हे! मानस के दीप कलशतुम आज धरा पर फिर आओ।नवयुग की रामायण रचकर मानवता के प्राण बचाओं ।आज कहाँ वो राम जगत में जिसने तप को गले लगाया ।राजसुख से वंचित रह जिसने मात - पिता का वचन निभाया । सुख कहाँ है वो राम राज्य का ?वह सपना तो अब टूट गया ।कहाँ
यहूदियों के संहार कीदास्तान, फिलिस्तीन का बटवारा डॉ शोभा भारद्वाज मुस्लिम समाज का पवित्र महीना रमजान लेकिन फिलिस्तीनके कट्टरपंथी संगठन ( हमास को आतंकी संगठन मानते हैं लेकिन योरोपीय संगठन कीप्रमुख अदालत ने आतंकी संगठनों की सूची में हमास को रखने के फैसले को र
प्राणप्रियेसरसी छन्द16,11 की यति 27 मात्रएं अंत 21 सेमेरी प्राणप्रिये तुम हमको, जन्म जन्म स्वीकार।तुम ही मेरे जीवन की हो, जीने का आधार।तुम मेरे दिल की धड़कन हो, तुम ही मेरी सांस।तुमसे कुछ उम्मीदें मेरी, तुमसे ही कुछ आस।करती सेवा सदा हमारी, रखती हर पल ध्यान।अगर समस्या में चिंतित हूँ, करती तुम आसान।कभी
तृण धरी ओट कहती वैदेही डॉ शोभा भारद्वाज कोरोना काल में सभी भयभीत हैं ऐसे में संकट मोचन हनुमान ही सहारा हैं .रावण जगा उसने प्रभात के सूर्य को अपनी लाल आँखों से देखा सबसे पहले कैद में रखी गयी सीता का रुख किया उसके पीछे उसकी रानियाँ उंघती हुई आ रही थी , बगल में मन्दोदरी हीरों से जड़ित सोने के पात्र में
नक्सल वाद का अंत सरकार की दृढ इच्छा शक्ति परनिर्भर है डॉ शोभाभारद्वाज नक्सलवाद से हम जूझ रहे हैं उसकी शुरूआत पश्चिमी बंगालके गावँ नक्सलबाड़ी में सशस्त्र आन्दोलन द्वारा क्रान्ति की विचार धारा से हुई थीयह कम्यूनिस्ट विचारधारा के बीच में पनपने वाला आन्दोलन है इनके थ
मनुष्य के कथनी और करनी में अन्तर नही होना चाहिए
*माँ अम्बे स्तुति*पंचचामर छन्द121 212 12, 121 212 12नमामि मातु अम्बिके त्रिलोक लोक वासिनी!विशाल चक्षु मोहिनी पिशाच वंश नाशिनी!!समस्त कष्ट हारिणी सदा विभूति कारिणी!अनंत रूप धारिणी त्रिलोक देवि तारिणी!!सवार सिंह शेष पे महाबला कपर्दिनी!असीम शक्ति स्त्रोत मातु चण्ड मुण्ड मर्
अड़चने भी अजीब होती हैं, हर बार सामने उत्पन्न खड़ी हो जाती हैं,कर्म योगी उनसे डटकर सामना करते हैं चाहे जो हो पर जीतने की जिद, अड़चनों को नेस्तनाबूत कर देती हैं,इसलिए किसी ने कहा है -"तू किसलिए हताश है, तू चल तेरे वजूद की ओर,उस वक्त को सिर्फ
कुभ एवं अर्द्ध कुम्भ आज 11 मार्च महा शिवरात्रि, हरिद्वार में कुंभ के अवसर पर शाही स्नान हुआ| डॉ शोभा भारद्वाज पुराणोंमें वर्णित पोराणिक कथाओं के अनुसार देवताओं एवं दानवों ने मिल के समुद्र मंथनकिया था तय था समुद्र मंथन से जो रत्न निकलेंगे दोनों पक्ष मिल कर बाँट लेंगेमन
श्री मती ज्योति सक्सेना, ॐ विश्रांति विचार प्रवाह की अध्यक्षा डॉ शोभा भारद्वाज आरडब्लूए सेक्टर 11 की महा सचिव ‘अंजनाभागी जी ने श्रीमती ज्योति सक्सेना जी के व्यक्तित्व से मेरा परिचय कराया एवं जनसमाज के प्रति उनकी लगन एवं कल्याणकारी कार्यों पर प्रकाश डाला मैं उनसे मिलीसादगी की मूर्ति समाज सेवा में सम
रोज की जिंदगी में हम लोग कई बार ऐसी परिस्थितियों से गुजरते हैं जब हमें समझौते करने पड़ते हैं , कभी रिश्तों में तो कभी अपने सपनों से । रोज ना जाने हम ना चाहते हुए भी जाने कितने समझौते कर लेते हैं सिर्फ यही सोच कर कि ठीक तो है ना । अगर मेरे ये करने से कोई रिश्ता बचता है तो ठीक तो है ना । अगर मेरे ये क
इंटरनेशनल मीडियाभारत की छवि खराब करता रहता हैं डॉ शोभा भारद्वाज मेरी बेटी, अमेरिका की बेस्ट यूनिवर्सिटी मेंपढ़ी सिंगापूर में उच्च पदाधकारी ,मोटे –मोटे आंसू बहाती हुई सुबक रही थी . उसने सिंगापुर टाईम्स , गार्जियन, न्यूयार्कटाइम्स ,वाशिंगटन पोस्ट पढ़ी ,बीबीसी मेंखबरे देखीं घबरा गयी हमसे प्रार्थना कर
"चौराहे की बतकही"झिनकू भैया अपने गाँव के एक मध्यम किसान हैं, अच्छी खेती करते हैं, प्रति वर्ष करीब चार लाख का गल्ला, नजदीकी सरकारी खरीद केंद्र पर बिक्री कर देते हैं। कुछ सरकारी अनुदान इत्यादि भी मिल ही जाता है। अभी अभी कृषि कानून जो सरकार ने दोनों सदनों से पारित किया है उससे वे संतुष्ट भी हैं। कर्मठी
डर के साए में अमेरिकन प्रजातांत्रिक व्यवस्था डॉ शोभा भारद्वाजकैपिटल बिल्डिंग परधावा, अमेरिकन प्रजातंत्र की छवि पर दाग लगा गया विश्व की सबसेपुराने लोकतंत्र की गरिमा पर ट्रम्प समर्थकों में चरम पंथी विचारधारा केउपद्रवियों ने संसद के बाहर एवं भीतर हंगामा कर प्रश्न चिन्ह लगा दिया .अत : 46वेंराष्ट्
दोहा मुक्तकअटल बिहारी जी हुए, भारत रत्न महान।राजनीति के सन्त थे, हिन्द देश की शान।कलम सिपाही भी बने, कविता लिखी तमाम,विश्व पटल पर देश का, सदा बढ़ाया मान। अभिनव मिश्र अदम्य
#मुक्तक रत्न पुरुष बन विश्व पटल पर, नाम देश का बढा गया।हिन्द देश का कलम सिपाही, पाठ सहिष्णुता पढ़ा गया।आज जयंती पर उसकी आ, मिलके शीश नवाएं हमइतिहासों के पन्नो पर जो, नाम अटल इक चढ़ा गया।अदम्य
अब हर व्यक्ति हाईफाय,चाय, पान की दुकान में भी वायफाई! एकसमय था जब पब्लिक टेलीफोन बूथ का जमाना था: उस समय मोबाइल नहीं हुआ करते थे और लोगोंके यहां लैण्ड लाइन फोन भी बहुत कम हुआ करते थे ऐसे में पब्लिक टेलीफोन बूथ बहुत कारगरहुआ करते थे:सडकों पर दो चार कदम चलों तो वहां स
सत्ता माँ की गोद नहीं है डॉ शोभा भारद्वाज 26 / 11 तीन दिनों तक चला आतंकी हमला इसका मास्टर माईंड हाफिज सईद था ,हमले में देश विदेश के अनेक लोग ,पुलिस कर्मी शहीद हुए उन शहीदों को ‘नमन’ 300 घायल थे . अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपनी पुस्तक में 26 /11 के आतंकी हमले का जिक्र करते हुए लिखा ह