🔥🌳🔥🌳🔥🌳🔥🌳🔥🌳🔥
‼️ *भगवत्कृपा हि केवलम्* ‼️
🟣 *श्री हनुमान चालीसा* 🟣
*!! तात्त्विक अनुशीलन !!*
🩸 *बारहवाँ - भाग* 🩸
🏵️💧🏵️💧🏵️💧🏵️💧🏵️💧🏵️
*गतांक से आगे :--*
➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖➖
*ग्यारहवें भाग* में आपने पढ़ा :--
*"हरहुँ कलेश विकार"* के अन्तर्गत *विकार*
अब आगे :---
*चौपाई*
*-------*
दोहा लिखने के बाद गोस्वामी तुलसीदास जी ने लिखा चौपाई :-
*जय हनुमान ज्ञान गुन सागर !*
*जय कपीश तिहुँ लोक उजागर !!*
प्रारंभ के मंगलाचरण में दोहे से *हनुमान चालीसा* का प्रारंभ करने वाले *तुलसीदास जी* आगे *चौपाई* लिखते हैं | दो चरणों में *चौपाई* सम मात्रा का भाव है कि *चौपाई* अर्थात चारों प्राप्त व समान भाव से जहां होते हैं | यहां धर्म , अर्थ , काम एवं मोक्ष चारों समान रूप से हैं | धर्म व काम की न्यूनाधिकता नहीं है | *दोहा* से प्राप्त करके *चौपाई* कहा कि यहां *दो है* जिनसे चारों प्राप्त होते हैं *भगवान से ज्ञान व मोक्ष* तथा *भक्त से भक्ति व वैराग्य* प्राप्त होते हैं | यहां भगवान एवं भक्त दोनों का गुणानुवाद है जिससे भक्ति , ज्ञान , वैराग्य एवं मोक्ष *चौपाई* अर्थात *चारों मिले* |
मूल स्तोत्र का प्रारंभ *चौपाई* से प्रारंभ करके गोस्वामी ने बताया कि *हनुमानजी* की उपासना से *चारों फल* प्राप्त हो जाते है | जिस प्रकार यहां दो *दोहों* से मंगलाचरण का प्रारंभ करके सीधा *चौपाई* लिखा गया है उसी प्रकार *मानस* में भी *सुन्दरकाण्ड* में दो श्लोकों में मंगलाचरण करके सीधा प्रारंभ *चौपाई* से किया गया जबकि अन्य किसी काण्ड में ऐसा नहीं है | यह ध्यान देने योग्य है |
पूर्व के दोहे में *पवन कुमार* का स्मरण किया गया व स्तोत्र के प्रारंभ में ही *चौपाई* शब्द लिखकर गोस्वामी जी ने संकेत किया कि *पवन कुमार* के स्मरण मात्र से ही *चारों फल* प्राप्त हो गए | मंगलाचरण में ही चारों फल की प्राप्ति बताई |
*यथा :---*
*सुमिरन* से *धर्म*
*बुद्धिहीन* से *अर्थ*
*बल बुद्धि विद्या* से *काम*
*व*
*हरहु कलेश विकार* से *मोक्ष*
का संकेत किया गया है |
इस प्रकार जब *दोहे* में *भक्त एवं भगवान* दो ही थे इन्हीं दोनों के संयोग से *चौपाई* अर्थात चारों फल की प्राप्ति जीव को हो जाती है |
यही भाव मन में रखते हुए गोस्वामी तुलसीदास जी ने *दोहे* के बाद *चौपाई* लिखा |
*शेष अगले भाग में :-----*
🌻🌷🌻🌷🌻🌷🌻🌷🌻🌷🌻
आचार्य अर्जुन तिवारी
पुराण प्रवक्ता/यज्ञकर्म विशेषज्ञ
संरक्षक
संकटमोचन हनुमानमंदिर
बड़ागाँव श्रीअयोध्या जी
9935328830
⚜️🚩⚜️🚩⚜️🚩⚜️🚩⚜️🚩⚜️