गतांक से आगे:-
जो बात चंचला कहकर गई थी वो बात काफी समय से रमनी को भी खटक रही थी कि आखिर अशोक बजाज जैसे इंसान का बेटा जो करोड़ पति है उसके लिए तो बहुत से बड़े बड़े खानदान और पैसे वालों के रिश्ते आ सकते थे लेकिन फिर भी कमल ने जिया को ही क्यों पसंद किया। लेकिन वो अब कुछ नहीं कर सकती थी क्योंकि जिया ने धमकीं दे रखी थी कि अगर कुछ भी दखल दिया तो वो मर जाएगी।रमनी ने ना चाहते हुए भी जिया को उसके भाग पर छोड़ दिया अब देखो किस्मत क्या रंग दिखाएगी।
अगले दिन बड़े ही सादे से समारोह में जिया की शादी कमल के साथ हो गई ।जिया को विदा करके रमनी जब कोठी लौटी तो बहुत तेज रुलाई फूट पड़ी । जिन बेटियों को उसने जोगिंदर की मौत का कारण माना , जिन्हें इतना दबा कर रखा ,कभी प्यार से नहीं बोली उनसे आज दोनों ही बेटियां इस घर से विदा हो गयी थी।एक सूनापन सा आ गया था घर में ।
तभी तो लड़कियों को मंडेर की चिड़िया कहा जाता है कुछ दिन मंडेर पर चहकती है फिर अपने आशियाने के लिए उड़ जाती है।हम सोचते हैं वो हमारी थी पर वो तो पैदा ही परायेघर जाने के लिए होती है ।रमनी ये मान रही थी कि जब कोई चीज़ हाथ से चली जाती है तब इंसान को उसकी कद्र होती है ।आज सारी ही रात उसे नींद नहीं आई ।एक बेचैनी सी थी कि पता नहीं चट मंगनी पट ब्याह हुआ है ये , ना तो लड़के वालों को परखने का मौका मिला ना ही लड़के के बारे में कोई तहकीकात की ।पता नहीं जिया को कैसे रखेंगे वो लोग।
इधर जिया जब ससुराल पहुंची तो उसका कोई गृहप्रवेश करवाने वाला नहीं था ।हमीदा बी तो आते ही अपने कमरे में चली गई क्योंकि नसीब की कोई खोज-खबर नहीं थी एक ही बेटा वो भी दस पंद्रह दिनों से लापता था उसकी तो जान पर बनी हुई थी । मिस्टर बजाज और कमल ठहरे आदमी उन्हें क्या पता कैसे बहू का गृहप्रवेश होता है।जिया थोड़ी देर तो दरवाजे पर ठिठकी हुई खड़ी रंही पर जब कोई भी उसे अंदर लेने नहीं आया तो कमल ने उसे अंदर धक्का देते हुए कहा,"मैडम….किस के इंतजार में हैं कोई नहीं आये गा तुम्हें गृह प्रवेश करवाने।अब चलो अंदर।" वह उसे पीछे ठेलता हुआ घर के अंदर चला गया ।जिया को कमल का ये व्यवहार अच्छा सा नहीं लगा।उसने सोचा हो सकता है कमल इस तरह से हुए सादे से विवाह समारोह से खुश नहीं होगा ,हो सकता है वो शादी में धूमधाम चाहता हो। पर उसे तो सच्चाई पता है सिया दीदी घर से भागी नहीं है बल्कि वो तो भगवान के पास चली गई है ।फिर वो ऐसा बर्ताव क्यों कर रहा है । यह सोचते-सोचते वह घर के अंदर आ गई।
घर क्या था पूरा महल था । क्या झाडफानूस, क्या छत की डेकोरेशन, क्या लाइटिंग जिया को अपनी किस्मत पर नाज़ सा होने लगा।वह सोच रही थी कि कमल ने आखिरकार उसमें क्या देखा ? उसे तो एक से बढ़कर एक लड़की मिल सकती थी।तभी हमीदा बी जो एक किस्म से उस घर कहें जाने वाले महल की केयरटेकर थी।वो अपने कमरे से निकल कर बाहर आई और बोली,"क्या बात जिया बेगम ऐसे क्यों झिझक रही हो ये तुम्हारा ही घर है ।आओ बानो इधर सोफे पर बैठो।"
उसने घर के नौकरों को चाय लाने को बोला ।जिया को ये सब बड़ा अजीब सा लग रहा था।वह एक बार अपनी धुनसहेली के भाई की शादी में गयी थी वहां उसने देखा था कैसे नयी बहू का स्वागत करते हैं ।पूरा दिन रस्में होती रहती है । दुल्हन को उसके सुसज्जित कक्ष में बैठाया जाता है पर यहां तो जैसे कोई रंग चाह नहीं था शादी का। मिस्टर बजाज अपने स्टडी रूम में चले गये और कमल ने आज अपने दोस्तों के साथ बैठकर खूब पी रखी थी ।दो घण्टे तक जिया सोफे पर ही बैठी रही जब कमल घर आया तो उसके पैर लड़खड़ा रहे थे उसने आते ही जिया का हाथ पकड़ा और उसे अपने कमरे में ले जाने लगा।जिया भी बावरी सी ये उसका प्यार समझ कर उसके पीछे-पीछे चल दी ।अभी दो चार सीढ़ियां ही चढ़ी होगी तभी स्टडी रूम से मिस्टर बजाज ने आवाज दी,
"कमल ….जरा एक मिनट , एक बात करनी थी।आना तो।"
कमल भी लड़खड़ाते हुए अपने पापा के पास चला गया तकरीबन आधे घंटे तक जिया ऐसे ही सीढ़ियों पर खड़ी रही। पूरे आधे घंटे बाद कमल जब स्टडी रूम से बाहर आया तो वह लाल लाल आंखों से जिया को घूर रहा था ।वह उसे खींचते हुए अपने कमरे में ले गया और कमरे में जाते ही भड़ाक से दरवाजा बंद कर लिया और एक जोरदार तमाचा जिया के मुंह पर आ कर पड़ा।जिसकी जिया को सपने में भी सोच नहीं थी ।वह एकदम अर्श से फर्श पर आ गिरी ।वह गाल सहलाते हुए बोली,"ये क्या हैं कमल ? तुम ऐसा व्यवहार क्यों कर रहे हो मेरे साथ?"
तभी कमल फिर से उसे मारने दौड़ा।एक तो शराब का नशा दूसरा ना जाने मिस्टर बजाज ने क्या कहा था उसे ।वो तो भरा हुआ ही बैठा था।वह चीख कर बोला ,"तुम्हें शर्म नहीं आती अपने पति का नाम लेती हो । मां ने कुछ तमीज सिखाई है या नहीं।ये क्या कमल कमल लगा रखा है । और एक बात तुम लोग हमारे लेवल की शादी तो क्या कर पाते तकरीबन सौ बरातियों को भी तुम्हारी मां सोने की अंगूठी नहीं दे पाई।"
कमल गुस्से में बोले चला जा रहा था। अब जिया को सारी बात समझ आ गई थी कि किस तरीके के लालची लोग थे ये लोग ।कमल लगातार बोले जा रहा था,"ओ सुन जिया ,पापा कह रहे थे कि कोई बड़ा विदेशी टैंडर निकला है तुम्हारी मां को बोलियों कि उसमें अपनी टांग ना घुसेड़े।वो टैंडर हमें चाहिए ।समझी के नहीं।"
कमल लगातार बोले जा रहा था जिया को अच्छी तरीके से समझ आ गया था कि कमल ने क्यों उसे प्यार के झांसें में फंसाया।वह उससे प्यार करता ही नहीं उसका प्यार मतलब का प्यार है जिया बेशक बड़ी मां से नाराज़ थी लेकिन यूं कमल का बदतमीजी से बोलना उसे अंदर तक साल गया।वो उसका पति और प्यार था वरना और कोई होता तो जिया उसका मुंह नोच लेती।
वह बिस्तर पर बैठी बैठी सोच रही थी" जिया तुम जिसके लिए अपने घर वालों से बग़ावत करके आई , बड़े भाई विक्की और गौतम भले ही वहां ना रहते हो लेकिन सभी भाई-बहनों में एकता बहुत थी वो भी शादी में यही कह रहे थे "छोटी अब तूने ठान ही लिया है कमल से शादी करने की पर हमें वो लड़का सही नहीं लगता ।हम एक बहन को तो खो ही चुके हैं दूसरी को नहीं खोना चाहते।तुम तो जानती ही हो मेरी और गौतम की सगाई हो गयी है ।अगले छ महीने में शादी है हम ये चाहते हैं हमारी शादी में हमारे सारे नेग तुम करों।"
उसने क्यों आंखों पर पट्टी बांध ली थी। क्या इस आदमी के लिए ।नहीं जिया "ये प्यार नहीं है " ये धोखा है धोखा।
यह कहकर जिया की आंखों से आंसू टपकने लगे।
(क्रमशः)