गतांक से आगे:-
मिस्टर अशोक बजाज टैक्सटाइल बिजनेस में जाना माना नाम था पर आजकल कुछ डरे डरे से रहते थे।"जोगिंदर एंटरप्राइजेज" बहुत तेजी से टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज में उभर कर आ रहा था जिसके कारण उनकी साख धीरे-धीरे घटने लगी थी।
मिस्टर बजाज को कमल के द्वारा ये पता चल गया था कि "जोगिंदर एंटरप्राइजेज"की मालकिन की बेटियां उसी इंस्टीट्यूट में पढ़ने आई है जिसमें कमल पढ़ता है तो मिस्टर अशोक बजाज के दिमाग की घंटी बजी।उसने एक चाल सोची जिससे सांप भी मर जाएगा और लाठी भी नहीं टूटेगी । उसे ये तो पता था कि रमनी के बेटे उसके बिजनेस में उसका हाथ नहीं बंटाते हैं एक तो सरकारी नौकरी में हैं और दूसरा अभी पढ़ रहा है।सारे बिजनेस को वो अकेली औरत सम्भाल रही है।अगर उसकी बेटी इस घर की बहू बन जाए तो रमनी जो भी बिजनेस कोंट्रेक्ट होंगे वो उन्हें ही आगे रखेंगी। इसलिए उन्होंने कमल को रमनी की कोई सी भी बेटी को फंसाने के लिए कहा था।
कमल ने थोड़े ही दिन में ये भांप लिया कि सिया के मन में नसीब के लिए कुछ है तभी वह जिया को इंप्रेस करने में लग गया ।उस दिन जानबूझ कर अपने किसी दोस्त से जिसे अच्छी ड्राइंग आती थी जिया का स्केच बनाया और जब सिया उससे क्लास रूम में नसीब के विषय में पूछने आई तो जानबूझ कर कापी गिराने का नाटक किया ताकि सिया को जिया का स्केच दिखाई दे जाएं और उधर से वह लगातार जिया के नजदीक आने की कोशिश कर रहा था।
कहते हैं जब बंदिशें हद से ज्यादा हो जाती है तो वो बगावत का बिगुल बजाती है ।रमनी ने दोनों बेटियों को इस शर्त पर पढ़ने भेजा था कि वो प्यार व्यार के चक्कर में नहीं पड़ेगी पर देखो दोनों ही बेटियां प्यार की गिरफ्त में आ चुकी थी।
जैसे ही सिया और जिया घर पहुंची रमनी लंच करने फैक्ट्री से कोठी पर आ चुकी थी।आज दोनों ने ही वो सीमा लांघ दी थी जिसके लिए उनकी बड़ी मां ने सख्ती से मना किया था।आज पता नहीं क्यों जब रमनी ने उनसे पूछा कि आज की पढ़ाई कैसी रही तो उनकी जुबान तालू से चिपक गयी।बस वो होले से सिर हिलाकर रह गयी।
घर में दो ड्राइवर थे एक तो रमनी को फैक्ट्री लेकर जाता था दूसरा लड़कियों को इंस्टीट्यूट।आज जिया और सिया को इंस्टीट्यूट छोड़कर वहीं ड्राइव रमनी को फैक्ट्री ले गया था । रास्ते में रमनी ने उससे पूछा ,"क्यों राजू सिया और जिया ठीक से तो जाती है न पढ़ने? तुम ने कोई ऐसी वैसी बात तो नहीं देखी कोई?"
ड्राइवर रमनी का इशारा समझ गया था वो बोला ,* जी बड़ी मां ऐसी तो कोई बात दिखाई नहीं देती पर आजकल जिया बेबी के आस-पास वो "बजाज टैक्सटाइल कम्पनी " वालों का लड़का मंडराता रहता है ।"
रमनी ने जब बजाज टैक्सटाइल का नाम सुना तो उसका माथा ठनका वह बोली," राजू जरा ध्यान रखना कोई ऐसी वैसी बात हो तो बता ज़रुर देना।"
"जी बड़ी मां।" ड्राइवर ने संक्षिप्त सा उत्तर दिया।
जब जिया और सिया ने कोई उत्तर नहीं दिया तो रमनी कड़की,"क्या बात है? कोई ग़लती करके आ रही हो क्या जो मुंह से बोल नहीं फूट रहें।"
तभी जिया झट से बोल पड़ी," नहीं मां ऐसी कोई बात नहीं है वो बस आज का पाठ थोड़ा मुश्किल था इस लिए दिमाग ख़राब हो गया था।"
ये कहकर वो खाना खाकर अपने कमरे में चली गई।कमरे में जाकर दोनों बिस्तर पर पसर गयी और लम्बी लम्बी सांसें लेते हुए बोली ,"भगवान का शुक्र है जो बच गये वरना हमारे चेहरे सब कुछ बयां करने वाले थे।"
आज दोनों बहुत खुश थी ।अभी तक जो मन में महसूस कर रही थी आज चेहरे पर वो खुशी खिली हुई थी।तभी जिया बोली,"दीदी तुम्हें कैसे पता चला कि कमल मुझसे प्यार करता है?"
सिया ने मुस्कुराते हुए कहा,"अरे पगली मैं बहुत दिनों से उसकी आंखों में तुम्हारे लिए प्यार देख रही थी पर साहस नहीं हो रहा था उसकी फिलिंग जानने का जब उस दिन मैं देर से जगी थी तब हम इंस्टीट्यूट गये थे उस दिन नसीब को क्लास में ना पाकर मैं कमल से पूछने चली गई वह कुछ कापी में बना रहा था मुझे देखकर वह हड़बड़ा गया और कापी हाथ से छूट गई।मैंने देखा कापी में तुम्हारी तस्वीर औश्र उसके नीचे आई लव यू लिखा था। मैं मन ही मन मुस्कुरा उठी कि देखो चंचला मां ने तो मुझे प्यार करने को कहा था पर यहां तो दोनों बहनों का दिल दोनों दोस्तों पर ही आ गया था।"
"पर….तुम कैसे कह सकती है कि मैं भी कमल को चाहती हूं।"
जिया चिहुंक कर बोली।
तभी सिया उसका कान उमेठते हुए बोली,"अच्छा बच्चू ! वो क्या था जब मैंने कमल की पोल खोली थी तो तुम शर्मा कर भागी थी ये "प्यार नहीं तो और क्या है ।"
दोनों बहनें खिलखिला कर हंस पड़ी।
आज सिया और जिया का नाचने का मन कर रहा था ।एक अजीब सा नशा चढ़ा हुआ था पर डर था तो रमनी मां का ।जब वो फैक्ट्री के लिए निकल गई तब वो कमला दाईं मां को अपने कमरे में ले आई और उसे पकड़ कर जोर से घुमाने लगी।तभी कमला बोली,"आज मेरी लाडलियों को क्या मिला गया जो इतनी खुश हैं?"
"दाई मां ! बस पूछो मत एक अलग ही अहसास हो रहा है जैसे हमारे कानों में संगीत बज रहा है चारों तरफ का वातावरण गमक रहा है बहार ही बहार दिखाई दे रही है।"
सिया ने झूमते हुए कहा।
कमला को शक तो काफी दिनों से था लेकिन आज पूरा यकीन हो गया था कि लड़कियां प्यार में पड़ चुकी है वह प्रत्यक्ष में बोली," सिया -जिया क्या तुम किसी को चाहने लगी हो?"
"हां कमला मां ।हमें चंचला मां ने कहा है कि अगर तुम्हारे जीवन में प्यार आता है तो उसे रोकना मत ।प्यार भगवान की तरफ से दिया एक खूबसूरत तोहफा है।"
"चंचला मां?" कमला की आंखें फैल गयी
सिया बोली,"हां हां वही ।"और उस रात वाली सारी बात कमला को बता दी।कमला दोनों की खुशी देखकर खुश तो थी पर उसे रमनी का डर सता रहा था।वह बोली,"सिया क्या तुमने सोचा है बड़ी मां ऐसा तुम दोनों को करने देगी ?
(क्रमशः)