
श्री मती ज्योति सक्सेना
, ॐ विश्रांति विचार प्रवाह की अध्यक्षा
डॉ शोभा भारद्वाज
आरडब्लूए सेक्टर 11 की महा सचिव ‘अंजना
भागी जी ने श्रीमती ज्योति सक्सेना जी के व्यक्तित्व से मेरा परिचय कराया एवं जन
समाज के प्रति उनकी लगन एवं कल्याणकारी कार्यों पर प्रकाश डाला मैं उनसे मिली
सादगी की मूर्ति समाज सेवा में समर्पित उनके व्यक्तित्व से मैं बहुत प्रभावित हुई’
आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर
पर मैं अनेक महिलाओं के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करती हूँ जो विभिन्न क्षेत्रों में
लगन से जन समाज की सेवा के काम में तत्पर हैं उन्हीं में “श्री मति ज्योति सक्सेना”
राष्ट्रीय अध्यक्षा ॐ विश्रांति विचार प्रवाह, पिछले 23 वर्षों
से सामाजिक सेवा के कार्यों में कार्यरत हैं वरिष्ठ तथा अति वरिष्ठ
नागरिकों में ये सबसे अधिक प्रिय हैं. आर्थिक रूप से
पिछड़ी महिलाओं को स्वावलंबी बनाने, उनके बच्चो को काम
की जग़ह स्कूल का रास्ता दिखाने, बेटियों को सेनीटरी
नेपकिन बंटवाने जैसे अनेक कामों से ये जुड़ी हैं । नोएडा सैक्टर 8,9,10 के छोटे -2 बच्चों को पोलियो ड्रोप्स पिलवाने की लिए आपको सरकार द्वारा
सम्मानित किया गया था । 16 मार्च 2012 को आपने ॐ विश्रांति सामाजिक सोसाइटी का गठन
किया आपके सामाजिक कार्यों को देखते हुए इंकम टेक्स डिपार्टमेंट ने आपको 80 जी की
सुविधा प्रदान की। आपने अब तक लगभग 2000 आर्थिक रूप से पिछडे वरिष्ठ नागरिकों की
आँखों का मोतियाबिन्द का ऑपरेशन करवाया उन्हे दवाइयाँ तथा चश्मे लगवाये ।
सन 2011 में इन्होने सुपर सीनियर नागरिकों की
समस्याओं को पूर्ण कुशलता से समझने के लिए एन आई एस डी से विशेष डिप्लोमा प्राप्त
किया। इनकी सोच है कि जिस देश में दिवंगत पूर्वजों के लिए श्राद्ध
जैसी अनूठी परंपरा हो उसमें जीवित बुजुर्गों के लिए वृद्धाश्रम होना लज्जाजनक है।
आज परिवार अपने बुजुर्ग लोगों को सम्मान दें उनकी वर्तमान समस्याओं को समझें इस
बारे में जनमानस को जागरूक करना इनका मुख्य उद्देशय है, क्योंकि बढ़ती उम्र में बुजुर्गों की सेहत में गिरावट आ जाती है । उनकी
मानसिक एवं शारीरिक क्षमताओं में भी कमी आनी शुरू हो जाती है। अब यदि परिवार
संस्कार विहीन है तो बस यहीं से शुरू हो जाता है अपनों की उपेक्षाओं का दौर। आज के आधुनिक समाज में बुजुर्गों के साथ अमानवीय अत्याचार बढ़ रहे हैं, जिनको रोका जाना
चाहिए के लिए ये प्रयासरत हैं ।
इनकी ॐ विश्रांति
चैरिटेबल सोसाइटी का मुख्य उद्देश्य बुजुर्गों को शिष्टाचार के माध्यम से समर्थन
देना है। कारण जिन बुजुर्गों ने अपने खून पसीने की कमाई
से अपना पेट काट काट कर अपने बच्चों को कामयाब करने के
लिए दिन- रात एक करके उन्हें उच्चस्तरीय शिक्षा दिलाकर कामयाब बनाया है तो बच्चों
का भी कर्तव्य बनता है कि वे अपने बुजुर्गों को धन्यवाद दें और उनका सम्मान करें।
ॐ विश्रांति विचार प्रवाह संस्था समय – समय पर वरिष्ठ
नागरिकों के लिए हैल्थ चेकअप कैंप लगाती है। आँखों के चेककप
में यदि कोई वरिष्ठ मोतिया बिन्द से पीड़ित हैं तो उनका ऑपरेशन करवाना उन्हें फ्री
चश्मे प्रदान करना जैसी अपनी सेवाएँ देती है। यह संस्था ऐसे वरिष्ठ नागरिक जो
गरीबी से जूझ रहे हैं के लिए कपड़ो का इंतजाम करती है, उनके घर की महिलाओं को सिलाई मशीनें देकर आती है।
कोरोना
महामारी के दौर मे वरिष्ठ भूखे न रह जायेँ इसलिए समय 2 पर उनके घरों तक
राशन पहुंचा कर आए। कलकत्ता के स्लम में लगभग 2000 जरूरत
मंदो तक भोजन पहुंचाया।
हर साल ॐ विश्रांति चैरिटेबल सोसाइटी एवं नवरत्न
फॉउंडेशन्स अति वरिष्ठ नागरिकों के सम्मान मे जश्न-ए-तजुर्बात सांस्कृतिक
कार्यक्रम का आयोजन करता है इस अवसर पर इनकी संस्था परम्परा के अनुसार *अति वरिष्ठ
नागरिकों का हृदय से सम्मान करते है तथा रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम जो कि
अत्यंत प्रतिभावान वरिष्ठ नागरिकों* द्वारा ही प्रस्तुत किया जाता है कि प्रस्तुति
रखते हैं साथ ही वारिष्ठों से संबन्धित उनकी समस्याओं के बारे में व्यापक स्तर पर चर्चा रखते हैं । इनका मानना है कि बुजुर्ग हमारी धरोहर हैं।
हमें सदैव इनका आदर सम्मान तथा इनकी देखभाल करनी चहिए। इस धरोहर को सम्मानित जीवन
जीने के लिए सम्पूर्ण जीवन प्रयास रात रहूँगी मेरा आप सभी से ये वायदा तथा निवेदन
रहेगा।