नाखूनों में सफेद सा अर्ध-चंद्राकार क्या होता है? क्या यहां पर नाखून डिस्कलर हो जाता है?
ऐसा सोचकर इसको खुरच ना देना. बहुत जालिम चीज है. माफ नहीं करती. नाखून वैसे तो नेल-कटर या ब्लेड से भी काट लेते हैं. पर ये वाला पार्ट बहुत सेंसिटिव होता है गुरु. लुनुला कहते हैं इसको. लैटिन भाषा का शब्द है ये. और तमाशा ये है कि इसका मतलब छोटा चांद होता है. इसी बात का रंज है हमें. हमारी भाषा में भी वही शब्द है, पर नाम लेना पड़ेगा लैटिन वाला. हम इसे चंदू कहकर नहीं बुला सकते क्या? पर लुनुला बोलने में थोड़ा क्यूट सा साउंड करता है.
चलिए ठीक है. जो भी हो. अब पढ़ते हैं इसके बारे में:
1. अंगूठे पर ज्यादा साफ दिखता है ये. पर हर इंसान में साफ नहीं दिखता. किसी की त्वचा इसको कवर कर लेती है. तो थोड़ा दिखता है, या नहीं दिखता. जिनके नासूर होता है, उनका ज्यादा दिखता है.
2. ये सफेद होता है. क्योंकि एपिडर्मिस का पांचवा लेयर होता है ये. कलरलेस. इसके नीचे खून वाली शिरायें होती हैं.
3. ये नाखून का जड़ होता है. अगर इसको डैमेज कर दिया जाये तो नाखून कभी उगेगा ही नहीं.
4. इस भाग को कोई हानि नहीं पहुंचनी चाहिए. ये बहुत ही नाजुक होता है.
5. ऐसा माना जाता है कि लुनुला के आधार पर इंसान के हेल्थ के बारे में भी बताया जा सकता है. अगर बिल्कुल ही नहीं दिखता तो खून की कमी भी हो सकती है. अगर सफेद ना दिख के पीला या नीला दिखे तो डायबिटीज होने की संभावना होती है. अगर लाल दिखे तो दिल का रोग हो सकता है. मतलब खुद ही ना इलाज करना शुरू कर दें, तुरंत डॉक्टर से मिलें. लाल तो इस वजह से भी हो सकता है कि 2000 वाला नया नोट बहुत देर तक हाथ में लिये हो. जमाने को जलाने के लिए.
6. अगर बहुत छोटा दिख रहा है तो पेट की गड़बड़ी रहती है. किसी-किसी वैद्य के बारे में सुना ही होगा कि हाथ देखकर रोग बता देता है. ये रोग तो ऐसे भी पकड़ा जा सकता है. जादू नहीं है.
7. दोनों हाथों को मिलाकर अगर कम-से-कम 8 लुनुला रहें तो बेहतर है. और शेप भी भरपूर रहे. एकदम दुखी टाइप का ना रहे. बुलंदी रहनी चाहिए. हाथी दांत के कलर का. जितना ज्यादा, जितना सफेद, इंसान उतना ही मजबूत.
8. लुनुला देखकर ये भी बता सकते हैं कि इंसान चंचल है या सुस्त. अगर गंदा सा दिखता है तो एकदम ही सुस्त कंटाला इंसान. अगर लाइट मार रहा है तो एकदम चंचल. एक बार पूछेंगे तो दस बार दिखाएगा अपना लुनुला.