हिम्मत और जज्बे की कई कहानियां सुनी होंगी. मगर एक कहानी असल में खेल के मैदान पर हुई है. क्या हो सीटी बजे और सभी धावक रेस जीतने के लिए दौड़ पड़ें. उनमें से एक का जूता खुल जाए. दौड़ भी कोई कम वाली नहीं, 3000 मीटर की स्टीपलचेज रेस. यानी 3000 मीटर की रेस में सिर्फ दौड़ना नहीं है, बल्कि बीच बीच में कूदना भी है. आप सोच रहे होंगे बेचारा रनर तो जूता संभालने में ही पिछड़ गया होगा. मगर नहीं यहां जिसका जूता खुल कर गिर गया उसी धावक ने रेस जीत ली.
पहले वीडियो देखिए-
ये हुआ है स्विजरलैंड में हो रही IAAF डायमंड लीग में जहां केन्या के रनर कॉन्सेसलस किपरुतो का बाएं पैर का जूता खुलकर निकल गया. मगर इस शानदार एथलीट ने इसकी परवाह नहीं की और वो बिना जूते के ही दौड़ता रहा. उसने इस रेस के सारे पड़ाव पार किए और पूरी दूरी को अपने हौंसले से पार किया. उसने दूसरे नंबर के धावक 0.4 सेकंड के अंतराल से हराया. फिनिश लाइन पार करने के बाद किपरुतो लंगड़ाते दिखे क्योंकि नंगे पांव उनका एक पैर जख्मी हो गया था. रेस जीतने के बाद इस रनर ने एक ट्ववीट करके कहा कि “बिना जूते के भागना कठिन और दर्दभरा था मगर मैं किसी भी कीमत पर हार मानने वाला नहीं था. दर्शक मेरे साथ थे और मैं जीतने के लिए दौड़ रहा था. ”
किपरुतो इस वक्त ओलंपिक में गोल्ड मेडलिस्ट हैं और वर्ल्ड चैंपियनशिप भी जीत चुके हैं.
इस जीत के बाद सोशल मीडिया पर लोग इस धावक की इस बहादुरी को दाद दे रहे हैं.