06 धैर्यछः एकम छः, धैर्य से काम ले।छः दूनी बारह, धैर्य का बोलबाला।।छः तिया अठारह, जीवन बनता प्यारा।छः चौक चौबीस, सब्र तू रखना सीख ।।छः पंजे तीस, तुम बनो धीर।छः छंग छत्तीस, करे दृढ़ता चारित्रिक ।।छः सत
05 सत्यनिष्ठापाँच एकम पाँच, नहीं साँच को आँच ।पाँच दूनी दस, सदा झूठ से बच।।पाँच तिया पन्द्रह, बनो न्याय प्रिय। पाँच चौक बीस, ईमानदारी को मिलती तरजीह ।।पाँच पंजे पच्चीस, सत्य की होती जीत।पाँच छंग
04 सन्तोषचार एकम चार, सन्तोष जीवन का सार।चार दूनी आठ, सुख की इकलौती गांठ ।।चार तिया बारह, भूल जाएं दुःख सारा।चार चौक सोलह, भरो पूण्य से झोला ।।चार पंजे बीस, मत करो किसी से रीस। चार छंग चौबीस, उठा
03 अनुशासनतीन एकम तीन, न बन अनुशासनहीन।तीन दूनी छः, समयबद्ध रह ।।तीन तिया नौ, देरी से काम क्यों।तीन चौक बारह, नियम हमको प्यारा ।।तीन पंजे पन्द्रह, नियमों से बंध जा।तीन छंग अट्ठारह, सफल जीवन हमारा।।तीन
02 स्वच्छतादो एकम दो, हाथ रगड़कर धो।दो दूनी चार, सफाई से कर प्यार ।।दो तिया छः, साफ कपड़ों में रह।दो चौक आठ, सफाई का पढ़ पाठ।।दो पंजे दस, नाखून साफ रख।दो छंग बारह, स्वच्छ घर हमारा ।।दो सत्ते चौदह, घर
बालक... मां में पढ़ने को जाऊँगा। छुट्टी होने पर आऊँगा।। गीत वीरता के गाऊँगा। वीर बहादुर कहलाऊँगा।।
सेब... सभी फलों में सेब हे न्यारा। लाल गाल सा प्यारा - प्यारा।। एक सेब जो रोज़ है खाता। डॉक्टर को वह दूर भगाता ।। मम्मी मुझको सेब दिला दो। वरना एप्पल जूस पिला दो।।
कार... मेरी प्यारी - प्यारी कार । नहीं कभी रहती बेकार ।। पापा को दफ़्तर ले जाती । और शाम को घर ले आती ।। छुट्टी के दिन हम सबको यह । पिकनिक के है मज़े दिलाती ।।
बन्दर... बन्दर आया, बन्दर आया। मदारी के संग बन्दर आया।। खोः खोः करके हमें डराये। मुँह पिचकाय, कभी खुजाये।। शीशा देखे टोपी पहने। बन्दरिया ने भी पहने गहने।।
गाय... प्यारी प्यारी गाय हमारी, दूध हमें ये देती है। इसके बदले में केवल बस, चारा-पानी लेती है। इसके बछड़े बेल बनते हैं, खेत में हल चलाते हैं। उनकी ही मेहनत से फिर,&n
रक्षा बन्धन... रक्षा बन्धन का त्योहार। धूम धाम से आता है।। भाई बहिनों का यह प्यार। गीत अनोखे गाता है।।
वायुयान... हवा में सर-सर उड़ा जाए। चीन, जपान, रूस, अमरीका, जर्मन, फ्रांस हो या अफ्रीका कुछ ही घंटो में पहुँचाए, हवा में सर सर उड़ता जाए। युद्धों में यह बम बरसाए, बाढ़ो मे
रेल... एक - एक करती आती रेल, आग और पानी का खेल। दूर - दूर की सैर कराती, नदियाँ, पर्वत पार कराती। किसी को दफ्तर, पर पहुंचाती, बिछड़ा को ये पुनः मिलाती।
तोता... हरियल तोता बड़ा निराला, 'गंगा राम' कहलाता है। आम, लीची, सेब, सन्तरे, बागों में ये खाता है। पिंजरे में भी खुशी से रहता, राम-राम फिर सबसे कहता।
सावित्री बाई फुले - नारी मुक्ति आंदोलन की प्रणेता, देश की पहली महिला शिक्षिका की जयंती है, जानें उनके संघर्ष की कहानीसावित्रीबाई फुले को समाज सेविका, कवयित्री और दार्शनिक के तौर पर पहचाना जाता है। लेक
दो बार आजीवन कारावास की सजा पाने वाले स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर... विनायक दामोदर सावरकर स्वतंत्रता सेनानी, राजनीतिज्ञ कवि और लेखक भी थे । सावरकर दुनिया के शायद अकेले स्वतंत्रता सेनानी थे, जिन्
सारी दुनियां जाग उठी, जागो हिन्द के वासी। पक्षी चहचहाते है, कोयल मीठी तान सुनाती है। सूरज की पहली किरण तुझे जागती है। जागो हिन्द के वासी जागो हिन्द के वासी।। जागो धरा वीरो, धरा देती आज तुम्हे आवा
दृश्य : जंगल के सबसे बड़े बरगद के पेड़ के नीचे सभी जानवर सभा के लिए उपस्थित हुए हैं | एक शाही पत्थर के ऊपर हरी हरी घास का आसन बनाया हुआ है और सभी जानवर जंगल के राजा के आने का इंतज़ार कर रहे हैं |भालू (दर
दोहे—मीरा दीवानी हुई , श्याम दिखे चहुँओर ।विष प्याला अमृत हुआ,श्याम समाए कोर ॥मीरा की वाणी बसे, सप्त सुरों का मेल ।कृष्ण भजन में रम गई,राणा खेलें खेल ॥दासी मीरा हो गई,कृष
एकबार कलाम के विज्ञान के शिक्षक ने उन्हें अपने घर खाने पर बुलाया । इस बात से उन शिक्षक की पत्नी परेशान हो उठीं कि उनकी पवित्र रसोई में एक मुसलमान युवक को भोजन पर आमंत्रित किया गया है । उन्होंने कलाम क