!! #एक_छोटी_सी_माँ !! !! #एक_नेक_दिल_इन्सान !!एक दीन-हीन आठ दस वर्ष की लड़की से दुकान वाला बोला कि-"छुटकी जा देख तेरा छोटा भाई रो रहा है तुमने दूध नही पिलाया क्या ..""नही सेठ मैंने तो सुबह ही दूध पिला दिया था""अच्छा तू जा जाकर देख मैं ग्राहक संभालता हूं..."एक ग्राहक सेठ से -"अरे भाई ये कौन लड़की है ज
दिनेश शर्मा की सुबह सुबह की राम राम सब दोस्तो , बुजुर्गों बच्चों को । जो लोग वक़्त बेवक़्त हर रोज़ यहाँ वहाँ पूरे देश में जब चाहे मनमर्जी से लॉक डाउन लगाने और बढ़ाने की प्रस्तावना देते हैं वो सब सरकारी अमले के लोग है जिनकी पूरी पूरी तनख्वाहें हर महीने की एक तारीख को उनके खाते में पहुंच जाती है । जिन लोग
छह साल बाद यात्रा संस्मरण लिखना न तो आसान है और न ही उत्साहपूर्ण । साढ़े तीन महीने से दुनिया भर में घूमने की पुरानी स्मृतियों के सहारे वक़्त काट रहा था कि पिछले हफ़्ते पुराने काग़ज़ खंगालते खंगालते एक नोट पैड हाथ आ गया । मैं भूल ही गया था कि हंगरी यात्रा के दौरान मैंने कुछ हल्के फुल्के नोट्स बनाए
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को विस्तारवाद एवं बाजार दोनों चाहिए ?डॉ शोभा भारद्वाज राष्ट्रपति जिनपिंग की गिद्ध दृष्टि विश्व के बाजार पर हैं चीन आर्थिक दृष्टि से सम्पन्न देश बन चुका है चीनी सामानों से बाजार पटे हुए हैं कारण चीनी सामान सस्ता है क्योकि चीनी सरकार कारखानों को कच्चे माल पर सब्सिडरी देती ह
तू नज़्म सा दिल की धड़कन में सुनाइये देता है.... तेरा हर लब्ज़ बयां चाहत ही देता है..अगर साथ तेरे बैठे हैं बाज़मो में हम न कोई शिकवा न कोई ग़म... तू दिल की आशिकी का आशना है.... तू साँस साँस के दरिया में रखा फैसला है....
आज का प्रेरक प्रसंगदो सांपों की कहानी*एक बार एक राजा था जिसका नाम था देवशक्ति वह अपने बेटे से बहुत निराश था, जो बहुत कमजोर था। वह दिन व दिन दुबला और कमजोर होता जा रहा था। दूर के स्थानों से प्रसिद्ध चिकित्सक भी उसे ठीक नहीं कर पा रहे थे। क्योंकि उसके पेट में साँप था। उन्होंने सभी तरह के उपचारों की को
एक रोग सारी दुनिया कीदिखलाता है सच्चाई।जिन शहरों को अपना मानाउनमें ही ठोकर खाई।ऐसे उसने पैर पसारेकाम-धाम सब बंद हुएलोगों ने तेवर दिखलाएरिश्ते सारे मंद हुए।और गांव के कच्चे घर कीहूक हृदय में लहराई।जिन शहरों को अपना मानाउनमें ही ठोकर खाई।प्रेम फला-फूला करता थागाँव गली-घर-आँ
ये दुनिया अगर मिल भी जाये तो क्या है ? दिनेश डाक्टर बीते दिनों में एक विचार बार बार मन में उभरता रहा है कि आने वाली दुनिया पता नही अच्छी होगी या बुरी पर जीवन उतना अच्छा नही रहेगा । बहुत सारी बंदिशें होंगी, ढेर सारे डर होंगे, हर वक़्त लोगों को लेकर मन में वहम होंगे । ये खाऊं के न खाऊं, वहां जाऊं कि
#गांधी जी का #समाजवादी अभ्यास योगी आदित्यनाथ के द्वारा।हर हिन्दू के लिये आवश्यक।गाँधी गाँधी नही।आनन्द प्रभुजी।बहुत अच्छे योगीजीनवयुग का गांधी जी #योगी #आदित्यनाथ जी।संदर्भसभी राष्ट्रवादी नेता मोदी जी जैसे सहृदय और मूर्खताओं को अनदेखा करने वाले नहीं होते.......कुछ बाबा जी जैसे भी होते है..... हलक तक
जलवायु:-⇨ जलवायुः किसी स्थान अथवा देश में लम्बे समय के तापमान, वर्षा, वायुमण्डलीय दबाव तथा पवनों की दिशा व वेग का अध्ययन व विश्लेषण जलावयु कहलाता है। सम्पूर्ण भारत को जलवायु की द्वाष्टि से उष्ण कटिबंधीय मानसूनी जलवायु वाला देश माना जाता है।⇨ भारत में उष्णकटिबंधीय मानसूनी जलवायु पायी जाती है। मानसून
हैरे मोटे-मोटे नैन काजल डोरे में सज रही हैरे मोटे-मोटे नैन काजल डोरे में सज रही चोटी काली बल खावै ओर झम झम पायल की बज रही चोटी काली बल खावै ओर झम झम पायल की बज रही पुरे सांग क लिरिक्स देखने के लिए निचे लिंक पर क्लिक करे Chham Chham Payal Ki New Haryanvi Song Lyrics Hindi
अपने बच्चे की लात मारना, मरोड़ते और हिचकी महसूस करना गर्भावस्था के सबसे खूबसूरत क्षणों में से एक है।
सकारात्मक जीवन कीकला आज की ताजा ख़बरक्या है? टीवी के समाचार चैनलों पर हम क्या ढूंढ रहे हैं?समाचार पत्रोंकी शीर्ष पंक्ति में हमें किसकी तलाश है?आखिर किसी बुरी ख़बर की हमें अपेक्षाक्यों है? क्या समाज में नकारात्मकता बढ़ रही है. अगर यह सच है तोइसके लिए जिम्मेदार कौन है?क्या
लैप्रोस्कोपी एक तरह की सर्जिकल डायग्नोस्टिक प्रक्रिया या ऑपरेटिव प्रक्रिया होती है
महेश्वर सूत्र माहेश्वर सूत्रों की उत्पत्ति भगवान नटराज (शिव) के द्वारा किये गये ताण्डव नृत्य से मानी गयी है|नृत्तावसाने नटराजराजो ननाद ढक्कां नवपञ्चवारम्|उद्धर्त्तुकामो सनकादिसिद्धादिनेतद्विमर्शे शिवसूत्रजालम्||अर्थात:- नृत्य (ताण्डव) के अवसान (समाप्ति) पर नटराज (शिव) ने सनकादि ऋषियों की सिद्धि और क
गर्भवती महिला के लिए वह पल बेहद खास होता, जब उसे अपने गर्भधारण का पता चलता है।
रंग की एकादशी – कुछ भूली बिसरी यादेंआज फाल्गुनशुक्ल एकादशी है, जिसे आमलकी एकादशी और रंग की एकादशी के नाम से भी जाना जाता है | इस दिनआँवले के वृक्ष की पूजा अर्चना के साथ ही रंगों का पर्व होली अपने यौवन मेंपहुँचने की तैयारी में होता है | बृज में जहाँ होलाष्टकयानी फाल्गुन शुक्ल अष्टमी से होली के उत्सव
कविताजब भी मैंमैं चुप बैठकर जब भी खुद से बात करता हूँ,मैं हर उस पल उसके साथ टहलता और विचरता हूँ।साथ मेरे दूर तक जाती है वीरान तन्हाईयां,फिर भी मैं उसकी बाहों में गर्म राहत महसूस करता हूँ।होता है सफर मेरा अधूरा दूर छीतिज तक, मैं फिर भी हर सफर में उसके साथ रहता हूँ।होती नहीं वो पास मेरे किसी भी पड़ा
आईवीएफ प्रकिया में इन-विट्रो-फर्टिलाइज़ेशन