मंगलवार का दिन बजरंगबली का होता है और इस दिन इनकी पूजा करने से हर किसी की मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। बस इस पूजा को बहुत अच्छे और सावधानीपूर्वक करना चाहिए जिससे हनुमानजी को प्रसन्न करने में आसानी रहे। इसके अलावा कुछ ऐसे भी पर्व होते हैं जिस दिन हनुमानजी की पूजा करने से उचित लाभ मिलता है। और इस बार
वृषभ राशि वाले जातको के लिए कोनसी राशि के जातक मित्र है और कोनसी राशि के जातक शत्रु ,यह जानना बहुत जरुरी है| यदि आपकी राशि वृषभ है तो आपको किन राशि वालो से मित्रता करनी चाहिए और किन राशि वालो से दूर रहना चाहिए | यह भी वृषभ राशि वालो के लिए
*सनातन धर्म में समय - समय पर अनेक व्रत / त्यौहार मनाये जाते रहते हैं | यहाँ शायद ही कोई दिन ऐसा हो जिस दिन कोई व्रत या पर्व न मनाया जाता हो | कार्तिक मास तो सबसे दिव्य है | अनेक अलौकिक , पौराणिक एवं लोक मान्यताओं के रूप में अनेक त्योहारों को स्वयं में समेटे हुए कार्तिक मास का आज समापन हो रहा है | जह
*सनातन धर्म मैं कार्तिक मास का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है | अनेक त्योहारों एवं पर्वों को स्वयं में समेटे हुए कार्तिक मास अद्वितीय है | सनातन धर्म में अनेक देवी-देवताओं का पूजन उनके विशेष दिन पर होता है परंतु आज कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को भगवान शिव और भगवान विष्णु का पूजन एक साथ करने का व
*सनातन धर्म में चातुर्मास्य का विशेष महत्त्व है | चार महीने चलने वाला यह विशेष समय भगवत्भक्ति प्राप्त करने वाले साधकों के लिए महत्त्वपूर्ण होता है | आषाढ़ मास के शुक्लपक्ष की एकादशी अर्थात हरिशयनी एकादशी को जब भगवान सूर्य मिथुन राशि पर जाते हैं तो चातुर्मास्य प्रारम्भ हो जाता है | हरिशयनी का अर्थ हो
🌸🌞🌸🌞🌸🌞🌸🌞🌸🌞🌸 ‼ *भगवत्कृपा हि केवलम्* ‼ 🌻☘🌻☘🌻☘🌻☘🌻☘🌻 *हमारे देश में हिंदू संस्कृति में बताए गए बारहों महीने में कार्तिक मास का विशेष महत्व है , इसे दामोदर मास अर्थात भगवान विष्णु के प्रति समर्पित बताया गया है | कार्तिक मास का क्या महत्व है इसका वर
*सनातन धर्म में मनुष्य को मोक्ष प्रदान करने वाली दिव्य सप्तपुरियों का उल्लेख मिलता है | यथा :- अयोध्या - मथुरा माया काशी कांचीत्वन्तिका ! पुरी द्वारावतीचैव सप्तैते मोक्षदायिकाः !! अर्थात :- अयोध्या , मथुरा , माया (हरिद्वार) काशी , कांची (कांचीपुरम्) अवन्तिका (उज्जैन) एवं द्वारिका यह सात ऐसे स्थान है
🌸🌞🌸🌞🌸🌞🌸🌞🌸🌞🌸 ‼ *भगवत्कृपा हि केवलम्* ‼🌳 *"अक्षयनवमी / परिक्रमा" पर विशेष* 🌳🌻☘🌻☘🌻☘🌻☘🌻☘🌻 *सनातन धर्म में कार्तिक मास का बहुत ही महत्व है , इसे दामोदर मास भी कहा जाता है | कार्तिक मास में महीने भर स्नान एवं दीपदान का
!! भगवत्कृपा हि केवलम् !!आदिकाल से भारतीय परंपरा में सनातन के अनुयायियों के द्वारा अपने धर्म ग्रंथों का दिशा निर्देश प्राप्त करके भांति भांति के पर्व त्यौहार एवं व्रत का विधान करके मानव जीवन को सफल बनाने का प्रयास किया गया है | सनातन धर्म का मानना है ईश्वर कण - कण में व्याप्त है इसी मान्यता को आधार
..... इंसानियत ही सबसे पहले धर्म है, इसके बाद ही पन्ना खोलो गीता और कुरान का......"जय हिन्द"
📿📿📿📿📿📿📿📿📿 *जय श्रीमन्नारायण*🌹☘🌹☘🌹☘🌹☘🌹 *श्री राधे कृपा हि सर्वस्वम* 🌲🌳🌲🌳🌲🌳🌲🌳🌲 *सनातन संस्कृति एवं त्योहार* समस्त मित्रों एवं श्रेष्ठ जनों को दीपावली गोवर्धन पूजा यम द्वितीय की हार्दिक शुभकामनाएं यह पावन पंच पर्व जन-जन में ज्ञान अन्न धन से परिपूर्ण करें यही कामना है आज पा
भारत में जितने भी बड़े-बड़े व्यापारी और सेलिब्रिटीज हैं उनके अपने पर्सनल पंडितजी होते हैं। जिनसे पूछकर ही वे अपने सारे शुभ काम करते हैं। ऐसा हर कोई करता है और धार्मिक गुरु पर उनका ये विश्वास ही उन्हें सच्ची सफलता प्रदान करता है। ज्योतिषीयों के बारे में बहुत सारी बातें होती हैं जिन्हें समझने के लिए ज
सुप्रीमकोर्ट में अब हिंदू और मुस्लिम पक्ष से सारी दलीलें 16 अक्टूबर को ही बंद कर दी गई थी। अब इस राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद पर फैसला दीवाली की छुट्टियों के बाद आ सकता है। पूरा देश अपने-अपने समर्थन में फैसला आने का इंतजार कर रहे हैं मगर क्या आपको ये मामला पूरी तरह से पता है? अगर पता है तो क्या आपको
27 अक्टूबर के दिन पूरा देश दीपावली का शुभ त्यौहार मनाएगा। हर कोई इसकी खरीदारी और तैयारी में लगा हुआ है लेकिन अगर इनमें सबसे अहम बात को जाना जाए तो पूजा सबसे अहम होती है। अगर दीपावली वाले दिन पूजा नहीं हो तो ये दिन मनाने का कोई मतलब नहीं होता है। यहां हम आपको दीपावली मनाने का तरीका और शुभ मुहूर्त के
उज्जैन (मध्यप्रदेश) निवासी आदरणीय पंडित सूर्य नारायण व्यास वह मूर्धन्य विद्वान ज्योतिषी थे जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता का मुहूर्त 14 अगस्त की रात्रिकालीन अभिजीत (12 बजे ) या ये कहें की 15 अगस्त की सुबह 00 बजे का निकला था l स्वतंत्र भारत का जन्म 15 अगस्त 1947 को मध्यरात्रि दिल्ली में हुआ था और कुंडल
*सनातन धर्म में मानव जीवन को चार भागों में विभक्त करते हुए इन्हें आश्रम कहा गया है | जो क्रमश: ब्रह्मचर्य , गृहस्थ , सन्यास एवं वानप्रस्थ के नाम से जाना जाता है | जीवन का प्रथम आश्रम ब्रह्मचर्य कहा जाता है | ब्रह्मचर्य एक ऐसा विषय है जिस पर आदिकाल से लेकर आज तक तीखी बहस होती रही है | स्वयं को ब्रह्म
इस संसार में महिलाओं का जीवन सरल नहीं है और हर पग पर उन्हें कोई ना कोई परीक्षा देनी होती है। उनके ही कारण रमायण, महाभारत जैसे कई युद्ध हुए लेकिन फिर भी हिंदू धर्म में कहीं ना कहीं महिलाओं को देवी का दर्जा दिया गया है। मगर इस्लामिक धर्म
*भारत देश में अपने परिवार तथा समाज को संपन्न एवं दीर्घायु की कामना से नारियों ने समय-समय पर कठिन से कठिन व्रत का पालन किया है | वैसे तो वर्ष भर कोई न कोई पर्व एवं त्योहार यहां मनाया जाता रहता है , परंतु कार्तिक मास विशेष रुप से पर्व एवं त्योहारों के लिए माना जाता है | कार्तिक मास में नित्य नए-नए त्य
करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाओ के लिए बहुत खास होता है। यह व्रत हर साल कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को आता है। इस साल यह व्रत गुरूवार 17 अक्टूबर को आ रहा है। करवा चौथ वाले दिन महिलाये पति की लम्बी आ