डायरी सखि , आज तो खुद ही खुद पर लिखवा रही हो हमसे । क्यों , और कोई विषय नहीं मिला क्या ? तुम भी तो "ओट" में ही रहती हो सखि । जैसे एक स्त्री रहती है ओट में । पहले अपने पिता की ओट में । फिर पति की
डायरी सखि , "क्या भूलूं क्या याद करूं" की तरह किस किस घर को याद करूं ? एक घर हो तो बताऊं , यहां तो दर्जन भर से भी अधिक घरों ने मुझे संभाला है । चलिए, आज सबको याद करते हैं । पहला घर था
"आपको पता है, नेताओं को ना तो बैकवर्ड से कोई मतलब है, ना फारवर्ड से। उन्हें केवल वोट बैंक से मतलब है। वे जिसे वोटों के लिए भरमा सकते है, उन्हें आरक्षण का झुनझुना पकड़ाकर वोट लेते हैं। जिन्हें वोट बैंक
सखि , आज तो पितृ दिवस है । आज के जमाने में जब अपनी संतानें अपने "जनक" का सार्वजनिक अपमान करने से नहीं चूकती हैं तब ये "पितृ दिवस" का दिखावा करना आवश्यक हो जाता है । लेकिन सखि, एक बात है । जब
डायरी सखि, आजकल सरकार की हर नई योजना का विरोध करना जैसे कुछ लोगों का "धर्म" बन गया है । चाहे CAA का विरोध हो, किसान बिलों का विरोध हो या अब ये "अग्निपथ" योजना का विरोध हो । विपक्षी दलों ने तो कमर
दिनाँक: 17.06.2022समय : शाम 10:30 बजेप्रिय सखी,शुभ संध्या!आफिस से आकर गर्म चाय के साथ गर्मागर्म आईडिया आया है। क्यों ना जनता एक योजना बनाये और सरकार से गुजारिश करे कि-1. सांसद ठ
दिनांक: 14.06.2022समय : शाम 7 बजे।प्रिय सखी,पता है! मेरी कलीग को और मुझे, एक साथ फीवर आया। उसने कोरोना का टेस्ट कराया तो पॉजिटिव आया तो कल मैने भी टेस्ट कराया। आज मेरी रिपोर्ट भी पॉजिटिव है। दोस्ती हो
सखि, आज तो बहुत गजब की बात पता चली है । अब तुम्हारे पेट में भी खलबली मचने लगी होगी ना कि वह गजब की बात क्या है ? सब्र रखो , अभी बताते हैं । आज पता चला है सखि कि कोरोना से याददाश्त भी चली जात
14/06/22 ज्येष्ठ मास, रात्रिकाल, सखी आनंद हो। जय श्रीकृष्ण। सगी सखी कौन अपना है कितना अपना है यह दुख मे पता चलता है।कितना मन दुखी होता है जब हमसफर इस पर न खरा उतरता है। खैर कौन किस किस के किस्से&nb
दिनाँक: 13.06.2022समय : रात 11 बजेसखी,पहले बड़े- बड़े बिज़नेस हाउस इवेंट मैनेजमेंट करते थे। आजकल देश की राजनीति ही इवेंट मैनेजमेंट का घर बन गई है। साहब हर इवेंट के लिए पोशाक बदलते है। तो भला ब
डायरी सखि, तुमने यह कहावत तो सुनी ही होगी कि सौ सुनार की और एक लुहार की । सुनी है ना । मुझे पता था , जरूर सुनी होगी । तो आज "लुहार" ने एक चोट मार ही दी । तुम ये तो जानती ही हो कि "लुहार" जब कोई च
डायरी सखि , आजकल एक जुमला बहुत सुनाई दे रहा है "अंतरात्मा की आवाज" का । लोग कह रहे हैं कि "अंतरात्मा की आवाज सुनो और उसी के अनुसार वोट दो" । अब ना तो अंतरात्मा जिंदा है और ना ही कोई उसकी आवाज सुन
दिनाँक : 11.06.2022समय : शाम 6 बजेप्रिय सखी,आजकल कुछ नेताओं को 3 जून और 4 जून की रोटी भी नसीब हो रही है..... जेल में। कौन सफेदपोश है और कौन नकाबपोश है ये तो पता नहीं, पर जब एक ही थाली के बेगनों
सखि,क्या बताऊं तुम्हें कि आजकल किस कदर दहशत का माहौल है ? जो लोग कहते आये हैं कि उन्हें और उनकी बीवियों को इस देश में डर लग रहा है । दरअसल वे कहना चाह रहे थे कि पूरे देश को और उनकी बीवियों को उन्हीं स
दिनाँक : 09.06.2022समय : दोपहर 1 बजेप्रिय सखी,शीर्षक पढ़कर चौन्क गई क्या?द्रमुक नेता और राज्यसभा सदस्य टीकेएस एलनगोवन ने अपने एक विवदास्पद बयान में दावा किया है कि हिंदी तमिलों का दर्जा घटाकर ‘शूद्र’ क
दिनाँक : 10 जून, 2022समय : दोपहर एक बजेप्रिय सखी,कल आप सभी ने जो सलाह और संवेदना दी, आज मेरे स्वास्थ्य पर उसका असर सिखाई दे रहा है। आज फीवर भी नहीं आया। पर गला अभी इन्फेक्टेड है। लगता है 3
सखि, आजकल ईमानदारी का प्रमाण पत्र बंट रहा है । सच कहूं तो यह प्रमाण पत्र वर्ष 2012 से बंट रहा है । पहले उसका स्वरूप दूसरा था । तब यह "भ्रष्टाचार प्रमाण पत्र" हुआ करता था । तब ये प्रमाण पत्र
सखि, पता है हमारे मौहल्ले में रहने वाले दुखीराम जी को अस्पताल ले जाना पड़ा कल रात को । और उन्हें आई सी यू में भर्ती करवाना पड़ा । डॉक्टर बता रहा था कि हृदय रोग है, रक्तचाप भी कम है । हमने पूछा "ऐ
सखि, आज गाजियाबाद की एक अदालत ने वर्ष 2006 में वाराणसी में रेल्वे स्टेशन, संकट मोचन मंदिर और दशाश्वमेध घाट पर सिलसिलेवार हुए बम विस्फोट में शामिल आतंकी वलीउल्लाह खान को फांसी की सजा सुनाई ह
सखि, आज तो गजब हो गया । तुम तो जानती ही हो कि आजकल मेरी पोस्टिंग अजमेर चल रही है । इसलिए मैं हर सोमवार को जयपुर से सुबह आठ बजे निकल पड़ता हूं और हर शुक्रवार को शाम तक जयपुर वापस आ जाता हूं । आज भ