श्रीलाल शुक्ल की बेस्टसेलर ‘राग दरबारी’ में एक वन लाइनर है – जैसे कि सत्य के होते हैं, इस ट्रक के भी कई पहलू थे. वो याद है न आपको युधिष्ठिर का कहना – अश्वत्थामा मारा गया, किन्तु हाथी. तो बस सोशल मीडिया में तेज़ी से वायरल हो रही इस हैडिंग (भारतीय मुद्रा पर होगी पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी की तस्वीर) में भी सब कुछ सत्य होते हुए भी बहुत बड़ा घाल-मेल है. और इस हैडिंग के साथ शेयर की गई फोटो तो खैर ‘पिक्सेलशः’ असत्य है ही. चलिए आपको बिना लाग-लपेट के पहले सच्ची न्यूज़ बताते हैं, जिससे आपको सब कुछ खुद ब-खुद पता चल जाएगा. (वैसे सच्ची न्यूज़ तो वो भी है जो सोशल मीडिया में शेयर की जा रही है.) तो पारदर्शी खबर केवल एक लाइन की है कि – नरेंद्र मोदी की केंद्र की भाजपा सरकार 100 रुपए का नया सिक्का लॉन्च करने जा रही है. यानी मुद्रा तो है लेकिन नोट नहीं, सिक्का. और इस सिक्के पर देश के पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की तस्वीर इम्बॉस्ड यानी उभरी होगी. लेकिन ये वाले सिक्के स्पेशल तरीके के होंगे. स्पेशल माने? चलिए कुछ जीके यानि जनरल नॉलेज की बात करते हैं. दरअसल ये एक अच्छा जेस्चर तो है कि सिक्कों पर अटल बिहारी की तस्वीर होगी, लेकिन नया या यूनिक कतई नहीं. क्यूंकि ऐसे सिक्के हमेशा से ही छपते आए हैं. और हां इनमें से कोई एक सिक्का आपके हाथ लगा जाए, इसकी संभावना भी बहुत कम है क्यूंकि इन सिक्कों के ‘लिमिटेड एडिशन’ ही छपते, या यूं कहें ढलते, आए हैं. तो फिर ये सिक्के छपते ही क्यूं हैं? दरअसल इन सिक्कों की यूटिलिटी एक मुद्रा के बदले एक सोविनियर की तरह ज़्यादा है. संग्रह करने की चीज़ हैं ये सिक्के. यानी हो सकता है ऐसा कोई स्पेशल 100 रुपए का सिक्का हज़ारों या लाखों में बिके. और संग्रह करने की चीज़ें या तो स्पेशल ओकेज़न को, किसी स्पेशल व्यक्ति को या दोनों को डेडीकेट की जाती हैं. अतीत में रवींद्रनाथ ठाकुर की 150 वीं जयंती पर 150 रुपए का सिक्का भी छापा गया था. और ये 150 रुपए का सिक्का भी इकलौता नहीं था. सिक्के तो भारत में 500 रुपए के भी छप चुके हैं. स्पेशल सिक्कों की पूरी लिस्ट और इन सिक्कों की तस्वीरें आप नुमिस्ता नाम की वेबसाइट के इस वाले पेज पर जाकर देख और सर्च कर सकते हैं.