कुछ लोग ठोकर खाकर विखर जाते हैं कुछ लोग ठोकर खाकर बिफर जाते हैं मगर सफ़लता पाते हैं वही लोग जो ठोकर खाकर निखर जाते हैं lजीवन में छोटी छोटी कठिनाईयां आती हैं और चली जाती हैं दे
🌹*꧁༒हरे -:-कृष्णा ༒꧂*🌹
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*जय श्रीमन्नारायण*☘️🌿☘️🌿☘️🌿☘️🌿*‼️आपकी जिज्ञासाएँ?? हमारे समाधान‼️**भाग ४:-*🌺🌷🌺🌷🌺🌷🌺🌷🌺*गतांक से आगे:---------**प्रश्न:- क्या गुरु ईष्ट हो सकता है?**उत्तर:-* इष्ट का तात्पर्य एक ऐसी सत्ता से है जो उसके जीवन में सर्वोच्च है और जिस में लीन हो जाना वह अपना गौरव समझता है यदि शिष्य की भावना है
*श्रीमते यतिराजाय नमः**‼️ आपकी जिज्ञासायें ?? हमारे समाधान‼️*🌷🌺🌷🌺🌷🌺🌷🌺🌷*भाग १:---**प्रश्न:- गुरु दीक्षा क्या जरूरी है ??गुरु दीक्षा के कितने रूप हैं ??जब सीखना ही है तो दीक्षा के बिना भी तो सीखा जा सकता है तो दीक्षा के द्वारा गुरु एवं शिष्य के बीच कौन सा संबंध स्थापित हो जाता है**उत्तर:- सा
*श्रीमते रामानुजाय नमः*🌲🌿🌲🌿🌲🌿🌲🌿*‼️गुरु ही सफलता का स्रोत ‼️**भाग १२:--**गतांक से आगे:-------*जीवन पौरुष के साथ जीने के लिए प्राप्त हुआ है और वह पौरुष गुरुद्वारा प्रदत्त ज्ञान का पूर्ण रूप से पकड़ कर ही प्राप्त हो सकता है। सद्गुरु हर जीवन में साथ रहते हुए उस मार्ग पर ले जाते हैं जो पूर्णता का,
*🦚 जय श्रीमन्नारायण🦚*🌼🌞🌼🌞🌼🌞🌼🌞 *‼️ गुरु ही सफलता का स्रोत ‼️**भाग ११*🌿☘️🌿☘️🌿☘️🌲☘️🌿*गतांक से आगे:-------* *यस्मान् महेश्वरः साक्षात कृत्वा मानुष विग्रहं।**कृपया गुरुरूपेण मग्नाः प्रोद्धरति प्रजा:।।**अर्थात:--*स्वयं परमेश्वर मानव मूर्ति धारण करके कृपया पूर्वक गुरु रूप में माया में म
*श्रीमते यतिराजाय नमः*🌿☘️🌿☘️🌿☘️🌿🌿☘️ *‼️ गुरु ही सफलता का स्रोत‼️**भाग १०:--**गतांक से आगे:-------*शिष्य का जीवन गुरु से जोड़कर ही पूर्ण बनता है जीवन की यात्रा तो संसार में जिसने भी जन्म लिया है वह करता ही है लेकिन कितने व्यक्ति इस जीवन में पूर्णता प्राप्त करते हैं यह ज्यादा महत्वपूर्ण है शास्त
*श्रीयतिराजाय नमः*🦜🦚🦜🦚🦜🦚🦜🦚*‼️गुरु ही सफलता का स्रोत‼️* *भाग:-९**गतांक से आगे:----------**ब्रम्हाण्ड रश्मिनिकरेश्वनु गुज्जछदमात।**यस्य स्तुतीं प्रकृतिरेव स्वयं करोति।**गायन्ति यां ऋषिजनाः सुजनाश्च तं वै।**तं वन्दे रामानुजस्य चरणारविन्दम।।*जिनकी स्तुति स्वयं प्रकृति भी करती है उस स्तुति का
‼️ *श्रीमते रामनुजाय नमः* ‼️💐🌹💐🌹💐🌹💐🌹 *🌹🌹गुरु ही सफलता का स्रोत 🌹🌹*🦚 *भाग ७*🦚*गतांक से आगे------**शिष्य कितना भी क्षमता वान क्यों ना हो जाए उस का साधन आत्मक स्तर कितना भी उच्च क्यों ना हो जाए चाहे उसमें ब्रह्मांड को दोबारा रचने की क्षमता ही क्यों ना आ जाए तब भी वह सद्गुरु के सामने शिशु
*जय श्रीमन्नारायण*🌺🌷🌺🌷🌺🌷🌺🌷 *गुरु ही सफलता का स्रोत**भाग:-६*☘️🌿☘️🌿☘️🌿☘️🌿☘️🌿*गतांक से आगे:------*संसार में दुख हैं हर दुख का कारण है और हर दुख का निवारण भी है गुरु की कृपा प्राप्त करने का सरल उपाय ही दीक्षा है और शिष्य का धर्म यही है की पुनः पुनः गुरु चरणों में उपस्थित होकर दीक्षा द
*श्री यतिराजाय नमः*🌼🌺🌼🌺🌼🌺🌼🌺 *गुरु हि सफलता का स्रोत**भाग ५:-----**गतांक से आगे:----*गुरु के बारे में शास्त्र में कहा गया है--*गुरूर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु गुरुर्देवो महेश्वरः! गुरु साक्षात परब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नमः*अर्थात:- वास्तव में ही पूर्णता का दूसरा नाम गुरु है अष्ट महा सिद्धियां गुर
*जय श्रीमन्नारायण*☘️🌿☘️🌿☘️🌿☘️🌿*गुरु ही सफलता का स्रोत*🌺🌼🌺🌼🌺🌼🌺🌼 *भाग:-४* *गतांक से आगे------* *अनुभवति हि मूर्ध्ना पादपस्तीव्रमुष्णं।**शमयति परितापमं छायया संश्रितानाम्।।*(अभिज्ञान शाकुंतलम:५/7)अर्थात:- वृक्ष अपने सिर से तो तीव्रउष्णता का अनुभव करता है पर अपने आश्रितों के ताप को छाया से
*जय श्रीमन्नारायण*🌹💐🌹💐🌹💐🌹💐 *गुरु ही सफलता का स्रोत**भाग:-----३*🌲🌿🌲🌿🌲🌿🌲🌿 *गतांक से आगे*---- *क्या गुरु का भी ऋण होता है*--------तो उत्तर आएगा हां शिष्य अपने गुरु का ऋण कभी उतार ही नहीं सकता अपने माता-पिता का ऋण उतार सकता है अपने स्वजनों का ऋण उतार सकता है क्योंकि उनसे उसके देश
*जय श्रीमन्नारायण*🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 *भाग:-१* *गुरु ही सफलता का स्रोत*🥀🌲🥀🌲🥀🌲🥀 गुरु चाहते हैं कि शिष्य दिव्यता के इस मार्ग पर अग्रसर हो और तुम इस पद पर पहुंच जाओगे तो तुम्हें अपने आप एहसास होगा तुम्हें संतोष होगा कि तुम इस पद पर खड़े हो औरों को तो इस पद का ज्ञान भी नहीं है वह पत्र जहां
गुरुपूर्णिमा डॉ शोभाभारद्वाज गुरुपूर्णिमा के अवसर पर बचपन की स्मृतियाँ मन पर छाने लगती हैं | जिन्हें भूलना आसान नहीं हैं हमाराबचपन प्रयागराज (इलाहाबाद) में बीता हमारे घर के साथचार मंजिल का मकान था उस समय के हिसाब से बहुत आलिशान था यहाँ महाजन परिवार रहता था वह आढ़ती थेघर का मालिक गंगा महाजन सम्मानित
नमोऽस्तुगुरुसत्तायैमातृवत्लालयित्री च, पितृवत् मार्गदर्शिका,नमोऽस्तुगुरुसत्तायै, श्रद्धाप्रज्ञायुता च या ||वास्तवमें ऐसी श्रद्धा और प्रज्ञा से युत होती है गुरु की सत्ता – गुरु की प्रकृति – जोमाता के समान ममत्व का भाव रखती है तो पिता के समान उचित मार्गदर्शन भी करती है… औरसच पूछिये तो मित्र के समान हर
गुरु पूर्णिमाव्यासाय विष्णुरूपाय व्यासरूपाय विष्णवे। नमो वै ब्रह्मनिधये वासिष्ठायनमो नम:॥ब्रह्मज्ञान के भण्डार, महर्षि वशिष्ठ के वंशज साक्षात भगवान विष्णु के स्वरूपमहर्षि व्यास को हम नमन करते हैं और उन्हीं के साथ भगवान विष्णु को भी नमन करतेहैं जो महर्षि व्यास का ही रूप हैं | शनिवार 24 जुलाई को
*जय श्रीमन्नारायण**स्त्रीयों को गुरू क्यूं नहीं बनाना चाहिये , और संतो को क्यूं स्त्रीयों से दूर रहना चाहिये ,, शास्त्र से*:-------- "" प्रश्न -- हमने गुरूसे कण्ठी तो लेली , पर उनमें श्रद्धा नहीं रही तो क्या कंठी उनको वापस कर दें ?"" उत्तर--कंठी वापस करने के लिए हम कभी समर्थन
मकर, कुम्भ और मीन राशि के जातकों के लिए गुरु का मकर मेंगोचरसोमवार 29 मार्च 2020, चैत्र शुक्ल षष्ठी को 27:55 (अर्द्धरात्र्योत्तर तीन बजकर पचपन मिनट) के लगभग आयुष्मान योग और कौलवकरण में गुरुदेव का गोचर मकर राशि में हुआ था | लेकिन 14मई 2020 को रात्रि 7:47 केलगभग वक्री होते हुए गुरु तीस जून 2020 को सूर्
कर्क, सिंह और कन्या राशियों के लिए गुरु का मकर में गोचरसोमवार29 मार्च 2020, चैत्र शुक्ल षष्ठीको 27:55 (अर्द्धरात्र्योत्तर तीन बजकर पचपन मिनट) के लगभगआयुष्मान योग और कौलव करण में गुरुदेव का गोचर मकर राशि में हुआ था | लेकिन 14मई 2020 को रात्रि 7:47 केलगभग वक्री होते हुए गुरु तीस जून 2020 को सूर्योदय स