यूँ तो हम जब पढ़ना शुरू करते है तो जो भी कोई पुस्तक माता-पिता द्वारा हमे पढ़ाई जाती है | वही हमारी पहली पुस्तक होती है |किन्तु प्रार्थी का यह मानना है की अगर कोई पुस्तक पढ़कर के इंसान का जीवन बदल दे | और
यूँ तो हम जब पढ़ना शुरू करते है तो जो भी कोई पुस्तक माता-पिता द्वारा हमे पढ़ाई जाती है | वही हमारी पहली पुस्तक होती है |किन्तु प्रार्थी का यह मानना है की अगर कोई पुस्तक पढ़कर के इंसान का जीवन बदल दे | और
यूँ तो हम जब पढ़ना शुरू करते है तो जो भी कोई पुस्तक माता-पिता द्वारा हमे पढ़ाई जाती है | वही हमारी पहली पुस्तक होती है |किन्तु प्रार्थी का यह मानना है की अगर कोई पुस्तक पढ़कर के इंसान का जीवन बदल दे | और
यूँ तो हम जब पढ़ना शुरू करते है तो जो भी कोई पुस्तक माता-पिता द्वारा हमे पढ़ाई जाती है | वही हमारी पहली पुस्तक होती है |किन्तु प्रार्थी का यह मानना है की अगर कोई पुस्तक पढ़कर के इंसान का जीवन बदल दे | और
यूँ तो हम जब पढ़ना शुरू करते है तो जो भी कोई पुस्तक माता-पिता द्वारा हमे पढ़ाई जाती है | वही हमारी पहली पुस्तक होती है |किन्तु प्रार्थी का यह मानना है की अगर कोई पुस्तक पढ़कर के इंसान का जीवन बदल दे | और
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एक प्यासा आदमी एक कुएं के पास गया, जहां एक जवान औरत पानी भर रही थी. उस आदमी ने औरत से थोड़ा पानी पिलाने के लिए कहा खुशी से उस औरत ने उसे पानी पिलाया। पानी पीने के बाद उस आदमी ने औरत से पूछा कि आप मुझे
जिंदगी से परेशान हैं हर आदमी।एक दौड-भाग भरी हो गई जिंदगी।।भूल गये है रिश्ते किस कदर निभाने है।घर में रहकर भी अपने हुए पराए हैं।।मोबाइल की दुनिया में लोग समा गए हैं।रिश्ते की कीमतों को वाट्सएप इंस्टाग्
अब तक आपने देखा उसकी ननंद ने कुछ जूलरी और मेकअप की चीजें , उसके बैग से निकाल कर ड्रेसिंग टेबल पर रख दी थी ताकि , प्रतिक्षा जब आए तो उसे ज्या
दोस्तों मै आपको इस लेख मे सबसे आसान भाषा में जैविक खेती के बारे बता रहा हूँ सालों पहले लोग जैविक खेती करते थे , जैविक खेती मतलब, लोग जैविक खेती में फसलों के विकास के लिए किसी भी रसायन खाद के बज
जैसे-जैसे जनसंख्या बढ़ने लगी। भोजन की आपूर्ति में कमी आने लगी। किसान फसल की प
अब ऐसा समय आ गया है जहां देखो हर व्यक्ति किसी न किसी बीमारी से पीड़ित है। जिसमें हदयरोग, मधुमेह, ब्लडप्रेषर, आंख, नाक, कान, गले व फेफड़े संबंधी रोग, किडनी संबंधी, त्वचा संबंधी और ऐसी न जाने कितनी ऐसी बी
Hello friends 🙏जैसे - जैसे हम आगे की उन्नति की तरफ अपने कदम बढ़ा रहें हैं , वैसे - वैसे कुछ बची - खुची जैविक खेती भी लुप्त होती जा रही है । आज के दौर में अधिक फसल उगाने के लिए रासायनिक खादों का प्रयो
हम उसे कितना चाहते हैं ,ये कैसे जताए ...क्या अहमियत रखता है वो मेरे लिए ,ये कैसे बताए ...होंगी उसकी खूबसूरती पर मरने वाली लाखों दिवानी , पर ये दिल तो उसकी नटखट अदा और मासूमियत पर मरता है ,❤️❤️❤️❤
एकाएक सम्राट ग्लास उठाया और श्रेया की होंठ से लगा दिया - पीयो नहीं तो मैं तुमसे नाराज हो जाऊंगा । और हां ! तुम्हें तो ऑरेंज जूस पसंद है ना तो फिर ! और मैंने इसमें विटामिंस की गोलियां भी डाली है । जो त
**जैविक खेती**कृषि प्रधान देश भारत वर्ष में ग्रामीण अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार कृषि है और कृषकों के आय का मुख्य स्रोत खेती है । हरित क्रांति के समय से बढ़ती हुई जनसंख्या को देखते हुए आय की दृष्टि से उत
मुझे याद है बचपन में हमारे गाँव के खेतों की फसलें हो या घर की बावड़ियों में उगाई जाने वाली साग-सब्जियां, किसी में भी रासायनिक खाद का प्रयोग बहुत दूर की बात थी। उस समय कोई नहीं जानता था कि गोबर के अलावा