*इस संसार में जन्म लेने के बाद कोई भी प्राणी दुख नहीं पाना चाहता | चाहे वह अच्छे कर्म करने वाला हो या बुरे कर्म करने वाला | अच्छे बुरे सभी लोग सुख ही पाना चाहते हैं क्योंकि सुख ही , आनंद की आत्मा का मूल स्वभाव है | इस सुख को प्राप्त करने के लिए कोई दान , पुण्य , परोपकार आदि अच्छे कर्म करता है और को
*हमारे शास्त्रों में वर्णन मिलता है कि जीव जब मां के गर्भ में होता है तो उसे बड़ा कष्ट प्राप्त होता है | मां के गर्भ में जीव परमात्मा से प्रार्थना करता है कि हे भगवान हमें इस नरक से बाहर निकालिए मैं आपके प्रति कृतज्ञता प्रकट करते हुए जीवन भर आपका भजन करूंगा , परंतु जन्म लेने के बाद वह ईश्वर को भूल ज
*परमात्मा ने सुंदर सृष्टि का निर्माण किया और इस समस्त सृष्टि को ज्ञान से परिपूर्ण कर दिया | उस ज्ञान को कण कण में पहुंचाने के लिए प्रकृति में अनेकों उदाहरण भी भर दिए | फिर मनुष्य की रचना करके इस धरती पर अनेकों महापुरुष तो भेजे ही साथ ही समय-समय पर स्वयं अवतार लेकर के उस ज्ञान का प्रसार मानव मात्र मे
*इस धरा धाम पर आने के बाद मनुष्य अनेकों कृत्य करता रहता है जिसके कारण वह इस संसार में किसी को अपना शत्रु तो किसी को अपना मित्र मानने लगता है | यदि हमारे सनातन शास्त्रों की बात की जाय तो मनुष्य के सबसे बड़े शत्रु मनुष्य के मानसिक विकार हैं जिन्हें काम , क्रोध , मद , लोभ , मोह , अहंकार की उपमा दी गई ह
🔥🌳🔥🌳🔥🌳🔥🌳🔥🌳🔥🌳 ‼️ *भगवत्कृपा हि केवलम्* ‼️ 🟣 *श्री हनुमान चालीसा* 🟣 *!! तात्त्विक अनुशीलन !!* 🩸 *अट्ठावनवाँ - भाग* 🩸🏵️💧🏵️💧🏵️💧🏵️💧🏵️💧🏵️💧*गतांक से आगे :--*➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖*सत्तावनवें भाग* में आपने पढ़ा :--*जय जय जय हनुमा
🔥🌳🔥🌳🔥🌳🔥🌳🔥🌳🔥 ‼️ *भगवत्कृपा हि केवलम्* ‼️ 🟣 *श्री हनुमान चालीसा* 🟣 *!! तात्त्विक अनुशीलन !!* 🩸 *उन्तीसवाँ - भाग* 🩸🏵️💧🏵️💧🏵️💧🏵️💧🏵️💧🏵️*गतांक से आगे :--*➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖*अट्ठाइसवें भाग* में आपने पढ़ा :*राम काज करिबे को आतुर**---------
🔥🌳🔥🌳🔥🌳🔥🌳🔥🌳🔥 ‼️ *भगवत्कृपा हि केवलम्* ‼️ 🟣 *श्री हनुमान चालीसा* 🟣 *!! तात्त्विक अनुशीलन !!* 🩸 *सत्रहवाँ - भाग* 🩸🏵️💧🏵️💧🏵️💧🏵️💧🏵️💧🏵️*गतांक से आगे :--*➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖*सोलहवें भाग* में आपने पढ़ा :--*राम दूत*अब आगे:---*अतुलित बल धामा
🔥🌳🔥🌳🔥🌳🔥🌳🔥🌳🔥 ‼️ *भगवत्कृपा हि केवलम्* ‼️ 🟣 *श्री हनुमान चालीसा* 🟣 *!! तात्त्विक अनुशीलन !!* 🩸 *चौदहवाँ - भाग* 🩸🏵️💧🏵️💧🏵️💧🏵️💧🏵️💧🏵️*गतांक से आगे :--*➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖*तेरहवें भाग* में आपने पढ़ा :--*जय हनुमान*अब आगे:---*ज्ञान गुन सागर
🔥🌳🔥🌳🔥🌳🔥🌳🔥🌳🔥 ‼️ *भगवत्कृपा हि केवलम्* ‼️ 🟣 *श्री हनुमान चालीसा* 🟣 *!! तात्त्विक अनुशीलन !!* 🩸 *तेरहवाँ - भाग* 🩸🏵️💧🏵️💧🏵️💧🏵️💧🏵️💧🏵️*गतांक से आगे :--*➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖*बारहवें भाग* में आपने पढ़ा :--*चौपाई* का भाव :-अब आगे :--- *जय हनु
🔥🌳🔥🌳🔥🌳🔥🌳🔥🌳🔥 ‼️ *भगवत्कृपा हि केवलम्* ‼️ 🟣 *श्री हनुमान चालीसा* 🟣 *!! तात्त्विक अनुशीलन !!* 🩸 *बारहवाँ - भाग* 🩸🏵️💧🏵️💧🏵️💧🏵️💧🏵️💧🏵️*गतांक से आगे :--*➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖*ग्यारहवें भाग* में आपने पढ़ा :--*"हरहुँ कलेश विकार"* के अन्तर्गत *
🔥🌳🔥🌳🔥🌳🔥🌳🔥🌳🔥 ‼️ *भगवत्कृपा हि केवलम्* ‼️ 🟣 *श्री हनुमान चालीसा* 🟣 *!! तात्त्विक अनुशीलन !!* 🩸 *दसवाँ - भाग* 🩸🏵️💧🏵️💧🏵️💧🏵️💧🏵️💧🏵️*गतांक से आगे :--*➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖*नवें भाग* में आपने पढ़ा :--*"हरहुँ कलेश विकार"* के अन्तर्गत *हरहुँ*अ
🔥🌳🔥🌳🔥🌳🔥🌳🔥🌳🔥 ‼️ *भगवत्कृपा हि केवलम्* ‼️ 🟣 *श्री हनुमान चालीसा* 🟣 *!! तात्त्विक अनुशीलन !!* 🩸 *आठवाँ - भाग* 🩸🏵️💧🏵️💧🏵️💧🏵️💧🏵️💧🏵️*गतांक से आगे :--*➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖*सातवें भाग* में आपने पढ़ा :--*"सुमिरौं पवन कुमार"*अब आगे:----*"बल ब
*इस संसार में आने के बाद जीव अनेकों प्रकार के बंधनों में जकड़ जाता है | गोस्वामी तुलसीदास जी ने अपने मानस में लिखा है " भूमि परत भा ढाबर पानी ! जिमि जीवहिं माया लपटानी !!" कहने का मतलब है कि जीव को माया चारों ओर से घेर लेती है , जिस के बंधन से जीव जीवन भर नहीं निकल पाता है | ईश्वर प्राप्ति का लक
*इस धरती पर जन्म लेने के बाद मनुष्य जाने अनजाने में अनेक प्रकार के पाप एवं पुण्य किया करता है , जिसका फल उसको प्राप्त ही होता है | सनातन धर्म में ऐसे सभी पापों के प्रायश्चित के लिए विधान बनाये गये है | इस संसार में मनुष्य जीवन भर समस्याओं से जूझता रहता है यह सनातन धर्म की ही दिव्यता है कि यहां प्रत्
कोरोना से डेराने हैं।अभी लेखक सभी हेराने हैं ... कही लिखते मिले तो भईया हमे बता दइयों। कोरोना मे अपने वजूद को भुलाने हैं।खोकर मीडिया के हो-हल्ला मे, सामाज को रचने वाले शब्द हेराने हैं... कवि, ब्यंग, शायर, गजल सभी बौराने हैं,खोज-खाज राजनीति के चुटकले उन्हे नही फैलाने हैं।सच कहने व लिखने से लेखक भी
🌺🌲🌺🌲🌺🌲🌺🌲🌺🌲🌺 ‼️ *भगवत्कृपा हि केवलम्* ‼️ 🐍🏹 *लक्ष्मण* 🏹🐍 🌹 *भाग - ४२* 🌹🩸🍏🩸🍏🩸🍏🩸🍏🩸🍏🩸*➖➖➖ गतांक से आगे ➖➖➖*जब शेषावतार बीरवर *लक्ष्मण* ने मेघनाद का सर काटा तो उसे हनुमान जी ने पृथ्वी पर नहीं गिरने दिया क्योंकि भगवान श्रीराम ने कहा थ
🌺🌲🌺🌲🌺🌲🌺🌲🌺🌲🌺 ‼️ *भगवत्कृपा हि केवलम्* ‼️ 🐍🏹 *लक्ष्मण* 🏹🐍 🌹 *भाग - ३९* 🌹🩸🍏🩸🍏🩸🍏🩸🍏🩸🍏🩸*➖➖➖ गतांक से आगे ➖➖➖*मेघनाद ने जब सुना कि राम *लक्ष्मण* नागपाश से मुक्त हो गये तो उसे क्रोध के साथ-साथ आश्चर्य भी हुआ | उसने मन में दृढ़ निश्चय कि
🌺🌲🌺🌲🌺🌲🌺🌲🌺🌲🌺 ‼️ *भगवत्कृपा हि केवलम्* ‼️ 🐍🏹 *लक्ष्मण* 🏹🐍 🌹 *भाग - ३८* 🌹🩸🍏🩸🍏🩸🍏🩸🍏🩸🍏🩸*➖➖➖ गतांक से आगे ➖➖➖**लक्ष्मण जी* सुषेण वैद्य के उपचार से स्वस्थ हो गये , यह खबर जब लंका में पहुंची तो :--*यह वृत्तांत दशानन सुनेऊ !**अति विषाद पु