जम्मू कश्मीर में भाजपा और पीडीपी का गठबंधन आखिर टूट ही गया. कुछ दिनों से इस बात की चर्चा थी कि भाजपा सरकार से अलग होने के बारे में फैसला ले सकती है. आज दोपहर आखिर भाजपा की तरफ से पार्टी महासचिव राम माधव ने अपने फैसले का ऐलान कर दिया. इस बाबत एक चिट्ठी जम्मू कश्मीर के राज्यपाल एनएन वोहरा को भेज दी गई है. शाम तक मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती भी इस्तीफा दे सकती हैं. राम माधव ने ये भी कहा कि भाजपा का मत ये है कि जम्मू कश्मीर में राज्यपाल का शासन लगा देना चाहिए.
2014 में हुए चुनाव में जम्मू डिविज़न में भाजपा को जीत मिली थी और कश्मीर में पीडीपी को. इसके बाद एक साझा कार्यक्रम पर रज़ामंदी के बाद भाजपा-पीडीपी की सरकार बनी थी. मुख्यमंत्री पद पीडीपी को गया था.
राम माधव ने गठबंधन टूट के ये कारण गिनाए –
1. गृह मंत्रालय की तरफ से जम्मू कश्मीर सरकार को सहयोग मिला. लेकिन घाटी में सुरक्षा का माहौल बिगड़ा है. कट्टरपंथ बढ़ा है. घाटी में हालात सुधारने में सरकार का पीडीपी धड़ा विफल रहा है.
2. शुजात बुखारी की हत्या ये बताती है कि राज्य में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता भी खतरे में है.
3. लद्दाख और जम्मू में ये राय बन रही थी कि विकास के मामले में उनसे भेदभाव हो रहा है.
4. रमज़ान के महीने में किए गए एकतरफा संघर्षविराम को अपेक्षित सहयोग नहीं मिला. न उग्रवादियों की तरफ से, न अलगाववादियों की तरफ से.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गठबंधन टूटने के कुछ अंदरूनी कारण ये हैं:
1. भाजपा काडर में इस तरह की राय बन रही थी कि कश्मीर से जुड़े मसलों में महबूबा मुफ्ती को मिला फ्री-हैंड जम्मू में भाजपा के कोर वोटर को नाराज़ कर रहा था.
BJP pulls out of Jammu and Kashmir government, announcement of Governor rule soon