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अपराध

hindi articles, stories and books related to Apradh


आज राजू के परि

EVERYTHING IS

अमिता, रेणु  एक ही मुहल्ले में बहु बन कर आई, समय के सांथ दोनों ह

  ओ जिंदगी मेरे घर आना,
 अकारण ही मौत के घाट
उतार द

तुम मुझे गिरा देना

अपने विकृत मिथ्या से।

छलनी कर देना

मेरे चित्त को अपने

आज कल पाप बढ़ता ही जा रहा है लालच उसमे और वृद्धि करता है सर्कार ने हॉल में ही घोसणा की थी<

देश है चुप पर अत्याचार जारी है सिर्फ औरत का कुशुर नहीं हम सबने बेशर्मी संभाली है।

है परेशानी स

यह दुनिया धोखेबाजों से भरी पड़ी है। जिनकी फितरत ही सीधे सादे लोगो को धोखा देना होता है। मासूम ह

अरे लड़कियों को आज 

भी आजादी नहीं मिली
समाज में बेटी सुरक्षित
होकर कभी

नशीली दवाओं की बिक्री और खपत के लिए कुख्यात दिल्ली के एक इलाके को नशामुक्त बनाने के लिए दिल्ली

कुसुम अकेले कमरे में बैठे अपने साथ हुए विश्वासघात के बारे में सोच सोच कर रोती रही...। 


पिछले भाग में आपने पढ़ा कमु गंगा सिंह को बताता है कि उस रात कमु के घर में आग कमु के पिता ने ही लगाई थ

पिछला - आपने अब तक पढ़ा कमु और गंगा सिंह अतीत की तह खोल रहे है,कमु को याद आता है कि कैसे बचपन में उसन

पूरी कहानी जानने के लिए पिछले भाग पढ़े...... 



शाम ढल कर रात को

पिछले भाग में आपने पढ़ा। रात के वक़्त पूरी तरह  भीगी हुई  तारा ने एक बार फिर कमु का कमरा चेक

पिछले भाग में आपने पढ़ा ज्ञान सिंह जंगल में मरा हुआ मिलता है और सबका मानना है ये सुजान के भूत या उसके

पिछले भाग में आपने पढ़ा....

कुशराण नाम के एक पहाड़ी गांव में एक बीमारी फैली है जिस बीमारी से सिर्फ

उसने पूरी निर्दयता से उसके गले पर एक वार किया कुछ पल उसी तरह झुक कर ब

इस भाग में कुछ शब्द कहानी को मद्देनज़र रखते हुए लिखें गए हैं... हो सकता हैं वो आपत्तिजनक लगे...

पार्ट 1= मेरी डायरी पड़ने बाले लोगों के लिए मेरा तहे दिल से #अस्समुअलैकुम,जय हिंद, प्रणांम,राम-

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