मेरी समझ से बाहर हैं बातें तेरी। 🖊️सौरभ चक्
कभी निगाहों से गुफ्तगू भी किया करो।।
दास्तान ए प्यार बयां करने की जिद न करो ये कोई गीत नहीं कि सुना दूं तुमको। </
"अपना बना लिया" "आंखों में बसाकर तुम्हें कजरा बना लिया। गम को छुपाने का तुम्हें जरि
फख़त मेरा बस एक चांद से वास्ता था....
वो रा
कल्याणी जी - स्वाति तुम्हारे ऑफिस के रास्ते में मेकअप करने वाली का घर
खुबसूरत थे वे दिन जो बिताय थे तेरे साथ ---2 हर पल , हर लम्हा जिया था तेरे साथ ----2
कैसी अजीब दास्तां होती है यह मोहब्बत करने वालों की ।। ।कैसी अजीब दास्तां होती है यह मोहब्ब