अमिता, रेणु एक ही मुहल्ले में बहु बन कर आई, समय के सांथ दोनों ह
ओ जिंदगी मेरे घर आना,
अकारण ही मौत के घाट
उतार द
तुम मुझे गिरा देना अपने विकृत मिथ्या से। छलनी कर देना मेरे चित्त को अपने
आज कल पाप बढ़ता ही जा रहा है लालच उसमे और वृद्धि करता है सर्कार ने हॉल में ही घोसणा की थी<
देश है चुप पर अत्याचार जारी है सिर्फ औरत का कुशुर नहीं हम सबने बेशर्मी संभाली है।
अरे लड़कियों को आज
कुसुम अकेले कमरे में बैठे अपने साथ हुए विश्वासघात के बारे में सोच सोच कर रोती रही...।
पिछले भाग में आपने पढ़ा कमु गंगा सिंह को बताता है कि उस रात कमु के घर में आग कमु के पिता ने ही लगाई थ
पिछला - आपने अब तक पढ़ा कमु और गंगा सिंह अतीत की तह खोल रहे है,कमु को याद आता है कि कैसे बचपन में उसन
पूरी कहानी जानने के लिए पिछले भाग पढ़े......
पिछले भाग में आपने पढ़ा। रात के वक़्त पूरी तरह भीगी हुई तारा ने एक बार फिर कमु का कमरा चेक
पिछले भाग में आपने पढ़ा ज्ञान सिंह जंगल में मरा हुआ मिलता है और सबका मानना है ये सुजान के भूत या उसके
पिछले भाग में आपने पढ़ा....
उसने पूरी निर्दयता से उसके गले पर एक वार किया कुछ पल उसी तरह झुक कर ब