88 साल के योगी प्रहलाद जानी देशभर में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी चर्चा का विषय बने हुए हैं। इंटरनेशनल कम्युनिटी ने इन्हें ‘ब्रिदेरियन’ (मतलब, हवा पर जिंदा रहने वाला) नाम दिया है। दरअसल, गुजरात के चारोद गांव के रहने वाले योगी प्रहलाद का दावा है कि बीते सात दशक से उन्होंने न तो अनाज का एक दाना ग्रहण किया है और न ही एक बंदू पानी पिया है। लेकिन इसके बावजूद वे तंदुरुस्त हैं। बता दें कि लोग इन्हें ‘चुनरी वाली माता’ नाम से पुकारते हैं।
इन पर हो चुके हैं कई टेस्ट…
– योगी प्रहलाद के दावों को लेकर डॉक्टर से लेकर वैज्ञानिक तक काफी माथापच्ची कर चुके हैं। इस रहस्य से पर्दा उठाने के लिए प्रहलाद को लेकर कई मेडिकल टेस्ट और रिसर्च भी हुए। लेकिन वैज्ञानिक यह गुत्थी नहीं सुलझा पाए कि आखिर यह शख्स बिना दाना-पानी के जिंदा कैसे है। गौरतलब है कि प्रहलाद की केस स्टडी करने वाले वैज्ञानिकों की लिस्ट में देश के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम भी शामिल थे।
CCTV से भी मॉनिटरिंग तक हुई
2010 में डिफेंस इंस्टीट्यूट ऑफ साइकॉलोजी एंड अलाइड साइंसेस (DIPAS) और डिफेंस रिसर्च एंड डेवलमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) ने योगी प्रहलाद को अपने ऑब्जर्वेशन में रखकर रिसर्च किया। तब वैज्ञानिकों की टीम ने CCTV कैमरे के जरिए 15 दिनों तक चौबीसों घंटें उनकी निगरानी की। यहां तक कि उनके आश्रम के पेड़-पौधों का भी टेस्ट किया। लेकिन नतीजा सिफर रहा। बाद में कहा गया कि योगी सच कह रहे हैं।
दावा- गंभीर बीमारियों का करते हैं इलाज
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस योगी का दावा है कि वह कई ऐसी बीमारियों का इलाज कर सकते हैं, जिसका इलाज डॉक्टरों के पास भी नहीं है। दावा है कि वह एड्स, एचआइवी जैसी गंभीर बीमारियों का इलाज सिर्फ एक फल देकर कर सकते हैं।
महिलाओं की तरह करते हैं श्रृंगार
– प्रहलाद जानी का जन्म 13 अगस्त, 1929 को हुआ था। महज 10 साल की उम्र में ही उन्होंने अध्यात्मिक जीवन के लिए अपना घर छोड़ दिया था। एक साल तक माता अम्बे की भक्ति में डूबे रहे। जिसके बाद वह साड़ी, सिंदूर और नाक में नथ पहनने लगे। वह महिलाओं की तरह श्रृंगार करते हैं। पिछले 50 साल से योगी अहमदाबाद से 180 किलोमीटर दूर पहाड़ी पर अम्बाजी मंदिर की गुफा के पास रहते हैं।
Source: dainik bhaskar