एक धनवान व्यक्ति था, बडा विलासी था। हर समय उसके मन में भोग विलास सुरा-सुंदरी के विचार ही छाए रहते थे। वह खुद भी इन विचारों से त्रस्त था,
एक राजा का एक विशाल फलों का बगीचा था. उसमें तरह-तरह के फल होते थे और उस बगीचा की सारी देखरेख एक किसान अपने परिवार के साथ करता था. वह किसान हर दिन बगीचे के ताज़े फल लेकर राजा के राजमहल में जाता थाएक दिन
समय बाद आज उससे मिलने वाला हूँ इतने समय तक ना उससे कोई बात हुई ओ ना मैं उसको शादी में जा पाया था...इसी सोच में राहुल फ़्लाइट मे सो नहीपा रहा था उसकी आँखो से नींद ग़ायब थी,बस एक ख़ुशी थी इतने समय बादअ
क्या सच में दुखी हूँ में ?( एक बेटे की कहानी) आज घर में मातम छाया है, माँ सुबक सुबक कर रो रही है, बहन की आँखो से आँसु का सागर निकल रहा है, रिश्तेदार जो कभी सुख मेंशरीक ना होते है आज उनकी भी आँखे नम
गलत कौन - माँ या बेटा आज एक बूढ़ी माँ अकेले अपने बेटे का इंतज़ार करते हुए तड़प रही है पर बेटा है कै माँ से ना जाने क्यू रूठकर बैठा है । माँ कहती है की बेटा क्यूँ ख़फ़ा है मुझसे ओर बेटा कहता है ऐसा
एक बार एक शिव भक्त धनिक शिवालय जाता है। पैरों में महँगे और नये जूते होने पर सोचता है कि क्या करूँ? यदि बाहर उतार कर जाता हूँ तो कोई उठा न ले जाये और अंदर पूजा में मन भी नहीं लगेगा। सारा ध्यान् जूतों प
बहुत समय पहले की बात है जब सिकंदर अपने शक्ति के बल पर दुनिया भर में राज करने लगा था वह अपनी शक्ति पर इतना गुमान करने लगा था कि अब वह अमर होना चाहता था उसने पता लगाया कि कहीं ऐसा जल है जिसे पीने से व्य
एक सेठ अपने बगीचे से बहुत प्रेम करते थे. वसंत आते ही उनके बगीचे मे हर तरह के फूलों ने अपनी छटा बिखेर दी..सुंदर सुंदर फूलों के बीच जब सेठ जंगली फूलों को देखते तो उदास हो जाते..सेठ ने उन जंगली फूलों को
अफ्रीका का एक छोटा सा देश युगान्डा, यहाँ दो भाई रहते थे डेविड और डेनिस। दोनों भाड़े के सैनिक थे। दोनों कई देशों के लिए लड़ चुके थे। किस्मत से दोनों ऐसे अलग-अलग देशों में सैनिक बन गए जो एक दूसरे के दुश्म
"बेटा!.गाड़ी साफ कर दूं?"रंजीत ने जैसे ही फ्यूल भरवाने के लिए अपनी कार पेट्रोल पंप पर रोका एक बुजुर्ग भागकर उसकी गाड़ी के करीब आया।"नहीं अंकल !! अभी थोड़ी जल्दी में हूँ।"यह कहते हुए रंजीत ने उस बुजुर्
एक व्यक्ति के तीन साथी थे। उन्होंने जीवन भर उसका साथ निभाया। जब वह मरने लगा तो अपने मित्रों को पास बुलाकर बोला, “अब मेरा अंतिम समय आ गया है। तुम लोगों ने आजीवन मेरा साथ दिया है। अब मृत्यु के बाद भी क्
एक राजा था। उसका वजीर बहुत समझदार था। राजा ने एक दिन उससे पूछा कि ऐ वजीर, क्या आंख की देखी और कान की सुनी बात भी गलत हो सकती है। वजीर ने कहा - हां हुजूर। वह कैसे? राजा ने पूछा। इस
विद्यालय में सब उसे मंदबुद्धि कहते थे।उसके गुरुजन भी उससे नाराज रहते थे क्योंकि वह पढने में बहुत कमजोर था और उसकी बुद्धि का स्तर औसत से भी कम था।कक्षा में उसका प्रदर्शन हमेशा ही खराब रहता था । और
सरला की नई-नई शादी हुई थी। ससुराल से 1 महीने बाद जब अपने मायके लौटी तोमां के सामने रोने बैठ गई।आंसू बहाते हुए बोली मां तुमने मुझे किस घर में पटक दिया।वहां तो मेरी कोई इज्जत ही नहीं है ,सारा दिन नौकरान
एक किसान था,वह एक बड़े से खेत में खेती किया करता था।उस खेत के बीचो-बीच पत्थर का एक हिस्सा ज़मीन से ऊपर निकला हुआ था जिससे ठोकर खाकर वह कई बार गिर चुका था और ना जाने कितनी ही बार उससे टकराकर खेती के औज
रामदीन का परिवार जितना भरा पूरा सुंदर था। उतना ही पूरे गाँव में नाम वाला भी था। रामदीन और उनकी पत्नी सुनन्दा अपने भरे पूरे परिवार में इस तरह सलग्न थे कि उन्हे कभी किसी दुःख का आभास तक नहीं होता था। रा
दक्षिण भारत में एक महान सन्त हुए तिरुवल्लुवर। वे अपने प्रवचनों से लोगों की समस्याओं का समाधान करते थे। इसलिए उन्हें सुनने के लिए दूर-दूर से लोग उनके पास आते थे।
रसायन विज्ञान में किसी विलयन की सांद्रता (concentration) उस विलयन के इकाई आयतन में उपस्थित पदार्थ की मात्रा के रूप में परिभाषित किया गया है। किन्तु रसायन विज्ञान में सांन्द्रता की चार अलग-अलग परिभाभाष
एक व्यक्ति काफी दिनों से चिंतित चल रहा था, जिसके कारण वह काफी चिड़चिड़ा तथा तनाव में रहने लगा था। वह इस बात से परेशान था कि घर के सारे खर्चे उसे ही उठाने पड़ते हैं, पूरे परिवार की जिम्मेदारी उसी के ऊप