गतांक से आगे:-
रमनी आज सुबह सवेरे ही उठ गयी थी । दरअसल विक्की और गौतम की सगाई एक ही परिवार में दो बहनों के साथ हुई थी ।वो जिया की शादी में तो नहीं आ पाये थे लेकिन बाद में आ रहे थे ।दूसरा आज जिया भी पगफेरे के लिए आने वाली थी । इसलिए घर में सुबह से ही खाने पीने कि तैयारियां चल रही थी। विक्की और गौतम के साथ रमनी स्वयं जिया को लेने उसके ससुराल पहुंची।
पर वहां पर उनके आने का कोई चाव दिखाई नहीं दिया ।जिया तो सुबह सवेरे उठ गई थी।पर कमल को शायद रात की अभी तक नहीं उतरी थी तो वो अभी तक सो रहा था । मिस्टर बजाज सुबह की सैर पर गये थे ।घर में हमीदा बी ही थी और कुछ नौकर।रमनी , विक्की और गौतम तीनों ने जब कोठी में प्रवेश किया तो हक्के बक्के रह गए कि क्या आलिशान बंगला था ।रमनी के भी मन में आया कि चलों कोई बात नहीं लड़की ने अपने प्यार से शादी की लेकिन घर तो अच्छा है।जिया तब तक पूजा करके आ चुकी थी ड्राइंग रूम में बड़ी मां और भाईयों को बैठा देखकर जिया दौड़कर उन से लिपट गई ।रमनी ने महसूस किया जिया की आंखों में आंसू थे और उसने कनखियो से ये भी देखा लिया था कि जिया का गाल सूजा हुआ है लेकिन तब चुप रहने में ही भलाई थी।तभी मिस्टर बजाज आ गये। उन्हें यूं आया देखकर एक दम से घबरा गये और बोले"अरेरेरे…बहन जी आप , क्या बात कोई बात है क्या जो आप लोग सारे के सारे एक साथ ।"उन्हें ये डर लग रहा था कि कहीं जिया ने तो सारी बात फोन पर नहीं बता दी।
तभी रमनी बोली ," भाईसाहब आप नहीं जानते शादी से अगले दिन बेटी को पगफरे के लिए मायके जाना होता है।कमल बाबू कहां है? दिखाई नहीं दे रहे।"
मिस्टर बजाज खिसियाते हुए कमल को आवाज देने लगे,"बहन जी वो कल रात बच्चे देर से सोये……आप समझ सकती है बस इसलिए कमल को उठने में देर हो गई। मैं अभी नौकर से कहकर बुलवाता हूं। आप इतना अपनी बेटी से बातें करें।"यह कहकर मिस्टर बजाज अंदर चले गये और इशारे इशारे में हमीदा बेगम को वहां बैठने के लिए बोल गये ताकि जिया कोई बात ना कर सकें अपने घर वालों से।
थोड़ी देर बाद कमल अलसाया सा ड्राइंग रूम में आया और नमस्ते करके सोफे पर पसर गया।रमनी को बड़ा ही अजीब लगा कि कैसा दामाद है ना पैर छूए ना हालचाल पूछा बस नमस्ते की और पसर गया ।तभी रमनी ने ही बात शुरू की,"और कमल बाबू कैसे हो ?"
रमनी का इतना बोलना था कि कमल झुंझलाकर बोला,"क्या बाबू बाबू लगा रखा है ।अगर इतनी ही चिंता होती तो हमारी ओर के बरातियों के साथ ऐसा बर्ताव ना करती तुम।"
जब कमल ने आप की जगह तुम कहा तो जिया एकदम से गुस्से में बोल पड़ी,"ये कैसे बोल रहे हो तुम मेरी बड़ी मां से । बिल्कुल तमीज नहीं है।"
ये सुनते ही कमल जिया को मारने दौड़ा,"भूल गयी रात की मार या और सबक सिखाऊं।"
वो तो मिस्टर बजाज ने आकर कमल को रोक लिया ।
रमनी एकदम से सहमत गई कि ये क्या हो रहा है ।वह प्रश्न सूचक निगाहों से मिस्टर बजाज को तो कभी जिया को देखें जा रही थी । मिस्टर बजाज ने किसी तरह मामला ठंडा किया।
रमनी जिया को लेकर पग फेरे के लिए घर चली गई।सारा रास्ता किसी ने भी किसी से बात नहीं की ।रमनी यूं दुःखी थी कि एक बेटी उसके क्रोध के कारण उससे बिछुड गयी तो दूसरी ने खुद अपने पैर पर कुल्हाड़ी मार ली ।
घर पहुंचकर रमनी ने जिया को अपने पास बुलाया और प्यार से पूछा ,"जिया बेटा ।ये कमल का बर्ताव तुम्हारे साथ ठीक नहीं है क्या? और रात को ऐसा क्या हो गया था जो ये तुम्हें बार बार कह रहा था कि भूल गयी रात की मार , क्या उसने तुम्हें मारा है क्या?"
जिया मन ही मन सोचने लगी कि बड़ी मां को आज क्या हुआ वो तो ऐसे प्यार से कभी नहीं बोलतीं थी आज क्या हो गया?पर प्रत्यक्ष में जिया बोली,"नहीं बड़ी मां ऐसी कोई बात नहीं है वो मज़ाक में ऐसा कर रहे थे ।बस थोड़ा सा गुस्से में है क्योंकि जो अरमान शादी के लिए उनके थे वो पूरे नहीं हुए ।और हां उनकी कोई भी डिमांड मानने की जरूरत नहीं है।"
यह कहकर जिया अपने कमरे में चली गई।पर रमनी तो मां थी उसने कमल की बात सुन ली थी कि बरातियों के साथ ऐसा बर्ताव नहीं करती तुम ।उसने हमीदा बी से उड़ती सी बात सुनी थी जब वो सोफे पर बैठे थे कि कमल और उसके पापा बरातियों को एक एक अंगुठी दिलाना चाहते थे।
जब जिया पगफेरे के बाद वापस ससुराल गयी तो रमनी ने सौ अगुठियां खरीदकर जिया के साथ भेज दी।
रमनी नहीं चाहती थी कि उसके कारण उसकी बेटी की गृहस्थी बर्बाद हो।
पर कहते हैं अगर कोई दबता है तो लोग उसे और दबाते हैं ।जिया के ससुराल वालों की डिमांड बढ़ती ही जा रही थी । शादी के बाद जो कोंट्रेक्ट की बात कमल कर रहा था कि तुम्हारी मां टांग नहीं अड़ाए गी वो तो पहले ही कोटेशन भरी जा चुकी थी तो टेंडर रमनी के नाम ही निकला ।पर शादी के दो महीने बाद एक और बड़ा टेंडर भरा जाने वाला था तो मिस्टर बजाज ने पहले ही कमल को बुलाकर कहा दिया कि जिया की मम्मी ये टेंडर नहीं भरेगी।कमल ने जब ये बात जिया को बोली तो जिया बिफर पड़ी,"कमल तुम्हें शर्म नहीं आती और कितना गिरोगे मेरी नज़रों से ,पहले तुम तरह तरह की डिमांड रखते थे ।जिसे मेरी बड़ी मां मेरे मना करने पर भी पूरी करती रही अब तुम मेरी बड़ी मां के बिजनेस में भी दखल देने लगे हों।उन का मन होगा तो वो टेंडर डालेगी नहीं होगा तो नहीं डालेगी पर मैं बड़ी मां को मना नहीं करूंगी।"
इतना सुनते ही कमल का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया और उसने जिया को रुई की तरह धुन दिया।
पर आजकल के बच्चों में भी सहन शक्ति नहीं होती जिया अपने कमरे में गई और अंदर से दरवाजा बंद कर लिया।कमल ने सोचा अपने आप रो धोकर निकल आयेगी पर जिया ने बहुत बड़ा सोच लिया था।और वह मन ही मन निश्चय कर उठ खड़ी हुई और अलमारी की ओर बढ़ने लगी।
(क्रमशः)