16 दिसम्बर 1971
भारत के इतिहास का स्वर्णिम दिवस
डॉ शोभा भारद्वाज
गवर्नर जर्नल माउंट
बेटन ने अखंड भारत के विभाजन पर टिप्पणी करते हुए कहा था (भारत, एवं पाकिस्तान,
पाकिस्तान के दो हिस्से थे पश्चिमी पाकिस्तान एवं पूर्वी पाकिस्तान उनके बीच लगभग
1600 किलोमीटर की दूरी थी) ‘24 वर्ष बाद पूर्वी पाकिस्तान ,पश्चिमी पाकिस्तान से अलग
हो जाएगा.’
16 दिसम्बर 1971 भारत के गौरवपूर्ण इतिहास का
पन्ना है .आज से 50 वर्ष पूर्व लिखा गया था ,पकिस्तान के 93 हजार सैनिकों ने जर्नल
नियाजी सहित भारतीय सेना के सामने अपने हथियार रख कर समर्पण किया था विश्व के
इतिहास का सबसे बड़ा सैन्य समर्पण .
पूर्वी एवं पश्चिमी पाकिस्तान में चुनाव हुए
जिसमें शेख मुजीबुर रहमान के दल आवामी लीग को पाकिस्तानी संसद में बहुमत प्राप्त
हुआ उनका प्रधान मंत्री पद पर हक था उन्हें जेल में डाल दिया यहीं से असंतोष की
शुरुआत हो गयी तत्कालीन जर्नल याहया खान ने पूर्वी हिस्से में फैली नाराजगी को दूर
करने की जिम्मेदारी जर्नल टिक्का खान को सौंपी लेकिन स्थिति बिगड़ती चली गयी .
असहयोग को दबाने के लिए ऐसा दमन चक्र चला परिणाम जबर्दस्त नरसंहार बुद्धिजीवियों,राजनीतिज्ञों,उद्योगपतियों की
हत्या किशोरियों ,महिलाओं का बलात्कार शरणार्थी जान बचा कर भारत आने लगे इनकी
संख्या एक करोड़ के करीब थी तत्कालीन स्वर्गीय इंदिरा गांधी के सामने स्थिति से निपटने
का दबाब था सभी राजनीतिक दल विषम परिस्थिति में प्रधान मंत्री के साथ खड़े थे .
पूर्व जर्नल मानेकशा ने अपनी सैन्य शक्ति को तोल कर
पूर्वी पकिस्तान में सैन्य अभियान छेड़ा सैन्य अभियान से पहले कूटनीतिक अभियान की
भी आवश्कता थी इंदिरा ने विश्व जन मत बनाने का सार्थक प्रयत्न किया क्या करें भारत
में पाकिस्तानी सेना के जुल्मों के शिकार शरणार्थी भारत आ रहे हैं ? साथ ही सैन्य
अभियान से पहले रूस से मदद मांगी. रूस से मित्रता संधि हुई. संधि –‘ भारत पर हमला रूस पर हमला है.’ अमेरिका की विदेश नीति प्रो पकिस्तान थी
कारण पाकिस्तान की भौगौलिक स्थिति यूएस ने विदेश विभाग के अनुसार उनका 75000 टन न्यूक्लियर पॉवर एयरक्राफ्ट
युद्धपोत यूएसएस एंटरप्राइसेस बंगाल की खाड़ी की और रवाना कर दिया नीति थी युद्धपोत
के दम पर भारत को आत्मसमर्पण के लिए धमका लेंगे .
भारतीय सेना ने अपने युद्ध पोत
विक्रांत को उतार दिया वह यूएस एंटरप्राइसेस और भारतीय शहरों के बीच चट्टान
की तरह खड़ा था.ब्रिटिश युद्धपोत ईगल भी भारतीय महाद्वीप की ओर बढ़ रहा है.इंदिरा
जी घबराई नहीं , सोवियत
रूस से संधि के अनुसार मदद मांगने पर रूस ने न्यूक्लियर हथियारों से लैस युद्धपोत
और सबमरीन भेज दी.सबमरीन को भारतीय महासागर के तल पर रखा गया, ताकि दुश्मन को पता चल जाए कि
भारत अकेला नहीं है.ब्रिटिश युद्ध पोत लौट गया अमेरिका ने भी खाड़ी से अपनी सेना
वापिस बुला ली
14 दिसम्बर जर्नल नियाजी ने ढाका
में स्थित अमेरिकन उच्चायुक्त से प्रार्थना की वह आत्म समर्पण करना चाहते है यूएस
विदेश विभाग द्वारा भातीय सेना के आगे बढने से रोका गया पाकिस्तानी सेना ने आत्म
समर्पण कर दिया अमेरिका, चीन और
ब्रिटेन ने भारत के आत्म विश्वास का नमूना देखा .बंगला देश एक अलग देश है
पाकिस्तान के साथ सम्भावित युद्ध के समय दो सीमाओं पर युद्ध का खतरा नहीं था भारत
को लाभ मिला अब चीन का पाकिस्तान को समर्थन मिलता है .इंदिराजी का कूटनीतिक कदम
आये दिन पाकिस्तान सुरक्षा परिषद में कश्मीर की समस्या को उठाता था शिमला समझौत के
अनुसार पाकिस्तान कश्मीर का अंतर्राष्ट्रीयकरण नहीं करेंगे दोनों देश आपसी वार्ता
द्वारा समस्या का समाधान करेंगे किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं है.
पाकिस्तान से आजाद होकर विश्व के नक्शे पर नये राज्य स्वतंत्र बांग्ला देश का
निर्माण हुआ भारत ने सबसे पहले नवोदित राज्य को मान्यता दी.
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लिखना मेरा शोक है में 30 वर्षों से आकाश वाणी से जुडी हुई हूँ आज का विचार, और वार्ता मे भाग लेती हूँ लेख भेजती हूँऔर विचार रखती हूँ पांचवा स्तम्भ , सूर्या संस्थान द्वारा छपने वाली मैगजीन में मेरे लेख प्रकाशित होते हैं वर्तमान अंकुर अखबार में नितन्तर मेरे लेख छपते हैं जागरण जंगशन और नवभारत टाईम्स ब्लॉग में निरंतर लिखती हूँ अंतर्राष्ट्रीय विषयों और कूटनीति के विषयों में मेरी विशेष रूचि है वैसे राजनीती और किसी महान पुरुष के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालना मेरा प्रमुख उद्देश्य है मैने 10 वर्ष ईरान में उस समय परिवार सहित बिठाये हैं जब ईरान का शाह देश छोड़ कर जा चुके थे इस्लामिक सरकार ने किस तरह ईरान की जनता पर नियन्त्रण किया तथा ईरान इराक युद्ध देखा मैंने भारत पाकिस्तान सम्बन्धों पर पर रिसर्च की है विषय Anglo American Impact on the Indo Pak Relations और कुछ ख़ास नहीं, मुख्य शौक लेक्चर देना है ,लिखना मेरा शोक है में 30 वर्षों से आकाश वाणी से जुडी हुई हूँ आज का विचार, और वार्ता मे भाग लेती हूँ लेख भेजती हूँऔर विचार रखती हूँ पांचवा स्तम्भ , सूर्या संस्थान द्वारा छपने वाली मैगजीन में मेरे लेख प्रकाशित होते हैं वर्तमान अंकुर अखबार में नितन्तर मेरे लेख छपते हैं जागरण जंगशन और नवभारत टाईम्स ब्लॉग में निरंतर लिखती हूँ अंतर्राष्ट्रीय विषयों और कूटनीति के विषयों में मेरी विशेष रूचि है वैसे राजनीती और किसी महान पुरुष के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालना मेरा प्रमुख उद्देश्य है मैने 10 वर्ष ईरान में उस समय परिवार सहित बिठाये हैं जब ईरान का शाह देश छोड़ कर जा चुके थे इस्लामिक सरकार ने किस तरह ईरान की जनता पर नियन्त्रण किया तथा ईरान इराक युद्ध देखा मैंने भारत पाकिस्तान सम्बन्धों पर पर रिसर्च की है विषय Anglo American Impact on the Indo Pak Relations और कुछ ख़ास नहीं, मुख्य शौक लेक्चर देना है ,लिखना मेरा शोक है में 30 वर्षों से आकाश वाणी एवं टीवी चैनलों से से जुडी हुई हूँ आज का विचार, और वार्ता मे भाग लेती हूँ लेख भेजती हूँ और विचार रखती हूँ पांचवा स्तम्भ , सूर्या संस्थान द्वारा छपने वाली मैगजीन में मेरे लेख प्रकाशित होते हैं वर्तमान अंकुर अखबार में नितन्तर मेरे लेख छपते हैं में वरिष्ठ स्तम्भकार हूँ जागरण जंगशन और नवभारत टाईम्स ब्लॉग में निरंतर लिखती हूँ अंतर्राष्ट्रीय विषयों और कूटनीति के विषयों में मेरी विशेष रूचि है वैसे राजनीती और किसी महान पुरुष के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालना मेरा प्रमुख उद्देश्य है मैने 10 वर्ष ईरान में उस समय परिवार सहित बिठाये हैं जब ईरान का शाह देश छोड़ कर जा चुके थे इस्लामिक सरकार ने किस तरह ईरान की जनता पर नियन्त्रण किया तथा ईरान इराक युद्ध देखा मैंने भारत पाकिस्तान सम्बन्धों पर पर रिसर्च की है विषय Anglo American Impact on the Indo Pak Relations और कुछ ख़ास नहीं, मुख्य शौक लेक्चर देना है ,लिखना मेरा शोक है में 30 वर्षों से आकाश वाणी एवं टीवी चैनलों से से जुडी हुई हूँ आज का विचार, और वार्ता मे भाग लेती हूँ लेख भेजती हूँ और विचार रखती हूँ पांचवा स्तम्भ , सूर्या संस्थान द्वारा छपने वाली मैगजीन में मेरे लेख प्रकाशित होते हैं वर्तमान अंकुर अखबार में नितन्तर मेरे लेख छपते हैं में वरिष्ठ स्तम्भकार हूँ जागरण जंगशन और नवभारत टाईम्स ब्लॉग में निरंतर लिखती हूँ अंतर्राष्ट्रीय विषयों और कूटनीति के विषयों में मेरी विशेष रूचि है वैसे राजनीती और किसी महान पुरुष के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालना मेरा प्रमुख उद्देश्य है मैने 10 वर्ष ईरान में उस समय परिवार सहित बिठाये हैं जब ईरान का शाह देश छोड़ कर जा चुके थे इस्लामिक सरकार ने किस तरह ईरान की जनता पर नियन्त्रण किया तथा ईरान इराक युद्ध देखा मैंने भारत पाकिस्तान सम्बन्धों पर पर रिसर्च की है विषय Anglo American Impact on the Indo Pak Relations और कुछ ख़ास नहीं, मुख्य शौक लेक्चर देना है D