मध्य प्रदेश के रोलसाहबसर अस्पताल में बेडों की इतनी किल्लत है, कि एक बी बेड पर महिला और पुरुष मरीज को लिटा कर ड्रिप चढा दी गई।
आपने अस्पतालों के बदहाली की खबरें खूब पढी और देखी होगी, अस्पताल में एक बेड पर एक ही मरीज होना चाहिये, लेकिन सोशल मीडिया पर एक ऐसी तस्वीर वायरल हो रही है, जो हमारी स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल रही है। इस तस्वीर में एक ही बेड पर दो मरीजों को लिटा दिया गया है, और उनका इलाज किया जा रहा है। आपको बता दें कि ये वायरल तस्वीर मध्य प्रदेश के रोलसाहबसर की है, जहां के सरकारी अस्पताल का आलम ये है कि एक ही बेड पर दो मरीजों को लिटा कर ड्रिप चढाई जा रही है।
एक ही बेड पर महिला और पुरुष मरीज
मध्य प्रदेश के रोलसाहबसर अस्पताल में बेडों की इतनी किल्लत है, कि एक बी बेड पर महिला और पुरुष मरीज को लिटा कर ड्रिप चढा दी गई। महिला मरीज के घर वालों ने जब स्थिति देखी, तो अस्पताल में जमकर बवाल काटा,लोगों ने इसकी तस्वीर खींच सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी, जिसके बाद अब अस्पताल प्रबंधन से मामले में जबाव मांगा गया है।
क्या है मामला ?
नियम के अनुसार अस्पताल में महिला वार्ड अलग होना चाहिये, जहां महिलाओं का इलाज किया जा सके, लेकिन सीएचसी अस्पताल में सिर्फ चार बेड हैं, जब मरीज ज्यादा आ जाते हैं, तो एक ही बेड पर दो मरीजों को लिटाकर उनका इलाज किया जाता है।पीएचसी को साल 2013 में सीएचसी में कमोन्नत कर दिया गया था, लेकिन 5 साल बीत जाने के बाद भी ये अस्पताल निर्धारित मापदंड को पूरा नहीं करता है।
चिकित्सकों की कमी
सीएचसी अस्पताल में चिकित्सकों की भी कमी है, यहां ना तो बच्चों का डॉक्टर है और ना ही पूरे स्टाफ। मामले में अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि सीएचसी परिसर में रात में मरीजों के तिमारदारों का भी रुकने की कोई व्यवस्था नहीं है,जिसकी वजह से आये दिन तिमारदार हंगामा करते हैं, लेकिन सरकार की ओर से इस तरफ कोई कदम नहीं बढाया जा रहा है।
रात में लग जाता है ताला
रात के समय सीएचसी में ताला लग जाता है, पूरे स्टाफ ना होने की वजह से ड्यटी में अकसर परेशानी होती है। इसके साथ ही इसके पीछे पूरे गांव का गंदा पानी बहता है, एक तरफ गंदा पानी जहां बीमारियों और संक्रमण को न्योता दे रहा है,वहीं इसकी वजह से अस्पताल परिसर में बदबू फैला रहता है, कई लोगों ने इसकी शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती।
Source : लॉजिकलवार्ता