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दैनिक_प्रतियोगिता

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दूसरी तरफ अमन जी मिड डे मील बनाने वालियों से उलझे हैं - परसों भी तुमने सब्जी में पानी अधिक डाल दिया । सब्जी एक तरफ और पानी दूसरी तरफ जा रहा था । यह नहीं चलेगा । एक मिड डे मील बनाने वाली बोली -ज्यादा

यह तो पूरी दुनिया जानती है की नारी देवी का अवतार व देवी की तरह ही पूजनीय होती है | किन्तु क्या आज के समय में वाकई में ऐसा है या हो रहा है | तो जवाब है नही वो इसलिये की आज के समय में "इंसान ही इंसान का

         राजकीय शिक्षालय का दृश्य। हर शिक्षक बहुत व्यस्त है । एक शिक्षक संगणक पर उलझे हैं । आँखों पर मोटा ऐनक । ऐनक के नीचे आँखों में गंगा जल की धारा बहनें को उतारू । समझ में नहीं आ रहा कि यह झरना ल

मनाव जीवन जो आज हम सभी लोग जी रहे है वो केवल महिलाओ या नारी  के कारण ही संभव हो पाया है। नारी ही है जो अपने बच्चे को नौ महीने तक अपने पेट में रख कर उसे जन्म देती है।         एक औरत कितने रिश्तों मे

20/9/2022प्रिय डायरी,                आज का शीर्षक है नारी शक्ति का दुरुपयोग,नारी उस वृक्ष की भांति है जो विषम परिस्थितियों में भी तटस्थ रहते हुए राहगीरों क

नारीशक्ति का दुरुपयोगऔरतों के अधिकारों को ध्यान में रखते हुए उनकी सुरक्षा के कुछ नियम कानून जारी किए गए है। बेशक समाज का निर्माण नारीशक्ति से हुआ है, नारी पुरुष जीवनदायनी है।तो नारी सुरक्षा का ख्याल र

हैलो सखी।कैसी हो ।कल रात तो जम कर मेघा बरसे ।बस देहली शोप पर आते समय थोड़ा रास्ते मे दिक्कत होती है जगह जगह जल भराव हो जाता है बाकी जो मौसम मे उमस थी उससे काफी निजात मिली।शोप पर आकर बैठे और मोबाइल खोल

कहाँ रहे वो पुरुष संत सरीखे,कहाँ उनका वो साधु ह्रदय !कहाँ आँखों में निश्छलता वो ,कहाँ सद्पथ पर उनकी सुर लय!!शुचिता से कोसों दूर ,'नूतन' वे नर तो हुए कपूर ,नर आज के तो अत्याचारी हैं ,काम वासना में तप्त

माल !! ******* बाँझपन रूपी विपत्ति को, मात देकर,नारियों ने, नरों को, अपने नर्क से निकाला है ! जिन्होंने, अनगिनत नरों को, संसार रूपी कम्प्यूटर में, साफ्टवेयर सा डाला है !! अनगिनत नरों ने, नारियों से ज़ि

हे मानव क्यों स्वार्थी बनता जा रहा है।धन दौलत के मंद में खोता जा रहा है।।ढूंढता जिस ईश्वर को मंदिर मस्जिदों में।वह बसता है हर मनुष्य के दिलों में।।तेरे स्वार्थों का महत्व बढ़ता जा रहा है।मानव तेरे हित

सुनो ये पुरुष की कहानीकब कहते है अहसास अपनेकोई पुरुष अपनी जुबानीगम सारे खामोशी से सहते हैनर्म दिल रखते हुए भीकठोरता का मुखौटापहने रहते हैआंखो दिखी नही इनके नमीइसका मतलब ये नहीदिल में जज्बातों की है&nb

तुम मेरे इन हाथों के लकिरो में हो ...तुम्ही मेरी हर आती जाती , सांसों में समाई हो ...हाँ ! तुम मेरी जिंदगी हो ...तुम मेरे जीवन में खुशियां बन कर आई हो ...मेरे दिल पे राज करने वाली रानी हो तुम ...बिन

मृत्यु :         आखिरकार शिकार के दौरान लगी चोटों की वजह से महारणा प्रताप 19 जनवरी 1597 को चावंड में स्वर्ग सिधार गये...

घोड़ा चेतक :         महाराणा प्रताप की वीरता के साथ साथ उनके घोड़े चेतक की वीरता भी विश्व विख्यात है| चेतक बहुत ही समझदार और वीर घोड़ा था जिसने अपनी जान दांव पर लगाकर 26 फुट गहरे दरिया से कूदकर महाराणा

हल्दीघाटी का युद्ध :         हल्दीघाटी का युद्ध भारत के इतिहास की एक मुख्य कड़ी है। यह युद्ध 18 जून 1576 को लगभग 4 घंटों के लिए हुआ जिसमे मेवाड और मुगलों में घमासान युद्ध हुआ था। महाराणा प्रताप की सेन

आरंभिक जीवन : महाराणा प्रताप का जन्म कुम्भलगढ दुर्ग में हुआ था। महाराणा प्रताप की माता का नाम जैवन्ताबाई था, जो पाली के सोनगरा अखैराज की बेटी थी। महाराणा प्रताप को बचपन में कीका के नाम से पुकारा जा

लालच के घोर अंधेरे में,संतोष का राज नहीं होता।जो धन के मद में अंधे हो, शांति का माहौल नहीं होता।।जो पाकर धन को फूल गए,हर रिश्ते नाते को भूल गए।जीवन के सद्गुण मौन हुए,जो अवगुण के फंदे झूल गए।।जो वक्त क

ढेरों अंधविश्वास को थामे चली आई है और चलती रहेंगी ये दुनिया,मक्खियों को राजा बदलने की ख़बर सुनाने की सुनी हमने कहानी।।

मेरे संघर्ष की कहानी बस है इतनी सी रानी लबों पर मुस्कान और आंखों में गहरा पानी।।

प्यारी डायरी..               प्रणाम, कैसी हो, आशा करती हूं कि अच्छी होगी। सखी, आज जिस विषय पर तुमसे बात करनी हैं, वह हैं- "अंधविश्वास" अर्थात अं

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