गतांक से आगे:-
तभी सिया को चीखते देखकर जिया का ध्यान भी उधर गया तो कमरे की खिड़की पर राजू ड्राइवर को खड़े पाया ।आज वो जल्दबाजी में किताबें गाड़ी में ही भूल आई थी।जिसे देने के लिए राजू उनके क्लास में पहुंच गया था तभी वहां बैठे लड़के ने जिसने उन चारों को उस खाली कमरे में जाते देख लिया था वहां की ओर इशारा करके कहा कि वो वहां पर हैं । लेकिन ये क्या राजू ने जो नजारा देखा उससे वो सकपका गया वो बाहर से ही बोला,"जिया -सिया बेबी आप की किताबें।"
वे दोनों दौड़कर बाहर आई और राजू से किताबें लेकर बोली,"प्लीज़ ड्राइवर अंकल बड़ी मां से कुछ मत कहना ।वरना वो हमें पढ़ने नहीं आने देगीं।"
राजू भी हल्का सा क्रोध करके बोला,"हम भी देख ही रहे हैं बिटिया आप दोनों कौन सा पाठ पढ़ रही हो ।"
"प्लीज़ अंकल ,हम ने कोई ग़लत काम नहीं किया है । प्यार करना कोई अपराध नहीं है ।"
"बिटिया वो मैं भी जानता हूं प्यार करना अपराध नहीं है पर बड़ी मां ने सख्त मना किया है कि कोई भी लड़का आप दोनों के पास नहीं जाना चाहिए। लेकिन आप दोनों तो स्वयं ही लड़कों के साथ ……"
यह कहकर राजू बाहर चला गया क्योंकि क्लास के लिए बैल बज चुकी थी ।आज दोनों का मन क्लास में नहीं लग रहा था। दोनों के मन में तूफान आया हुआ था कि पता नहीं ड्राइवर अंकल बड़ी मां से क्या कहेंगे।साथ बैठे कमल और नसीब उन दोनों को ढांढ़स बंधा रहे थे । नसीब ने तो यहां तक कह दिया था कि ज्यादा कुछ बात बिगड़ती लगे तो मैं तो तुम को भगा कर ले जाऊंगा।कमल भी यही ढांढस जिया को दे रहा था कि तुम चिंता मत करों हमने प्यार किया है कोई जुर्म नहीं वैसे भी मेरे पापा तो राजी हो ही जाएं गे इस रिश्ते के लिए रही बात तुम्हारी बड़ी मां की तो हमारी ओर से रिश्ता भेज देंगे पापा।
जिस बात का डर था वही बात हुई ।राजू ने अपने नमक का कर्ज अदा किया और सारी बात रमनी को जाकर बता दी ।रमनी का खून खौलने लगा और वह उल्टे पैर फैक्ट्री से लौट आई और बड़ी बेचैनी से दोनों का इंतजार करने लगी ।
आज जिया और सिया को लग ही रहा था कुछ बहुत बड़ी बात होने वाली है घर में ।वो जैसे ही घर की देहरी पर पहुंची रमनी एकदम से कड़की,
"तुम दोनों को बोला था ना कि इस प्यार व्यार के चक्कर में मत पड़ना और तुम वही काम करके आ रही हो ।कलमुहियो कहा था ना मुझे प्यार नाम से ही नफरत है और तुम दोनों ने जानबूझकर वहीं काम किया है कल से तुम दोनों का इंस्टीट्यूट जाना बंद । बहुत पढ़ाई हो चुकी बस अब घर बैठो।"
रमनी का गुस्सा सातवें आसमान पर था।सिया तो पत्थर की मूरत बन चुकी थी लेकिन जिया साहसी थी वह एकदम से बोली,"बड़ी मां हम प्यार ही तो करती है उन से क्या ग़लत काम किया है हमने । प्यार तो आपने और पापा ने भी किया था यह कोई अपराध तो नहीं है ।"
रमनी तो वैसे ही गुस्से से पागल हुईं जा रही थी ऊपर से जिया ने जब ये कहा कि पापा ने भी तो आप से प्यार किया था तो उसको इतना गुस्सा आया कि वह तडातड जिया पर थप्पड़ बरसाने लगी।और ले जाकर दोनों को एक कमरें में बंद कर दिया।बस वो गुस्से में ये भूल गयी कि उनका मोबाइल तो उनके पास ही है ।
थोड़ी देर तो दोनों ने इंतजार किया कि मां का गुस्सा शांत हो जाए लेकिन जब दोनों ने देखा कि बड़ी मां तो किसी तरीके से नहीं मान रही हैं तो दोनों ने अपने अपने आशिकों के पास मैसेज कर दिया कि हमारी मदद करो बडी मां ने हमें कमरे में बंद कर दिया है ।
नसीब तो चाहता ही यही था कि सिया पर कोई दबाव आये और वह उसके प्यार के लिए मचले और वो अपने मिशन में कामयाब हो।उसने तुरंत अब्दुल मियां को फोन करके कहा दिया की शिकार फंस चुका है आज रात मैं उसे ले उड़ूंगा आप दूसरे शहर में रहने का इंतजाम कर दो।
इधर कमल ने अपने पिता को सारी बात से अवगत करवा दिया मिस्टर बजाज ने कमल को दिलासा दिया कि तुम चिंता मत करों में एक दो दिन में रमनी के पास जिया का हाथ मांगने जाऊंगा।
सारा दिन दोनों को भूखे प्यासे रखा गया ।रमनी ने घर के नौकरों से सख्त हिदायत दे रखी थी कि कोई भी कमरा नहीं खोलेगा और कोई खाना नहीं देगा। दोनों का भूख के मारे बुरा हाल था लेकिन उन्होंने प्यार किया था दो चार फिल्में जो उन्होंने चोरी छिपे देखी थी उसमें प्यार में बहुत सी बाधाएं आती है ये सब देखा था उन्होंने ।बस वही सब सोचकर दोनों अपने कमरे में बिस्तर पर पड़ी रही।रात को करीब दो ढाई बजे जब सब नौकर अपने घरों को जा चुके थे रमनी ने एक बार भी सिया और जिया के कमरे में झांक कर भी नहीं देखा ऐसे लग रहा था जैसे रमनी में कुछ है जो उसे प्यार शब्द से नफ़रत करवा रहा है एक प्यार की पुजारिन कब से उस शब्द की दुश्मन बन गई कि अपनी ही कोख जनी पर इतना अत्याचार।
रात गहराने लगी थी तभी नसीब अपनी पूरी प्लानिंग के साथ रमनी की कोठी में घुसा और उसके नाक के नीचे से सिया को उठाकर ले गया।साथ ही जिया को ये दिलासा दे गया कि कमल के पिताजी जल्द ही तुम्हारे लिए रिश्ता लेकर आने वाले हैं ।जिया का मन धक-धक कर रहा था जब बड़ी मां को ये पता चलेगा कि सिया घर से भाग गयी है तो पता नहीं उसके साथ क्या करेंगी।
सिया नसीब के साथ अपने सुनहरे भविष्य के सपने बुनती जा रही थी । अब्दुल मियां ने एक गाड़ी का इंतजाम कर दिया था साथ ही दूसरे शहर में एक घर भी किराये पर लेकर रख दिया था । वहां पर दोनों को पति पत्नी के रूप में दिखाया गया था । साथ ही सख्त हिदायत दी थी कि जितनी जल्दी हो सकें इसका धर्म परिवर्तन करवाओ।
जिया अकेले बिस्तर पर पड़ी अगली सुबह आने वाले तूफान का इंतजार कर रही थी।
(क्रमशः)