यूपी सरकार के अल्पसंख्यक मामलों के राज्यमंत्री मोहसिन रजा ने कहा है कि अब मदरसों में भी ड्रेस कोड लागू होगा. उन्होंने कहा कि अब छात्र कुर्ता पयजामा पहनकर मदरसों में नहीं जा पाएंगे. प्रदेश सरकार जल्द ही उनके लिए नया ड्रेस कोड निर्धारित करेगी. मोहसिन रजा ने कहा कि ये कदम मदरसा शिक्षा के आधुनिकरण के लिए किया गया है.
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार मदरसा शिक्षा पैटर्न में सुधार के लिए तमाम कदम उठा रही है. इससे पहले भी मदरसा शिक्षा को लेकर कई बदलाव किए गए हैं. एक निजी चैनल से बातचीत में मोहसिन रजा ने कहा कि मदरसों में आमतौर पर बच्चे कुर्ता पैजामा और खासकर ऊंचे पजामे के कुर्ते पहन कर आते हैं, जिससे उनकी पहचान एक धर्म विशेष से होती है.
मदरसे के छात्रों के बीच इसे खत्म करना जरूरी है. ऐसे में मदरसों के बच्चे भी स्कूलों की बच्चे की तरह लगे इसलिए मदरसों में पैंट शर्ट पहनने या नए ड्रेस कोड को लेकर एक विचार चल रहा है और जल्द ही सरकार इस पर निर्णय लेगी.
इससे पहले मदरसों में एनसीईआरटी पैटर्न से पढ़ाई की किताबों से पढ़ाई कराना लागू कर दिया गया है. शासन की मुहर लगते ही उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद ने इन किताबों को मंगाने के आदेश जारी कर दिए हैं. मदरसा और शिक्षकों का डाटा ऑनलाइन करने के बाद विद्यार्थियों को बेहतर किताबें उपलब्ध कराने की पहल की. मदरसे के मुंशी, मौलबी, आलिम, कामिल और फाजिल कोर्स के अलावा शुरुआती कक्षाओं के छात्र छात्राएं अंग्रेजी, गणित, विज्ञान, भूगोल, सामाजिक विज्ञान, इतिहास आदि विषय की एनसीईआरटी की किताबें पढ़ेंगे.
उन्होंने कहा कि बाकी उर्दू और अरबी विषय की पढ़ाई पुरानी किताबों से होगी. जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी अनुपम राय ने कहा कि मदरसों में पहले से आधुनिक तालीम देने पर जोर है. हालांकि इसका स्तर पहले से बहुत खराब है. मदरसों में एनसीआईटी किताबें आने के बाद शिक्षा का स्तर सुधरेगा. एनसीईआरटी की वेबसाइट पर आनलाइन किताबें उपलब्ध हैं. विद्यार्थी चाहे तो आनलाइन किताबों को डाउनलोड कर सकते हैं
यूपी: मदरसा में पढ़ने वाले छात्र नहीं पहन सकेंगे कुर्ता-पायजामा