दीवारों और कोनों में गंदगी देखकर महाराष्ट्र के अकोला जिले के कलेक्टर े नहीं रहा गया और मंगलवार को वह खुद सफाई के काम में जुट गए. कलेक्टर आस्तिक कुमार पांडे ने अकोला के लोक निर्माण विभाग के कार्यालय का औचक निरीक्षण किया और दीवारों को पान और गुटखा की पीक से रंगा पाया.
उन्होंने एक बाल्टी पानी और एक कपड़ा मंगवाया. एक स्थानीय टीवी चैनल पर प्रसारित हो रहे फुटेज में पांडे को दीवारों की गंदगी को साफ करते हुए देखा जा सकता है. इससे शर्मिंदा होकर कर्मचारियों ने उनसे कहा कि वे खुद से दीवारों को साफ करेंगे.
एक स्थानीय अधिकारी ने बताया कि कलेक्टर ने आश्वासन मिलने के बाद ही सफाई का काम छोड़ा. उसके बाद डीएम साहब ने उनसे दो दिनों के भीतर गंदगी को साफ करने का आग्रह किया. एक अधिकारी ने बताया कि पांडे ने अन्य विभागों का भी निरीक्षण किया. उन्होंने एक कोने में गोबर देखा तो एक झाड़ू लेकर खुद उसे साफ किया. इस तरह कलेक्टर साहब ने अपने मातहतों को कोई नसीहत नहीं दी लेकिन अपने आचरण के द्वारा लोगों को प्रेरित किया.
यूपी से है नाता
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आस्तिक कुमार पांडे उत्तर प्रदेश के गोंडा के रहने वाले हैं. 2011 बैच के महाराष्ट्र कैडर के आईएएस अधिकारी हैं. उनकी पत्नी मोक्षदा पाटिल आईपीएस हैं वह भी महाराष्ट्र कैडर से ही संबद्ध हैं.
अनुकरणीय काम के लिए मिला सम्मान
इससे पहले आस्तिक कुमार पांडे ने जलगांव में तैनाती के दौरान सराहनीय कार्य किया. उन्होंने आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल से जलगांव को खास पहचान दिलाई. उस दौरान उन्होंने माई जेडपी जलगांव नामक एण्ड्राइड फोन ऐप बनाकर जलगांव जिले को महाराष्ट्र का पहला हाईटेक जिला परिषद होने का खिताब दिलवाया.
स्कूलों में टीचरों की आनलाइन अटेंडेंस की नई किस्म की व्यवस्था लागू की. 500 से भी स्कूलों को डिजिटल प्रोजेक्टर से पढ़ाई की व्यवस्था सुनिश्चित कराई. उन्हें इस तरह के बेहतरीन काम के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सम्मानित कर चुके हैं. इसके तहत उनको राज्य स्तरीय तृतीय पारितोषक सम्मान पत्र प्रदान किया गया है.
Source: Zee News