बीजापुर के सुल्तान इस्माइल आदिलशाह को डर था कि राजा कृष्णदेव राय अपने प्रदेश रायचूर और मदकल को वापस लेने के लिए हम पर हमला करेंगे। उसने सुन रखा था कि वैसे राजा ने अपनी वीरता से कोडीवडु, कोंडपल्ली, उ
मैं आगे चलता रहा तभी एक बड़ा सा काला दब्बा दिखाई दिया मां ने मुझे बुलाया और उसमें अंदर आने के लिए कहा मैं भी उछल कर अंदर चला गया मैंने देखा वहां ढेर सारा खाना था मैं खाना खाने लगा साथ में मेरे सभी भाई
क्या मैं बड़ा हो गया हूं माँ ....पता है आज कितनी खुशी का दिन है आज मैं बाहर इस दुनिया को देखूंगा मां कहती है इस दुनिया का सबसे बड़ा खतरनाक जानवर इंसान है उससे बचकर रहना अब मुझको इंसान को भी
इन दिनों मेरे बेटे का १० वीं के प्री-बोर्ड के पेपर चल रहे हैं। कल उसका आईटी का पेपर हैं। आज बड़े सवेरे उसके पंच मित्र मण्डली में से सबसे घनिष्ठ मित्र अश्विन आ धमका। इतनी सुबह उसे आता देखकर मैं च
मेरा जन्म कब हुआ यह नहीं पता मुझे । न समय न दिन पर यह पता है कि मेरे दो भाई एक बहन है और चौथा मैं सबसे छोटा मैं सड़क के किनारे एक बड़े पानी के पाइप में रहता हूं शायद यहां ही मेरा जन्म हुआ मेरी
नारियल के पेड़ बड़े ही ऊँचे होते हैं और देखने में बहुत सुंदर होते हैं | एक बार एक नदी के किनारे नारियल का पेड़ लगा हुआ था | उस पर लगे नारियल को अपने पेड़ के सुंदर होने पर बहुत गर्व था | सबसे ऊँचाई पर बैठन
एक बहुत बड़ा जंगल होता था चारो तरफ हरयाली ही हरयाली जहाँ सभी जानवर बहूत ख़ुशी ख़ुशी रहते थे । और एक दूसरो की बुराइयां भी करते थे और हँसी माजक भी होता था और फिल्मो की बाते भी होती थी वहाँ एक चूहा
सारा जहाँ है जिसकी शरण में,नमन है उस माता के चरण में,बने उस माता के चरणो की धूल,आओ मिल कर चढ़ाये श्रद्धा के फूल।जय माता दी
आयी हुई मृत्यु से कहा अजेय भीष्म ने कि 'योग नहीं जाने का अभी है, इसे जानकर, रुकी रहो पास कहीं'; और स्वयं लेट गये बाणों का शयन, बाण का ही उपधान कर ! व्यास कहते हैं, रहे यों ही वे पड़े विमुक्त,
वह कौन रोता है वहाँ- इतिहास के अध्याय पर, जिसमें लिखा है, नौजवानों के लहु का मोल है प्रत्यय किसी बूढे, कुटिल नीतिज्ञ के व्याहार का; जिसका हृदय उतना मलिन जितना कि शीर्ष वलक्ष है; जो आप तो लड़
उस दिन अभागिनी संध्या की अभिशप्त गोद में गिरे देश के पिता, राष्ट्र के कर्णधार, जग के नर-सत्तम, भारत के बापू महान प्रर्थना-मंच पर इन्द्रप्रस्थ के अंचल में गोली खाकर । कहने में जीभ स
(१) संसार पूजता जिन्हें तिलक, रोली, फूलों के हारों से, मैं उन्हें पूजता आया हूँ बापू ! अब तक अंगारों से । अंगार, विभूषण यह उनका विद्युत पी कर जो आते हैं, ऊँघती शिखाओं की लौ में चेतना नई भर जा
9 फरवरी 2022 बुधवारमेरी प्यारी सखी, आज वर्कशॉप में कितना कुछ सीखने को मिला। कई बार हम प्रशिक्षण द्वारा बहुत कुछ सीखते हैं। अगर सीखने का उद्द
(२)हे भगवान उसकी बीवी हाथ पकड़कर चिल्लाई। यह कैसा अजीब दिन है? मछली पकड़ने
एक समय की बात है एक किसान अपनी बीवी के साथ रहता था। लेकिन बीवी को गप मारने का बहुत शौक था। उसके पेट में कोई भी बात नहीं पचती थी। वह ज्यों ही कोई बात सुनती त्यों ही उसे पूरे गांव में सुना आती।एक
रामचन्द्र को लक्ष्मण के मरने का समाचार मिला तो मानो सिर पर पहाड़ टूट पड़ा। संसार में सीताजी के बाद उन्हें सबसे अधिक परेम लक्ष्मण से ही था। लक्ष्मण उनके दाहिने हाथ थे। कमर टूट गयी। कुछ दिन तक तो उन्हों
किन्तु अभी रामचन्द्र की विपत्तियों का अन्त न हुआ था। उन पर एक बड़ी बिजली और गिरने वाली थी। एक दिन एक साधु उनसे मिलने आया और बोला-मैं आपसे अकेले में कुछ कहना चाहता हूं। जब तक मैं बातें करता रहूं, कोई द
सीता को त्याग देने के बाद रामचन्द्र बहुत दुःखित और शोकाकुल रहने लगे। सीता की याद हमेशा उन्हें सताती रहती थी। सोचते, बेचारी न जाने कहां होगी, न जाने उस पर क्या बीत रही होगी ! उस समय को याद करके जो उन्ह
जहां सीता जी निराश और शोक में डूबी हुई रो रही थीं, उसके थोड़ी ही दूर पर ऋषि वाल्मीकि का आश्रम था। उस समय ऋषि सन्ध्या करने के लिए गंगा की ओर जाया करते थे ! आज भी वह जब नियमानुसार चले तो मार्ग में किसी
नदी के पार पहुंचकर सीताजी की दृष्टि एकाएक लक्ष्मण के चेहरे पर पड़ी तो देखा कि उनकी आंखों से आंसू बह रहे हैं। वीर लक्ष्मण ने अब तक तो अपने को रोका था, पर अब आंसू न रुक सके। मैदान में तीरों को रोकना सरल