्ड की जरूरत बेशक पड़ती है। आप कोई काम या नौकरी कर रहे हैं या नहीं, आप पैन कार्ड के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके आवेदन हेतु आयु, क्षेत्र या राष्ट्रीयता पर कोई प्रतिबंध नहीं है। स्थाई खाता संख्या (पैन) कार्ड भारत के आयकर विभाग द्वारा एक लैमिनेटेड कार्ड के रूप में जारी की जाने वाली दस अंकीय वर्णात्मक संख्या है। यह केवल कर भुगतान के लिए ही नहीं, बल्कि सभी प्रकार के वित्तीय लेन-देन के लिए उपयोगी है।
लेकिन क्या आप पैन कार्ड में अंकित दस अंकों की संख्या का मतलब जानते है ?
1. कोर क्षेत्र के पहले तीन अक्षर, AAA से ZZZ में चल रहे अंग्रेजी वर्णमाला श्रृंखला को दर्शाते है।
2. चौथा अक्षर पैन कार्ड धारक की सामाजिक स्थिति को प्रदर्शित करता है, जो निम्न में से एक होनी चाहिए :
- सी(C) – कंपनी
- पी(P) – व्यक्ति
- एच(H) – एचयूएफ (हिंदू अविभाजित परिवार)
- एफ(F) – फर्म
- ए(A) – व्यक्तियों के संघ (एओपी)
- टी(T) – एओपी (ट्रस्ट)
- बी(B) – व्यक्तिगत संस्था या समुदाय (बीओआई)
- एल(L) – स्थानीय प्राधिकरण
- जे(J) – कृत्रिम विधिक व्यक्ति
- जी(G) – सरकार
3. पैन का पांचवां अक्षर निम्न में से का पहला अक्षर होता है :
- “व्यक्ति” के सन्दर्भ में आपके उपनाम का पहला अक्षर या;
- अन्य सभी कारकों में इकाई, ट्रस्ट, सोसायटी, संगठन, एचयूएफ आदि के नाम का पहला अक्षर होता है।
4. अगले चार नंबर 0001-9999 अनुक्रमिक संख्या में चल रहे अनुक्रमांक होते हैं।
5. आखिरी अंक वर्णमाला चेक अंक कहलाता है जो कि पिछले नौ अक्षरों और नम्बरों के लिए एक फॉर्मूला लागू करने से बनता है।
तो अब इन बिन्दुओं पर गौर करने के बाद, आप अपने पैन कार्ड का मतलब जरूर जान गए हों।