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बाल-साहित्य

hindi articles, stories and books related to Bal-sahitya


                            (२)क्या करता, अंत में वह उस बोतल को लेकर वापस घर लौट आया। उस समय उसकी पत्नी हाथ सेंक रही थी। जब उसने द

                             (१)बहुत दिन पहले की बात है पूर्वी भारत में एक किसान रहता था, उसका नाम था जॉन। वह बहुत गरीब किसान

एक दिन चीकू टीवी पर चल रहे न्यूज़ को देख कर चौक पड़ा। इंडियन पब्लिक स्कूल के बच्चों से भरी बस पलट गई थी। इस समाचार को सुनते ही जैसे चीकू के होश उड़ गए।ओ माय गॉड यह तो मेरे ही स्कूल की बस है। अरे यह तो

एक दिन एक किसान मेले से अपने लिए सामान लेकर घर लौट रहा था। उसकी पत्नी उसके साथ नहीं थी। कारण लौटने वाला रास्ता जंगली इलाके से भरा हुआ था और किसान नहीं चाहता था कि अकारण ही कोई भी विपदा हो।किसान ने मेल

एक दिन एक जौहरी और एक लौह व्यापारी अपने अपने गधे पर अपने अपने सामान को लेकर व्यापार करने के उद्देश्य से जा रहे थे। जौहरी के गधे की पीठ पर रेशम का कपड़ा था और उसमें स्वर्ण मुद्राएं तथा अनेकों कीमत

एक जंगल में एक सुनहरी चिड़िया रहती थी। उस सुनहरी चिड़िया की विशेषता थी कि जब भी वह गाना गाती थी उसकी चोंच से चमकदार मोती गिरते थे। एक दिन एक बहेलिया ने उसे पकड़ लिया। उसे पकड़ कर अपने घर ले गया औ

भोर भई दिन है निकलादेखो उठ कर आसमान मेंभास्कर की लालिमा है छाईकोयल गाएपपीहा भी बोलेमोर का भी तन मन डोलेभोर भई......उठ कर जल्दी करो स्नानथोड़ा सा व्यायाम करो तुममन लगाओ दो ईश्वर में ध्यान

शिलान्यास सी  खड़ी  एक नार अपने समय की  प्रतीक्षा कर  आज भी जड़ है  अपने चेतन मन के अंतर में  कब होगा  उसका भी प्रादुभाव पुरषों की इस विसंगति में           (राम)  उद्धारक केवल तुम बने  अनुसरण हुई केवल

 एक नदी के किनारे एक मंदिर था. मंदिर के निकट ही एक विशाल पेड़ थे जिस पर बंदरों की एक टोली रहती थी. मोती उस टोली का सरदार था.  हर मंगलवार के दिन मंदिर में खूब भीड़ होती थी. उस दिन पास के गाँव के सभी ल

   सोन चिड़ियाँ एक बहुत खूबसूरत थी उसके पंख भी बहुत सुंदर थे। उसका स्वाभिमान उसके लिए बहुत प्यारी थी। वो अपने स्वाभिमान के लिए कोई ऐसा काम नही करती जिससे कोई उसे दोषी ठहरा सके।   

जे॰ के॰ रोलिंगजे. के. रोलिंग का असली नाम जोआन मुर्रय है, जिसका इस्तेमाल वे निजी जीवन में करती हैं। उनका जन्म 31 जुलाई 1965 को इंग्लैण्ड के येट, ग्लोसेस्टरशायर नामक स्थान पर हुआ था। उनके पिता पीटर जेम्


लता मंगेसकर की जीवनी
Desh ki Didi Lata Didi (Lata Mangeshkar)

“नाम गुम जाएगा,चेहरा ये बदल जायेगा।

मेरी आवाज ही पहचान है,

लता मंगेसकर की जीवनीDesh ki Didi Lata Didi (Lata Mangeshkar)“नाम गुम जाएगा,चेहरा ये बदल जायेगा।मेरी आवाज ही पहचान है,गर याद रहे।।”भारत की स्वर-कोकिला,सुर-सम्राज्ञी,एक ऐसी आवाज,जो किसी पहचान की मोहताज

    एक जुगनू और एक मधुमक्खी मे बहुत गहरी दोस्ती थी। मधुमक्खी हमेशा रातों मे ही अपनी छत्ता मे शहद जमा करती । रात के अंधेरो मे जुगनू हमेशा मधुमक्खी को अपनी रोशनी 💥💥से हमेशा जुगनू को उसके छत्

 लंबू और छोटू चोर थे. परन्तु आजतक उन्होंने छोटी-मोटी चोरियाँ ही की थीं. इस कारण अन्य चोर उनका मज़ाक उड़ाते थे.  एक दिन छोटू ने लंबू से कहा, “भाई, नाम और दाम कमाने का सुनहरा अवसर मिल रहा है.”  “कैसे?

किष्ना और चिंकी..... इनकी कहानी मनगढंत नहीं है.... इन दोनों से मेरी मुलाकात एक सफर के दौरान हुई थी...। क्या हुआ आगे इनकी जिंदगी में और कैसे मुलाकात हुई मेरी इनसे जानते हैं इस अंतिम भाग

Alok a Religion Flag of India yeh story alok naam ke ak sautele bete par Aadharit hai. Jo bachpan se apne pita aur Sauteli maa ke Durvyavahar aur Atyachar se pidit rehta hai. Alok ki ak Bhumi Naam ki

बुलंद हौसलें कहाँ ठहरते है , सिर्फ इतना सा पाकर,ये तो शुरुआत है,भरना अभी लम्बी उड़ान बाकी है,छोटा सा जहाँ ही आया है "गगन"हिस्से में अभी तक,ठहरना नहीं है, पाना अभी सारा आसमान बाकी है।गगन शर्मा...✍️हिंदी

तेरा साया बनूं मेरी मां,बचपन में थामी उंगली मेरी,गिरता मैं था और तू रोती बड़ी,मुझे यूं उठाकर सीने से लगाकर,मेरा लाल है तू, पुचकारियों में तू मुझे बताती थी,ऐसी थी तू मेरी मां.......तेरे बिन मैं अधूरा ह

अगले दिन तड़के ही चींकी के पिता पास की बस्ती में चले गए.... इस उम्मीद में की शायद वहाँ से कुछ खाने का इंतजाम हो जाए..। दोपहर होने को आई थी पर उनकी कोई खबर नही थी... यहाँ घर पर चिंकी और किष्ना की

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