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पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जनता को हाईकोर्ट बेंच दे

25 जनवरी 2015

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बेंच को लेकर वकीलों की तालाबंदी,कचहरी गेट पर दिया धरना ,इलाहाबाद बार का पुतला फूंका ,वकीलों से झड़पें ऐसी सुर्खियां समाचारपत्रों की १९७९ से बनती रही हैं और अभी आगे भी बनते रहने की सम्भावना स्वयं हमारी अच्छे दिन लाने वाली सरकार ने स्पष्ट कर दी है क्योंकि केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के पत्र पर बेंच गठन के लिए बनी कमेटी को ही भंग कर दिया गया है . पश्चिमी यूपी में हाईकोर्ट बेंच हमेशा से राजनैतिक कुचक्र का शिकार बनती रही है और किसी भी दल की सरकार आ जाये इस मुद्दे पर अपने वोट बैंक को बनाये रखने के लिए इसे ठन्डे बस्ते में डालती रही है और इसका शिकार बनती रही है यहाँ की जनता ,जिसे या तो अपने मुक़दमे को लड़ने के लिए अपने सारे कामकाज छोड़कर अपने घर से इतनी दूर कई दिनों के लिए जाना पड़ता है या फिर अपना मुकदमा लड़ने के विचार ही छोड़ देना पड़ता है . वकील इस मुद्दे को लेकर जनता की लड़ाई लड़ रहे हैं और जनता इस बात से अभी तक या तो अनभिज्ञ है या कहें कि वह अपनी अनभिज्ञता को छोड़ना ही नहीं चाहती जबकि यह हड़ताल उन्हें हर तरह से नुकसान पहुंचा रही है और वे रोज़ न्यायालयों के चक्कर काटते है और वापस आ जाते हैं वकीलों पर ही नाराज़ होकर ,वे समझना ही नहीं चाहते कि हड़ताल की पूरी जिम्मेदारी हमारी सरकारों की है जो समय रहते इस मुद्दे को निबटाना ही नहीं चाहते और पूर्व के वर्चस्व को पश्चिम पर बनाये रखना चाहते हैं .साथ ही एक बात और भी सामने आई है कि सरकार जनता को बेवकूफ बनाये रखने में ही अपनी सत्ता की सुरक्षा समझती है और नहीं देखती कि न केवल जनता के समय की पैसे की बर्बादी हो रही है बल्कि इतनी दूरी के उच्च न्यायालय से जनता धोखे की शिकार भी हो रही है क्योंकि पास के न्यायालय में बैठे अधिवक्ता अपने मुवक्किल के सामने होते हैं और उन्हें मुक़दमे के संबंध में अपनी प्रतिबद्धता अपने मुवक्किल को साबित करनी पड़ती है किन्तु ये दूरी वकील को भी उस प्रतिबद्धता से मुक्ति दे देती है .दूरी के कारण मुवक्किल उस तत्परता से वकील से मिल नहीं पाता और वकील उसका बेवकूफ बनाते रहते हैं ये मात्र कथन नहीं है सच्चाई है जो हमने स्वयं देखी है . पिछले 2 महीने से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अधिवक्तागण हाईकोर्ट बेंच की स्थापना की मांग को लेकर एक बार फिर से संघर्षरत हैं और ऐसा लगता है कि हड़ताल दिनों-दिन बढ़ती जा रही है और सरकार की तरफ से अधिवक्ताओं की हड़ताल को लेकर कोई भी ऐसा कदम नहीं उठाया जा रहा है जिसे देखते हुए कहा जा सके कि सरकार जनता के हित को लेकर संजीदा है .बार बार इस तरह की हड़ताल और लगातार शनिवार को चली आ रही इसी मांग को लेकर हड़ताल का औचित्य ही अब समझ से बाहर हो गया है . पश्चिमी यू.पी.उत्तर प्रदेश का सबसे समृद्ध क्षेत्र है .चीनी उद्योग ,सूती वस्त्र उद्योग ,वनस्पति घी उद्योग ,चमड़ा उद्योग आदि आदि में अपनी पूरी धाक रखते हुए कृषि क्षेत्र में यह उत्तर प्रदेश सरकार को सर्वाधिक राजस्व प्रदान करता है .इसके साथ ही अपराध के क्षेत्र में भी यह विश्व में अपना दबदबा रखता है .यहाँ का जिला मुजफ्फरनगर तो बीबीसी पर भी अपराध के क्षेत्र में ऊँचा नाम किये है और जिला गाजियाबाद के नाम से एक फिल्म का भी निर्माण किया गया है .यही नहीं अपराधों की राजधानी होते हुए भी यह क्षेत्र धन सम्पदा ,भूमि सम्पदा से इतना भरपूर है कि बड़े बड़े औद्योगिक घराने यहाँ अपने उद्योग स्थापित करने को उत्सुक रहते हैं और इसी क्रम में बरेली मंडल के शान्ह्जहापुर में अनिल अम्बानी ग्रुप के रिलायंस पावर ग्रुप की रोज़ा विद्युत परियोजना में २८ दिसंबर २००९ से उत्पादन शुरू हो गया है .सरकारी नौकरी में लगे अधिकारी भले ही न्याय विभाग से हों या शिक्षा विभाग से या प्रशासनिक विभाग से ''ऊपर की कमाई'' के लिए इसी क्षेत्र में आने को लालायित रहते हैं .इतना सब होने के बावजूद यह क्षेत्र पिछड़े हुए क्षेत्रों में आता है क्योंकि जो स्थिति भारतवर्ष की अंग्रेजों ने की थी वही स्थिति पश्चिमी उत्तर प्रदेश की बाकी उत्तर प्रदेश ने व् हमारे भारतवर्ष ने की है . आज पश्चिमी यूपी में मुकदमों की स्थिति ये है कि अगर मुकदमा लड़ना बहुत ही ज़रूरी है तो चलो इलाहाबाद समझौते की गुंजाईश न हो ,मरने मिटने को ,भूखे मरने को तैयार हैं तो चलिए इलाहाबाद ,जहाँ पहले तो बागपत से ६४० किलोमीटर ,मेरठ से ६०७ किलोमीटर ,बिजनोर से ६९२ किलोमीटर ,मुजफ्फरनगर से ६६० किलोमीटर ,सहारनपुर से ७५० किलोमीटर ,गाजियाबाद से ६३० किलोमीटर ,गौतमबुद्ध नगर से ६५० किलोमीटर ,बुलंदशहर से ५६० किलोमीटर की यात्रा कर के धक्के खाकर ,पैसे लुटाकर ,समय बर्बाद कर पहुँचो फिर वहां होटलों में ठहरों ,अपने स्वास्थ्य से लापरवाही बरत नापसंदगी का खाना खाओ ,गंदगी में समय बिताओ और फिर न्याय मिले न मिले उल्टे पाँव उसी तरह घर लौट आओ .ऐसे में १९७९ से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट खंडपीठ के आन्दोलन कारियों में से आगरा के एक अधिवक्ता अनिल प्रकाश रावत जी द्वारा विधि मंत्रालय से यह जानकारी मांगी जाने पर -''कि क्या पश्चिमी उत्तर प्रदेश में खंडपीठ स्थापना के लिए कोई प्रस्ताव विचाराधीन है ?''पर केन्द्रीय विधि मंत्रालय के अनुसचिव के.सी.थांग कहते हैं -''जसवंत सिंह आयोग ने १९८५ में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद हाईकोर्ट की खंडपीठ स्थापित करने की सिफारिश की थी .इसी दौरान उत्तराखंड बनने के बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिले उत्तराखंड के अधिकार क्षेत्र में चले गए वहीँ नैनीताल में एक हाईकोर्ट की स्थापना हो गयी है .इस मामले में हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की राय मागी गयी थी .इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद हाईकोर्ट की किसी शाखा की स्थापना का कोई औचित्य नहीं पाया है .'' सवाल ये है कि क्या उत्तराखंड बनने से पश्चिमी उत्तर प्रदेश की इलाहाबाद हाईकोर्ट से दूरी घट गयी है ?क्या नैनीताल हाईकोर्ट इधर के मामलों में दखल दे उनमे न्याय प्रदान कर रही है ?और अगर हाईकोर्ट के माननीय मुख्य न्यायाधीश को इधर खंडपीठ की स्थापना का कोई औचित्य नज़र नहीं आता है तो क्यों?क्या घर से जाने पर यदि किसी को घर बंद करना पड़ता है तो क्या उसके लिए कोई सुरक्षा की व्यवस्था की गयी है ?जबकि यहाँ यू.पी.में तो ये हाल है कि जब भी किसी का घर बंद हो चाहे एक दिन को ही हो चोरी हो जाती है .और क्या अपने क्षेत्र से इलाहाबाद तक के सफ़र के लिए किसी विशेष सुविधा की व्यवस्था की गयी है ?जबकि यहाँ यू.पी. में तो आर.पी.ऍफ़.वाले ही यात्रियों को ट्रेन से धकेल देते हैं .राजेश्वर व् सरोज की घटना अभी की ही है जिसमे सरोज की जान ही चली गयी .क्या इलाहाबाद में वादकारियों के ठहराने व् खाने के लिए कोई व्यवस्था की गयी है ?जबकि वहां तो रिक्शा वाले ही होटल वालों से कमीशन खाते हैं और यात्रियों को स्वयं वहीँ ले जाते हैं .और क्या मुक़दमे लड़ने के लिए वादकारियों को वाद व्यय दिया जाता है या उनके लिए सुरक्षा का कोई इंतजाम किया जाता है ?जबकि हाल तो ये है कि दीवानी के मुक़दमे आदमी को दिवालिया कर देते हैं और फौजदारी में आदमी कभी कभी अपने परिजनों व् अपनी जान से भी हाथ धो डालता है .पश्चिमी यू.पी .की जनता को इतनी दूरी के न्याय के मामले में या तो अन्याय के आगे सिर झुकाना पड़ता है या फिर घर बार लुटाकर न्याय की राह पर आगे बढ़ना होता है . न्याय का क्षेत्र यदि हाईकोर्ट व् सरकार अपनी सही भूमिका निभाएं तो बहुत हद तक जन कल्याण भी कर सकती है और न्याय भी .आम आदमी जो कि कानून की प्रक्रिया के कारण ही बहुत सी बार अन्याय सहकर घर बैठ जाता है .यदि सरकार सही ढंग से कार्य करे तो लोग आगे बढ़ेंगे .यदि हाईकोर्ट सरकार सही ढंग से कार्य करें .यह हमारा देश है हमारी लोकतान्त्रिक व्यवस्था है फिर हमें ही क्यों परेशानी उठानी पड़ती है ? अधिवक्ताओं के इस आंदोलन को लेकर प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू भी पक्ष में थे और प्रधानमंत्री प्रसिद्द किसान नेता चौधरी चरण सिंह भी किन्तु किसी ने भी इस सम्बन्ध में अधिवक्ताओं का साथ नहीं दिया और यही कार्यप्रणाली आज की भाजपा सरकार अपना रही है इस पार्टी के गृह मंत्री राजनाथ सिंह पहले अधिवक्ताओं को आश्वासन देते हैं कि यह मुद्दा सरकार के एजेंडे में है और सत्र के बाद इस पर सकारात्मक फैसला होगा और बाद में ये कहकर पल्ला झाड़ लेते हैं कि मैंने हाईकोर्ट विभाजन समबन्धी कोई बयान नहीं दिया और यही काम हाईकोर्ट कर रही है इस मुद्दे का सही व् सकारात्मक हल करने की बजाय वह अधिवक्ताओं को भड़का रही है और इसीलिए उसने मेरठ का क्षेत्राधिकार मुरादाबाद को सौंप दिया है परिणाम जो होना था वह ही हो रहा है अब अधिावक्ता जो जनता के हित को देखते हुए दो दिन मंगलवार व् बुद्धवार को कार्य किये जाने पर सहमत हो गए थे अब अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले गए हैं .किन्तु सरकार और हाईकोर्ट का अभी तक भी इस संबंध में इधर के प्रति कोई सकारात्मक रुख दिखाई नहीं दिया है ऐसे में यह लगता ही नहीं है कि यहाँ प्रजातंत्र है हमारी सरकार है .जब अपने देश में अपनी सरकार से एक सही मांग मनवाने के लिए ३०-४० वर्षों तक संघर्ष करना पड़ेगा तब यह लगना तो मुश्किल ही है . यदि वेस्ट यू.पी.में हाईकोर्ट की खंडपीठ स्थापित की जाती है तब निश्चित रूप से मुक़दमे बढ़ेंगे और इनसे होने वाली आय से जो सरकारी खर्च में इस स्थापना के फलस्वरूप बढ़ोतरी हुई होगी वह तो पूरी होगी ही सरकार की आय में भी बढ़ोतरी होगी और जनता में सरकार के प्रति विश्वास भी बढेगा जो सरकार के स्थायित्व के लिए व् भविष्य में कार्य करने के लिए बहुत आवश्यक है किन्तु पूर्व का अर्थात इलाहाबाद का राजनीतिक प्रभाव इतना ज्यादा है कि कुछ भी ऐसा नहीं किया जायेगा जिससे पश्चिम की जनता वहां से कटे और उनकी आमदनी पर प्रभाव पड़े भले ही इधर की जनता लुटती पिटती रहे किन्तु सरकार को ये नहीं दिखता और वह रोज़ नए बहाने बनाकर इस बेंच को टालने में लगी रहती है अभी समाचार पत्रों में शीतलवाड़ आयोग की रिपोर्ट का सहारा लिया गया . संविधान का अनुच्छेद २१४ कहता है कि प्रत्येक राज्य के लिए एक उच्च न्यायालय होगा और १९५४ में गठित शीतलवाड़ लॉ कमीशन ने भी अपनी रिपोर्ट में साफ किया कि न्याय प्रशासनके उच्च मानदंडों को बनाये रखने के लिए यह आवश्यक है कि हाईकोर्ट एक ही स्थान पर कार्य करे .उच्च न्यायालय द्वारा सम्पादित किये जाने वाले कार्य की गुणवत्ता को बनाये रखने के लिए ऐसा आवश्यक है .लेकिन जो संवैधानिक स्थिति है वह स्पष्ट तौर पर शीतलवाड़ आयोग की सलाह को हमेशा दरकिनार करती हुई दिखाई देती है . इलाहाबाद हाईकोर्ट की ऐसा नहीं है कि यह पहली बार किसी बेंच के सम्बन्ध में मांग हो .इलाहाबाद हाईकोर्ट की पहले से ही एक खंडपीठ लखनऊ बेंच के रूप में कार्य कर रही है ,हालाँकि यह सत्य है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ शीतलवाड़ आयोग की रिपोर्ट से पहले की है . लेकिन सभी जगह ऐसा नहीं है .शीतलवाड़ आयोग १९५४ में गठित हुआ था और इसकी रिपोर्ट के बाद भी हाईकोर्ट की बेंच मध्य प्रदेश में व् राजस्थान में बनायीं गयी . राजस्थान उच्च न्यायालय के पहले न्यायाधीश कमला कांत वर्मा थे उसकी एक बेंच जयपुर में ३१ जनवरी १९७७ को स्थापित की गयी . ऐसे ही मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय १ नवमबर १९५६ को स्थापित हुआ और इसकी दो खंडपीठ इंदौर और ग्वालियर में स्थापित की गयी . जब संविधान में राज्य के लिए एक ही उच्च न्यायालय का प्रावधान है और अनुच्छेद २३१ के अनुसार दो या दो से अधिक राज्यों या संघ क्षेत्र के लिए एक ही उच्च न्यायालय की स्थापना की जा सकती है तब ये इन राज्यों में उच्च न्यायालय की खंडपीठ क्यों स्थापित की गयी है ? और इसी का सहारा लेकर इलाहाबाद के वकील पश्चिमी यूपी में खंडपीठ का विरोध करते हैं तब इन्हीं की बात को ऊपर रखते हुए पश्चिमी यूपी की जायज मांग को दरकिनार करने के लिए ऐसे पुराने महत्वहीन उदाहरणों को सामने लाने का मीडिया जगत का यह प्रयास और वहां के वकीलों का पश्चिमी यूपी के वकीलों के आंदोलन को लगातार दबाने का यह प्रयत्न सिर्फ एक कुचक्र ही कहा जायेगा जिसे केवल इधर की जनता के साथ अन्याय करने के लिए ही अमल में लाया जाता है और यह कुचक्र ज्यादा दिनों तक चलने वाला नहीं है क्योंकि अबकी बार यहाँ के वकील कमर कसकर मुकाबले में आ जुटे हैं और सरकार को भी अब यह देखना होगा कि वह चालबाजी से इन्हें रोककर चालबाज़ों का तमगा पाती है या यहाँ की जनता को हाईकोर्ट बेंच दे न्यायवादी सही रूप में कहलाने का . वास्तविकता तो यह है कि आज ये अधिवक्ता जिस लड़ाई को लड़ रहे हैं उससे अंतिमतः फायदा जनता का ही है और जनता को भी यहाँ के अधिवक्ताओं के साथ जुड़कर चाहे प्रदेश की सरकार हो या केंद्र की अधिवक्ताओं के कंधे से कन्धा मिलाकर अधिवक्ताओं के आंदोलन को मजबूती देनी होगी और अब जिस तरह से सरकार इस मुद्दे को टाल रही है और वकील जिस तरह से आक्रोशित हो रहे हैं उसे देखकर तो यही लगता है कि ये हड़ताल अभी और बढ़ेगी और जैसे कि आज तक होता आया है वही होगा अर्थात जब तक क्रुद्ध व् आन्दोलनरत वकील हिंसा का सहारा लेते हुए मरने मारने को उतारू नहीं होंगे जब तक ये नहीं कहेंगे ''बेंच करो या मरो '' तब तक सरकार के कानों पर जूं नहीं रेंगेगी . शालिनी कौशिक [एडवोकेट ]
विजय कुमार शर्मा

विजय कुमार शर्मा

जनता की मांग अनुरुप सही मुद्दा है

15 फरवरी 2015

के एल आर्य

के एल आर्य

जी हाँ, आपका कहना सही है क्योंकि अभी भी सरकार आम जनता के हित में कोई भी फैसला अपने स्वार्थ के मुताबिक ही लेती आई है। इसलिए ''बेंच करो या मरो '' की नौबत आएगी ही। धन्यवाद।

12 फरवरी 2015

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पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जनता को हाईकोर्ट बेंच दे

25 जनवरी 2015
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बेंच को लेकर वकीलों की तालाबंदी,कचहरी गेट पर दिया धरना ,इलाहाबाद बार का पुतला फूंका ,वकीलों से झड़पें ऐसी सुर्खियां समाचारपत्रों की १९७९ से बनती रही हैं और अभी आगे भी बनते रहने की सम्भावना स्वयं हमारी अच्छे दिन लाने वाली सरकार ने स्पष्ट कर दी है क्योंकि केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद के

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भारतीय संविधान अपने उद्देश्य में असफल

26 जनवरी 2015
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न्यायाधिपति श्री सुब्बाराव के शब्दों में -''उद्देशिका किसी अधिनियम के मुख्य आदर्शों एवं आकांक्षाओं का उल्लेख करती है .'' इन री बेरुबारी यूनियन ,ए. आई.आर. १९६०, एस. सी. ८४५ में उच्चतम न्यायालय के अनुसार ,'' उद्देशिका संविधान निर्माताओं के विचारों को जानने की कुंजी है .'' संविधान की रचना के समय निर

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लोकनिर्माण विभाग -एक सिरदर्द

28 जनवरी 2015
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आजकल सभी और अफरातफरी का माहौल है आप सभी को पता भी होगा और कितने ही होंगे जो इस विपदा को झेल भी रहे होंगे .चलिए पहले कुछ चित्र ही देख कर समझ लें- अमर उजाला व् हिंदुस्तान दैनिक से साभार देखा आपने यही हाल है बरसात के इस मौसम में जानते हैं मैं क्या कहना चाह रही हूँ यही कि उत्तर प्रदे

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...आखिर न्याय पर पुरुषों का भी हक़ है .

29 जनवरी 2015
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दैनिक जनवाणी से साभार [False dowry case? Man kills self Express news service Posted: Feb 07, 2008 at 0321 hrs Lucknow, February 6 A 30-year-old man, Pushkar Singh, committed suicide by hanging himself from a ceiling fan at his home in

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क़त्ल करने मुझे देखो , कब्र में घुस के बैठे हैं .

30 जनवरी 2015
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नहीं वे जानते मुझको, दुश्मनी करके बैठे हैं , मेरे कुछ मिलने वाले भी, उन्हीं से मिलके बैठे हैं , समझकर वे मुझे कायर, बहुत खुश हो रहे नादाँ क़त्ल करने मुझे देखो , कब्र में घुस के बैठे हैं . ........................................................... गिला वे कर रहे आकर , हमारे गुमसुम रहने का

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क्या राहुल सोनिया के कहने पर कुँए में कूदेंगी जयंती ?

31 जनवरी 2015
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नईम अहमद ' नईम ' ने कहा है - '' हथेली जल रही है फिर भी हिम्मत कर रहा हूँ मैं , हवाओं से चिरागों की हिफाज़त कर रहा हूँ मैं .'' बिलकुल यही अंदाज़ दिखाते हुए पूर्व पर्यावरण मंत्री जयंती नटराजन ने शुक्रवार ३० जनवरी २०१५ को कांग्रेस पार्टी छोड़ दी .राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के अवस

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संभलो पुरुषों अब नारी से

5 फरवरी 2015
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मुंबई से भुवनेश्वर जाने वाली फ्लाईट में एक 60 वर्षीय उद्यमी ने एक युवती से छेड़छाड़ की। बुजुर्ग की ये हरकत कैमरे में कैद भी हो गई जो सोशल मीडिया में वायरल है। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनसार, युवती ने शख्स की इस गंदी हरकत पर पुलिस से शिकायत करने की धमकी दी तो बुजुर्ग गिड़गिड़ाने लगा और कैमरे क

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...............ज़रूरी तो नहीं .

6 फरवरी 2015
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मुस्कुराना हर किसी के लिए , ज़रूरी तो नहीं , खिलखिलाना हर किसी के लिए , ज़रूरी तो नहीं , ज़िंदगी में जब भरे हों गम ही गम भूलकर हम जियें ऐसे ,ज़रूरी तो नहीं . ............................................................ ख्वाब देखा किये थे बचपन से , आज टूटकर हैं वे बिखरे हुए , उनकी कब्

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इसे कहते हैं आम आदमी की ताकत खडूस राजनीतिज्ञों

7 फरवरी 2015
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​ किसी शायर ने कहा है - ''कौन कहता है आसमाँ में सुराख़ हो नहीं सकता , एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों .'' भारतवर्ष सर्वदा से ऐसी क्रांतियों की भूमि रहा है जिन्होंने हमेशा ''असतो मा सद्गमय ,तमसो मा ज्योतिर्गमय ,मृत्योर्मामृतं गमय''का ही सन्देश दिया है और क्रांति कभी स्वयं नहीं होती सदैव क्र

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राज्यपाल को नितीश को बिहार सौंपने की पूरी शक्ति .

8 फरवरी 2015
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पीएम से मिलकर बोले मांझी, 'मैं ही हूं बिहार का सीएम' कहा, 20 तारीख को साबित कर देंगे बहुमत संविधान की अनुसूची ६ के अनुच्छेद ९ [२] तथा अनुच्छेद ३७१ अ [१] [बी] और [डी] और २ [बी] और [ऍफ़] अनुच्छेद २३९ के अधीन राज्यपाल को अपने स्वविवेक का प्रयोग करने का स्पष्ट उल्लेख है .सामान्यतया वह ए

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"जब जब कृष्ण की बंसी बाजी निकली राधा सज के -वेलेंटाइन दिवस पर विशेष

10 फरवरी 2015
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" प्यार है पवित्र पुंज ,प्यार पुण्य धाम है. पुण्य धाम जिसमे कि राधिका है श्याम है . श्याम की मुरलिया की हर गूँज प्यार है. प्यार कर्म प्यार धर्म प्यार प्रभु नाम है." एक तरफ प्यार को "देवल आशीष"की उपरोक्त पंक्तियों से विभूषित किया जाता है तो एक तरफ प्यार को "बेकार बेदाम की चीज़ है"जैसे शब्द

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मीडियाई वेलेंटाइन तेजाबी गुलाब

13 फरवरी 2015
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१४ फरवरी अधिकांशतया वसंत ऋतू के आरम्भ का समय है .वसंत वह ऋतू जब प्रकृति नव स्वरुप ग्रहण करती है ,पेड़ पौधों पर नव कोपल विकसित होती हैं ,विद्या की देवी माँ सरस्वती का जन्मदिन भी धरती वासी वसंत पंचमी को ही मनाते हैं .इस दिन विद्यार्थियों के लिए विद्या प्राप्ति के क्षेत्र में पदार्पण शुभ माना जाता है.य

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नारी खड़ी बाज़ार में -बेच रही है देह !

14 फरवरी 2015
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अभी अभी जब मैं चाय बनाने चली तो पहले उसके लिए मुझे चाय के डिब्बे में भरने को चाय का पैकिट खोलना पड़ा वह तो मैंने खोल लिया और जैसे ही मैं डिब्बे में चाय भरने लगी कि क्या देखती हूँ पैकिट के पीछे चाय पीने को प्रेरित करती एक मॉडल का फोटो जिसे देखकर मन ने कहा क्या ज़रुरत थी इसके लिए ऐसे विज्ञापन की

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अगले सप्ताह जम्मू कश्मीर में हो जाएगा सरकार का गठन-और ये है सिद्धांतो का पतन भाजपा के

22 फरवरी 2015
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जम्मू-कश्मीर में सरकार गठन पर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) और भाजपा के बीच सहमति बन गई है। इसके तहत पीडीपी नेता मुफ्ती मोहम्मद सईद का सीएम बनना तय हुआ है। एक हफ्ते में सरकार बनने की संभावना है। मोदी से मिलेंगे मुफ्ती: मुफ्ती सईद अगले हफ्ते पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे और तभी सरकार गठन

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तेजाबी मौत या हमला : केवल फांसी ही सही दंड

23 फरवरी 2015
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अभी हाल ही में हुए दंड विधि [ संशोधन] अधिनियम ,२०१३ में तेजाब सम्बंधित मामलों के लिए धारा ३२६ -क व् धारा ३२६-ख अन्तः स्थापित की गयी हैं जिसमे धारा ३२६-क '' स्वेच्छ्या तेजाब ,इत्यादि के प्रयोग से घोर उपहति कारित करना ''को ही अपने घेरे में लेती है जिसमे कारावास ,जो दस वर्ष से कम नहीं किन्तु जो आ

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मौके -बेमौके ''शालिनी''ने भी कोशिश ये की है .

24 फरवरी 2015
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बात न ये दिल्लगी की ,न खलिश की है , जिंदगी की हैसियत मौत की दासी की है . ................................................................... न कुछ लेकर आये हम ,न कुछ लेकर जायेंगें , फिर भी जमा खर्च में देह ज़ाया की है . ..................................................................... पै

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आखिर कब तक गांधी-नेहरू परिवार का पल्लू थामे रहेंगे कॉंग्रेसी

25 फरवरी 2015
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इधर छुट्टी पर राहुल, उधर प्रियंका के लिए छपे पोस्टर राहुल गांधी के छुट्टी पर जाते ही कॉंग्रेसियों में प्रियंका गांधी के सक्रिय रूप से कांग्रेस की कमान सँभालने के लिए जोश भर आया है और हमेशा से किसी चमत्कार की उम्मीद लगाये बैठे ये कॉंग्रेसी स्वयं कुछ न करते हुए हमेशा गांधी परिवार के कन्धों

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...........मर्दों के यूँ न कटें पर .

26 फरवरी 2015
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फिरते थे आरज़ू में कभी तेरी दर-बदर , अब आ पड़ी मियां की जूती मियां के सर . ............................................................. लगती थी तुम गुलाब हमको यूँ दरअसल , करते ही निकाह तुमसे काँटों से भरा घर . ........................................................ पहले हमारे फाके निभाने क

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सभी धर्म एक हैं-ये जानो

18 मार्च 2015
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''बाद तारीफ़ में एक और बढ़ाने के लिए, वक़्त तो चाहिए रू-दाद सुनाने के लिए. मैं दिया करती हूँ हर रोज़ मोहब्बत का सबक़, नफ़रतो-बुग्ज़ो-हसद दिल से मिटाने के लिए.'' हमारा भारत वर्ष संविधान द्वारा धर्म निरपेक्ष घोषित किया गया है कारण आप और हम सभी जानते हैं किन्तु स्वीकारना नहीं चाहते,कारण वही ह

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अपवित्र : पुरुष सोच न कि नारी शरीर

20 मार्च 2015
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राजनीति का सुनहरा आकाश हो या बिजनेस का चमकीला गगन ,अंतरिक्ष का वैज्ञानिक सफर हो या खेत -खलिहान का हरा-भरा आँगन ,हर जगह आज की नारी अपनी चमक बिखेर रही है ,अपनी सफलता का परचम लहरा रही है .आज घर की दहलीज को पार कर बाहर निकल अपनी काबिलियत का लोहा मनवाने वाली महिलाओं की संख्या में दिन-दूनी रात चौगुनी वृ

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शशि कपूर जी को बहुत बहुत शुभकामनाएं।

23 मार्च 2015
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Shashi Kapoor to get Dada Saheb Phalke Award प्रसिद्ध अभिनेता शशि कपूर को २०१४ का दादा साहेब फाल्के दिए जाने के समाचार ने शशि कपूर जी को तो जो प्रसन्नता का एहसास कराया होगा उसका तो अनुमान लगाना मुश्किल है ही उससे भी ज्यादा कठिन शशि कपूर जी के प्रशंसकों की ख़ुशी का एहसास है। १९९१ से लगभग नेपथ्य में

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धारा ३७५ भा.दंड संहिता द्वारा परिभाषित यौन अपराध की परिभाषा में परिवर्तन होना ही चाहिए .

24 मार्च 2015
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The Indian Penal Code, 1860 Citation Act No. 45 of 1860 Territorial extent Whole of India except the State of Jammu and Kashmir Enacted by Parliament of India Date enacted 6 October 1860 Date assented to 6 October 1860 Date commenced 6 October 1860 भारती

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उच्चतम न्यायालय आम आदमी को न्याय से तोड़े नहीं .

26 मार्च 2015
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'' एफ. आई.आर .के लिए यूँ ही नहीं जा सकेंगे अब मजिस्ट्रेट के पास '' माननीय उच्चतम न्यायालय ने यह निर्णय देकर धारा १५६ [३] में आम आदमी से जुडी न्याय की आस को भी उससे चार कदम और दूर कर दिया . धारा १५६ [३] दंड प्रक्रिया संहिता की वह धारा है जिसके सहारे आम आदमी जो कि किसी अपराध का पीड़ित है और पुलिसिया क

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वसीयत सम्बन्धी हिन्दू विधि

28 मार्च 2015
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वसीयत सम्बन्धी हिन्दू विधि वसीयत अर्थात इच्छा पत्र एक हिन्दू द्वारा अपनी संपत्ति के सम्बन्ध में एक विधिक घोषणा के समान है जो वह अपनी मृत्यु के बाद सम्पन्न होने की इच्छा करता है। प्राचीन हिन्दू विधि में इस सम्बन्ध में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं होती किन्तु आधुनिक विद्वानों के अनुसार हिन्दू इच

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मानव आज भी पशु है

29 मार्च 2015
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''आदमी '' प्रकृति की सर्वोत्कृष्ट कृति है .आदमी को इंसान भी कहते हैं , मानव भी कहते हैं ,इसी कारण आदमी में इंसानियत , मानवता जैसे भाव प्रचुर मात्र में भरे हैं ,ऐसा कहा जाता है किन्तु आदमी का एक दूसरा पहलु भी है और वह है इसका अन्याय अत्याचार जैसी बुराइयों से गहरा नाता होना .कहते हैं सृष्टि के आरम्भ

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अविवाहित बेटी का भरण-पोषण अधिकार

30 मार्च 2015
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अविवाहित बेटी का भरण-पोषण अधिकार दंड प्रक्रिया सहिंता १९७३ की धारा १२५ [१] के अनुसार ''यदि पर्याप्त साधनों वाला कोई व्यक्ति - .............................................................................................................................................

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आजकल का प्यार तो ये है .

2 अप्रैल 2015
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क्या यही प्यार है- ''न पीने का सलीका न पिलाने का शऊर , ऐसे ही लोग चले आये हैं मयखाने में .'' कवि गोपाल दास ''नीरज''की या पंक्तियाँ आजकल के कथित प्रेमी-प्रेमिकाओं पर शत-प्रतिशत खरी उतरती हैं जो कहने को करते तो प्यार हैं लेकिन प्यार के नाम पर वे कुछ और ही कर रहे हैं कहीं आजकल का कथित प्रेमी प्

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सबक दहेज़ के दानवों को

3 अप्रैल 2015
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सबक दहेज़ के दानवों को मंडप भी सजा ,शहनाई बजी , आई वहां बारात भी , मेहँदी भी रची ,ढोलक भी बजी , फिर भी लुट गए अरमान सभी . समधी बात मेरी सुन लो ,अपने कानों को खोल के , होगी जयमाल ,होंगे फेरे ,जब दोगे तिजोरी खोल के . आंसू भी बहे ,पैर भी पकड़े , पर दिल पत्थर था समधी का , पगड़ी भी रख द

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नारी व् सशक्तिकरण :छतीस का आंकड़ा

4 अप्रैल 2015
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नारी सशक्त हो रही है ,आसमान छूती लड़कियां ,झंडे गाडती लड़कियां जैसी अनेक युक्तियाँ ,उपाधियाँ रोज़ हमें सुनने को मिलती हैं .किन्तु क्या इन पर वास्तव में खुश हुआ जा सकता है ?क्या इसे सशक्तिकरण कहा जा सकता है ? नहीं .................................कभी नहीं क्योंकि साथ में ये भी देखने व् सुनने

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मुस्लिम विधि में वसीयत

5 अप्रैल 2015
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मुस्लिम विधि में वसीयत वसीयत अर्थात इच्छा पत्र एक मुस्लिम द्वारा अपनी संपत्ति सम्बन्धी बंदोबस्त किये जाने के इरादे की कानूनी घोषणा है जो उसकी मृत्यु के बाद प्रभावशील होती हैऔर इस दस्तावेज को कानूनी भाषा में वसीयत कहा जाता है। वसीयत करने का हक़दार कौन- [१] स्वस्थचित्त [२] वयस्क [भारतीय वयस्कता अधिन

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६० फीसदी चेतावनी से कोई फर्क नहीं पड़ेगा प्रधानमंत्री जी

5 अप्रैल 2015
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सिगरेट के पैकेट के 6o फीसदी हिस्से पर माननीय प्रधानमंत्री जी ने चेतावनी छापने के निर्देश दिए हैं शायद उनकी सोच से ऐसा करने से सिगरेट पीने वालों को पता चलेगा कि सिगरेट पीना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है जबकि न केवल हरेक देशवासी बल्कि स्वयं प्रधानमंत्री जी भी भली-भांति जानते हैं कि इन उत्पादों का सेव

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मुस्लिम और हिन्दू महिलाओं के विवाह-विच्छेद से सम्बंधित अधिकार

6 अप्रैल 2015
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आज मैं आप सभी को जिस विषय में बताने जा रही हूँ उस विषय पर बात करना भारतीय परंपरा में कोई उचित नहीं समझता क्योंकि मनु के अनुसार कन्या एक बार ही दान दी जाती है किन्तु जैसे जैसे समय पलटा वैसे वैसे ये स्थितियां भी परिवर्तित हो गयी .महिलाओं ने इन प्रथाओं के कारण [प्रथाओं ही कहूँगी कुप्रथा नहीं क्यों

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पेशेवर अगर है अपराधी है किशोर नहीं

7 अप्रैल 2015
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Supreme Court urges govt to make juvenile law more deterrent [The Supreme Court on Monday urged the government to bring about necessary changes in the juvenile law in order to have a deterrent effect and to send a message to the society that life of the victim was equally important under the rule

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बालियान खाप सम्मान की हक़दार

10 अप्रैल 2015
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Balyan Khap Balyan Khap khap has 100 villages. Its head village is Sisauli in muzaffarnagar. Its main villages are: Sauram, Harsauli , Barbala. Ch. Mahendra Singh Tikait - President, Bharatiya Kisan Union, is from this khap. The famous jat historian Choudhary Kabul Singh was from this khap

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''हे प्रभु अगले जन्म मोहे बिटिया न कीजो .''

12 अप्रैल 2015
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कई बार पहले भी देख चुकी 'चक दे इंडिया' को फिर एक बार देख रही थी .बार बार कटु शब्दों से भारतीय नारी का अपमान किया गया किन्तु एक वाकया जिसने वाकई सोचने को मजबूर कर दिया और भारतीय नारी की वास्तविक स्थिति को सामने लाकर खड़ा कर दिया वह वाक्य कहा था फ़िल्म में क्रिकेट खिलाडी अभिमन्यु सिंह ने चंडीगढ़ की ह

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भारत में मताधिकार ही समाप्त करा दो राउत जी

13 अप्रैल 2015
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हमारा संविधान हमारे देश का सर्वोच्च कानून है और सभी इसका ह्रदय से सम्मान करते हैं अब करते हैं या नहीं ,पूरे विश्वास से नहीं कह सकते किन्तु इतना अवश्य कह सकते हैं कि सम्मान का दिखावा अवश्य करते हैं और विशेषकर वे जिनके हाथों में हमारे इस लोकतंत्र की बागडोर है .लोकतंत्र जिसके लिए बड़े जोर-शोर से क

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प्रधानमंत्री जी लालकिले के भाषण को सत्य साबित करें अपने राज्य के परिप्रेक्ष्य में

14 अप्रैल 2015
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हिंदू बच्चे भगवा रंग में तो मुस्लिम बच्चों का हरा रंग धर्म के आधार पर ड्रेस निर्धारित करने पर सफाई ''…माना अपनी वेशभूषण और बोलियाँ अनेक हैं , रीति-रिवाज़ धर्म और जाति ,विचारधारा अनेक हैं , पर गूंजती है चहुँ दिशा में दिल की धड़कन एक है … '' अब ये कहना मुमकिन नहीं क्योंकि अब इस

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भारतीय दंड संहिता धारा ४९८ -क -एक विश्लेषण

16 अप्रैल 2015
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धारा ४९८-क भा. द. विधान 'एक विश्लेषण ' विवाह दो दिलों का मेल ,दो परिवारों का मेल ,मंगल कार्य और भी पता नहीं किस किस उपाधि से विभूषित किया जाता है किन्तु एक उपाधि जो इस मंगल कार्य को कलंक लगाने वाली है वह है ''दहेज़ का व्यापार''और यह व्यापर विवाह के लिए

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गुलाम हर किसी को समझें हैं मर्द सारे

17 अप्रैल 2015
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हर दौर पर उम्र में कैसर हैं मर्द सारे , गुलाम हर किसी को समझें हैं मर्द सारे . ''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''' बेटे का जन्म माथा माँ-बाप का उठाये , वारिस की जगह पूरी करते हैं मर्द सारे. '''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''''

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ये जनता भोली कैसे है ! जरा बताएं.

19 अप्रैल 2015
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''जवां सितारों को गर्दिश सिखा रहा था , कल उसके हाथ का कंगन घुमा रहा था . उसी दिए ने जलाया मेरी हथेली को , जिसकी लौ को हवा से बचा रहा था .'' तनवीर गाजी का ये शेर बयां करता है वह हालात जो रु-ब-रु कराते हैं हमें हमारे सच से ,हम वही हैं जो सदैव से अपने किये की जिम्मेदारी लेने से बचते रहे

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अपना ज्ञान सुधारो भटकाने वालों- नेहरू सुभाष के बचाने वाले थे

20 अप्रैल 2015
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किसी शायर ने खूब सोच-समझकर कहा है - ''हम आह भी भरते हैं तो हो जाते हैं बदनाम , वो क़त्ल भी करते हैं तो चर्चा नहीं होती .'' और शायद किसी पर यह पंक्तियाँ खरी उतरें न उतरें नेहरू-गांधी परिवार पर ये पंक्तियाँ अक्षरशः खरी उतरती हैं और देश के लिए बार बार अपनी जान कुर्बान करने के बावजूद इस परिवार

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अमर उजाला दैनिक समाचारपत्र भारतीय दंड संहिता-१८६० के अधीन दोषी

22 अप्रैल 2015
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अमर उजाला हिंदी दैनिक समाचारपत्र का पृष्ठ -२ पर आज प्रकाशित एक समाचार भारतीय दंड संहिता -१८६० के अधीन उसे अर्थात अमर उजाला को कानून के उल्लंघन का दोषी बनाने हेतु पर्याप्त है जिस पर अमर उजाला ने एक दुष्कर्म पीड़िता , जो कि विक्षिप्त है और उसके परिजनों द्वारा उसके दुष्कर्म के बाद बेड़ियों से बांधक

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गजेन्द्र की मौत के लिए पुलिस ,मीडिया ,मोदी सरकार और हम सब जिम्मेदार

24 अप्रैल 2015
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नेता और उनकी कार्यप्रणाली हमेशा से विवादास्पद रहे हैं और यही हो रहा है इस वक़्त आप की रैली के दौरान दौसा के किसान गजेन्द्र के द्वारा फांसी लगाने पर ,लेकिन क्या हम अक्ल के अंधे नहीं कहे जायेंगे अगर हम वास्तविक स्थितियों को नज़रअंदाज़ कर बेवजह का दोषारोपण आरम्भ कर देते हैं .दिल्ली में आप की किसान रैल

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नारी स्वयं मर्द से गर्दन कटवाने को तैयार

26 अप्रैल 2015
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जेसिका के हत्यारे मनु शर्मा ने रचाई शादी [अमर उजाला से साभार ] जेसिका लाल मर्डर केस में उम्रकैद की सजा काट रहा हत्यारा मनु शर्मा (सिद्धार्थ वशिष्ठ) ने मुंबई की लड़की से शादी रचा ली। ये समाचार आज चर्चा का विषय है और कल को एक आम बात हो जायेगा .जब मैं इस विषय पर लिखने चली त

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बेटी मेरी तेरी दुश्मन ,तेरी माँ है कभी नहीं ,

27 अप्रैल 2015
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बेटी मेरी तेरी दुश्मन ,तेरी माँ है कभी नहीं , तुझको खो दूँ ऐसी इच्छा ,मेरी न है कभी नहीं . ...................................................................... नौ महीने कोख में रखा ,सपने देखे रोज़ नए , तुझको लेकर मेरे मन में ,भेद नहीं है कभी नहीं . ....................................

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एन.जी.टी.सुधारेगा लातों के भूतों को

28 अप्रैल 2015
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NGT announces Rs 5,000 fine for open burning of leaves, garbage in Delhi Zee Media Bureau/Salome Phelamei New Delhi: Stepping up its effort to curb pollution, the National Green Tribunal (NGT) on Tuesday announced a fine of Rs 5,000 on individuals spotted burning garbage, leaves, plastic, ru

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कम से कम कानून तो जाने भारतवासी .क्योंकि.

29 अप्रैल 2015
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कम से कम कानून तो जाने भारतवासी .क्योंकि....... भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार श्री नरेंद्र मोदी ही नहीं उनके बहुत से समर्थक भी ऐसे हैं जो देश की व्यवस्था के बारे में बहुत कम जानकारी रखते हैं और हर स्थिति जिसका सामना आज देश कर रहा है उसके लिए एकपक्षीय रूप से कॉंग्रेस सरकार को उत्तरदायी ठहराना

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महाराष्ट्र के पांच जमातियों से बड़ौत में मारपीट बवाल कांधला में .

2 मई 2015
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महाराष्ट्र के पांच जमातियों से बड़ौत में मारपीट बवाल कांधला में .कांधला अभी २०१३ के दंगों के दंश से उबर भी नहीं पाया था कि १ मई को महाराष्ट्र के पांच जमातियों से बड़ौत रेलवे स्टेशन पर हुई मारपीट ने एक बार फिर यहाँ के हिन्दू मुस्लिम प्रेम में आग लगा दी और परिणाम यह हुआ कि यहाँ इस वक़्त अघोषित कर्फ

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इसीलिए है माँ बेटी की दुश्मन

6 मई 2015
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बेटी का जन्म पर चाहे आज से सदियों पुरानी बात हो या अभी हाल-फ़िलहाल की ,कोई ही चेहरा होता होगा जो ख़ुशी में सराबोर नज़र आता होगा ,लगभग जितने भी लोग बेटी के जन्म पर उपस्थित होते हैं सभी के चेहरे पर मुर्दनी सी ही छा जाती है.सबसे ज्यादा आश्चर्य की बात यह है कि बेटी का जन्म सुनकर उसे जन्म देने वाली माँ

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मुसलसल कायनात शिद्दत से माँ के नग़मे गाती है .

8 मई 2015
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तमन्ना जिसमे होती है कभी अपनों से मिलने की रूकावट लाख भी हों राहें उसको मिल ही जाती हैं , खिसक जाये भले धरती ,गिरे सर पे आसमाँ भी खुदा की कुदरत मिल्लत के कभी आड़े न आती है . ............................................................................................ फ़िक्र जब होती अपनों की सम

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good servant but a bad master -सोशल साइट्स

11 मई 2015
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जनलोकपाल का मुद्दा और जनांदोलन कोई ऐसी नयी बात नहीं थी पहले भी ऐसे बहुत से मुद्दे लेकर जनांदोलन होते रहे और थोड़ी बहुत असहज परिस्थितियां सरकार के लिए उत्पन्न करते रहे किन्तु यह आंदोलन अन्ना और केजरीवाल की अगुआई में एक ऐसा आंदोलन बना कि सरकार की जड़ें हिला दी कारण था इसका सोशल साइट्स से भी जुड़ा होन

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सड़क दुर्घटनाएं -लाइसेंस कुशल चालक को

13 मई 2015
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सड़क दुर्घटनाएं रोज सैकड़ों ज़िंदगियाँ लील रही हैं कारण खोजे जा रहे हैं .कहीं वाहनों की अधिकता ,कहीं ट्रेफिक नियमों का पालन न किया जाना आदि कारण बताये जा रहे हैं किन्तु एक कारण जो इस मामले में सर्वाधिक महत्वपूर्ण है उसे कोई वरीयता नहीं दी जा रही और वह कारण है वाहन चलाने की कुशलता का न होना .आज ल

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हिन्दू-मुस्लिम भेद-समझ-समझ का फेर

17 मई 2015
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एक सार्वभौमिक सत्य के बारे में आप सभी जानते ही होंगें कि दूध गाय -भैंस ही देती हैं और जहाँ तक हैं इनका कोई धर्म जाति नहीं होती ,इनमे आपस में होती हो तो पता नहीं किन्तु जहाँ तक इंसान की बात है वह इस सम्बन्ध में कम से कम मेरी जानकारी के अनुसार तो अनभिज्ञ ही कहा जायेगा . पर आज मेरी यह जानकारी धर

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भारत में वास्तव में कानून नहीं है .

19 मई 2015
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अरुणा रामचंद्र शानबाग ,एक नर्स ,जिस पर हॉस्पिटल के एक सफाई कर्मचारी द्वारा दुष्कर्म की नीयत से बर्बर हमला किया गया जिसके कारण गला घुटने के कारण उसके मस्तिष्क को ऑक्सिजन की आपूर्ति बंद हो गयी और उसका कार्टेक्स क्षतिग्रस्त हो गया ,ग्रीवा रज्जु में चोट के साथ ही मस्तिष्क नलिकाओं में भी चोट पहुंची और

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शत-शत नमन राजीव गांधी जी को

20 मई 2015
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एक नमन राजीव जी को आज उनकी पुण्यतिथि के अवसर पर.राजीव जी बचपन से हमारे प्रिय नेता रहे आज भी याद है कि इंदिरा जी के निधन के समय हम सभी कैसे चाह रहे थे कि राजीव जी आयें और प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठ जाएँ क्योंकि ये बच्चों की समझ थी कि जो जल्दी से आकर कुर्सी पर बैठ जायेगा वही प्रधानमंत्री हो जा

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बढ़कर गले लगाती मुमताज़ मौत है .

22 मई 2015
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  दरिया-ए-जिंदगी की मंजिल मौत है , आगाज़-ए-जिंदगी की तकमील मौत है . ............................................................... बाजीगरी इन्सां करे या कर ले बंदगी , मुक़र्रर वक़्त पर मौजूद मौत है . ........................................................

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आज इस दिल को जरा अश्कों से नहलाने दो .

23 मई 2015
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हरिश्चंद्र ''नाज़'' के ये शब्द आज के एक समाचार पर ध्यान जाते ही मेरे जहन में उभर आये ,शब्द कुछ यूँ थे - ''यूँ गुल खिले हैं बाग़ में ख़ारों के आस-पास , जैसे कि गर्दिशें हों सितारों के आस-पास . रौनक चमन में आ गयी लेकिन न भूलना शायद खिज़ा छुपी हो बहारों के आस-पास .'' और समाचार कुछ यूँ था - ''महंगाई पर

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भिक्षावृति पर सख्त कानून की ज़रुरत

24 मई 2015
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Govt sleeping on Anti-begging Act NEW DELHI: To describe one's determination to do a job, good or bad, the phrase 'come what may' is often used. It is sometimes substituted with "beg, borrow or steal". This expression brackets begging with borrowing money and stealing also. Surely, borrowing is n

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अनुच्छेद ३७० पर कब तक बेवकूफ बनाएगी भाजपा

25 मई 2015
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भाजपा एक बार फिर ३७० को हटाने की बात कह रही है .बार बार इस मुद्दे को उठाकर वह भोली-भाली जनता का बेवकूफ तो बना सकती है किन्तु जो इस सम्बन्ध में जानकारी रखते हैं उनका बेवकूफ व् कैसे बना रही है यह समझ में नहीं आता .जम्मू कश्मीर को हमारे संविधान में अनुच्छेद ३७० द्वारा विशेष दर्जा दिया गया है और यह दर

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खादिम है तेरा खाविंद ,क्यूँ सिर चढ़े पड़ी हो .

29 मई 2015
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क्यूँ खामखाह में ख़ाला,खारिश किये पड़ी हो , खादिम है तेरा खाविंद ,क्यूँ सिर चढ़े पड़ी हो . ………………………… ख़ातून की खातिर जो ,खामोश हर घड़ी में , खब्ती हो इस तरह से ,ये लट्ठ लिए पड़ी हो . .................................................. खिज़ाब लगा दिखते,खालू यूँ नौजवाँ से , खरखशा जवानी का ,किस्

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धरती माँ की चेतावनी पर्यावरण दिवस पर

1 जून 2015
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दुश्मन न बनो अपने ,ये बात जान लो , कुदरत को खेल खुद से ,न बर्दाश्त जान लो . चादर से बाहर अपने ,न पैर पसारो, बिगड़ी जो इसकी सूरत ,देगी घात जान लो . निशदिन ये पेड़ काट ,बनाते इमारते , सीमा सहन की तोड़ ,रौंदेगी गात जान लो . शहंशाह बन पा रहे ,जो आज चांदनी , करके ख़तम हवस को

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तो ये हैं मोदी जी के अच्छे दिन

2 जून 2015
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'अच्छे दिन ' जाने वाले हैं ,मौसम विभाग ने दिए सूखे के संकेत ,17 साल पुराने केस में BJP विधायक समेत 15 दोषी,पी ओ के में पाक की 'चुनावी चाल' से भारत नाराज़ ,हद है! चलती रोडवेज बस में युवती से फिर गंदी हरकत [सभी अमर उजाला से साभार ] प्रधानमंत्री मोदी जी कहते हैं कि 'देश के अच्छे दिन आ गए ''.वे देश

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मैगी -ये भारत है भाई

6 जून 2015
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भारत में मैगी के आयात और बिक्री पर पूरी तरह रोक लगा दी गयी है. फ़ूड सेफ्टी एंड स्टेंडर्ड अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया ने शुक्रवार को नेस्ले को मैगी के नौ उत्पादों को बाजार से हटाने को कहा है और फलस्वरूप समाचारपत्र और आम जनता में मैगी के लिए मौन व्रत और फेयरवेल पार्टी की चर्चाएं हो रही हैं और एक तरह से लगने

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रेप के आगे बदजुबानी की औकात क्या ?

7 जून 2015
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''हम आह भी भरते हैं तो हो जाते हैं बदनाम, वो क़त्ल भी करते हैं तो चर्चा नहीं होती .'' हमेशा के लिए ये शेर शायद महिलाओं की स्थिति को देखते हुए ही सही कहा जा सकता है क्योंकि कुछ भी गलत अगर महिला के साथ होता है तो लौट-फेर कर उसकी जिम्मेदारी उसी के कंधे पर डाली जाती है .पति अगर किसी और औरत के चक्कर में

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क्या करेगी जन्म ले बेटी .....

9 जून 2015
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क्या करेगी जन्म ले बेटी यहाँ साँस लेने के काबिल फिजा नहीं , इस अँधेरे को जो दूर कर सके ऐसा एक भी रोशन दिया नहीं ! ............................................................ क्या करेगी तरक्की की सोचकर तेरे लिए ये जहाँ बना नहीं , हौसलों को तेरे जो पर दे सके ऐसा दिलचला कोई मिला नहीं ! .............

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शादी में पुलिस व् समाज का दखल अब ज़रूरी

13 जून 2015
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आजकल शादी-ब्याह के दिन चल रहे हैं बारातें सड़कों पर दिन-रात दिखाई दे रही हैं .कहीं बैंड बाजे का शोर है तो कहीं डी जे का धूम-धड़ाका.बारातों के आगमन पर - ''आज मेरे यार की शादी है ,यार की शादी है मेरे दिलदार की शादी है ..'' तो बहुत सी जगह सुनाई दे जाता है किन्तु बारातों की विदाई के वक़्त - ''बाबुल की द

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दंड प्रक्रिया संहिता की धारा १५४ कड़ाई से लागू हो .

15 जून 2015
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न्याय में देरी अन्याय है { justice delayed is justice denied } न्याय के क्षेत्र में प्रयोग की जाने वाली लोकप्रिय सूक्ति है इसका भावार्थ यह है कि यदि किसी को न्याय मिल जाता है किन्तु इसमें बहुत अधिक देरी हो गयी है तो ऐसे न्याय की कोई सार्थकता नहीं होती . यह सिद्धांत ही ''द्रुत गति से न्याय के सिद्ध

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केवल योग ही क्यों ?

21 जून 2015
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आजकल चारों तरफ भारत में बस एक ही चर्चा है कोई कह रहा है कि हम इसमें शामिल होंगे तो कोई कह रहा है हम इसे नहीं मनाएंगे इशारा है केवल और केवल अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की तरफ जिसे भाजपा भुनाने की मुहीम में जुटी है .देश की संस्कृति में सदियों से रची बसी इस अमूल्य निधि को हड़पने की कोशिश में भाजपा अपने

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बेटे-बेटी में फर्क नहीं कोई

20 जून 2015
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वह मर गयी जलकर अकेली थी बीमार थी बुढ़ापे की ओर बढ़ रही साठ वर्षीया लाचार थी और खास बात ये वो बेटों की माँ थी बेटे जिनके व्यस्त जीवन में माँ की जगह ना थी पर वह ज़िंदा है लाचार है बूढी है पति की दौलत से बेटी का घर बनाया और बेटी ने माँ को वृद्धाश्रम भिजवाया आज जलकर मरती माँ वृ

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बसाने में एक बगिया ,कई जीवन लग जाते हैं .

21 जून 2015
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सरकशी बढ़ गयी देखो, बगावत को बढ़ जाते हैं , हवाओं में नफरतों के गुबार सिर चढ़ जाते हैं . ........................................................................... मुहब्बत मुरदार हो गयी,सियासी चालों में फंसकर , अब तो इंसान शतरंज की मोहरें नज़र आते हैं. ............................................

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शाईस्तगी को भूल ये सत्ता मद में चूर हैं ....

22 जून 2015
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तानेज़नी पुरजोर है सियासत की गलियों में यहाँ , ताना -रीरी कर रहे हैं सियासतदां बैठे यहाँ . इख़्तियार मिला इन्हें राज़ करें मुल्क पर , ये सदन में बैठकर कर रहे सियाहत ही यहाँ . तल्खियाँ इनके दिलों की तलफ्फुज में शामिल हो रही , तायफा बन गयी है देखो नेतागर्दी अब यहाँ . बना रसूम य

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भाजपा में भी हैं राहुल गांधी मौजूद

23 जून 2015
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ललित मुद्दे पर बोले भाजपा सांसद, भगोड़े की मदद करना है गलत पूर्व गृह सचिव एवं मौजूदा भाजपा सांसद आर के सिंह ललित मोदी मुद्दे पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को बचाने के भाजपा के प्रयासों पर पानी फेरते दिख रहे हैं। अपने हालिया बयान में उन्होंने कहा है कि एक भगोड़े की मदद क

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ललित मोदी तो मुझसे भी मिले थे तो क्या .....

26 जून 2015
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आईपीएल के पूर्व कमिश्नर ललित मोदी का नया खुलासा कांग्रेस आलाकमान की मुश्किलें बढ़ा सकता है। पिछले कई दिनों से अपने बयानों से भाजपा और कांग्रेस नेताओं को परेशान कर रहे मोदी ने शुक्रवार को किए ट्वीट में कहा है कि लंदन में गांधी परिवार से मिलकर उन्हें खुशी होगी। लंदन के एक रेस्‍टोरेंट में प्रियंका गा

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दुष्कर्म - नारी नहीं है बेचारी

28 जून 2015
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दुष्कर्म आज ही नहीं सदियों से नारी जीवन के लिए त्रासदी रहा है .कभी इक्का-दुक्का ही सुनाई पड़ने वाली ये घटनाएँ आज सूचना-संचार क्रांति के कारण एक सुनामी की तरह नज़र आ रही हैं और नारी जीवन पर बरपाये कहर का वास्तविक परिदृश्य दिखा रही हैं . भारतीय दंड सहिंता में दुष्कर्म ये है - भारतीय दंड संहिता १८

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आधुनिक महिलाएं और मासूम बच्चियों के प्रति यौन अपराध

30 जून 2015
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''आंधी ने तिनका तिनका नशेमन का कर दिया , पलभर में एक परिंदे की मेहनत बिखर गयी .'' फखरुल आलम का यह शेर उजागर कर गया मेरे मन में उन हालातों को जिनमे गलत कुछ भी हो जिम्मेदार नारी को ठहराया जाता है जिसका सम्पूर्ण जीवन अपने परिवार के लिए त्याग और समर्पण पर आधारित रहता है .किसी भी सराहनीय काम का श्रेय ल

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धारा ३७५ -भारतीय दंड संहिता-एक आलोचनात्मक विश्लेषण

1 जुलाई 2015
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The Indian Penal Code, 1860 Citation Act No. 45 of 1860 Territorial extent Whole of India except the State of Jammu and Kashmir Enacted by Parliament of India Date enacted 6 October 1860 Date assented to 6 October 1860

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मेरा बचपन

4 जुलाई 2015
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आज बैठे बैठे बचपन की याद आ गयी.शायद मानव जीवन का सबसे खूबसूरत समय यही होता है .मनुष्य जीवन के तनावों से परे यह समय मेरी नज़रों में स्वर्णिम कहा जा सकता है .हरदम रोमांच से भरा बचपन रहा है हमारा बिलकुल वैसे ही जैसे सीमा पर जवानों का रहता है उनको सामना करना होता है पडोसी देश की सेनाओं का तो हमें हरद

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हिन्दू-मुस्लिम सौहार्द को चोट पहुंची है .

6 जुलाई 2015
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''किसने ये जहर घोला है हवाओं में , किसने खोदी हैं कब्रें प्यार की .'' ये सवाल आज वेस्ट यू.पी. के स्थानीय निवासियों की जुबान पर भी है और दिल में भी .ईद हो या दीवाली यहाँ की जनता मिल-जुल कर मनाती आई है .ईद की सिवईयाँ हो या दीवाली की मिठाई अपना स्वाद ही खो देती हैं जब उसमे हिन्दू-मुस्लिम के प्रेम की

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भाजपा के एक और गलत-ज्ञानी

7 जुलाई 2015
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Governor of Rajasthan and chancellor Kalyan Singh on Tuesday once again created a controversy by suggesting that the word ‘adhinayak’ in the national anthem should be removed as it praises the British rulers of pre-Independence era. गुरुदेव रवींद्र नाथ ठाकुर भारत के बँगला साहित्य के

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केवल अशिक्षितों को दोष क्यों इसके जिम्मेदार पढ़े-लिखे रूढ़िवादी भी -विश्व जनसँख्या दिवस

10 जुलाई 2015
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World Population Day Date July 11 Next time 11 July 2015 Frequency annual [World Population Day is an annual event, observed on July 11 every year, which seeks to raise awareness of global population issues. The event was established by the Gove

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भुलाकर मज़हबी मुलम्मे ,मुहब्बत से गले मिल लें ,-तभी हो ईद मुबारक

17 जुलाई 2015
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मुबारकबाद सबको दूँ ,जुदा अंदाज़ हैं मेरे , महक इस मौके में भर दूँ ,जुदा अंदाज़ हैं मेरे , ********************************************* मुब्तला आज हर बंदा ,महफ़िल -ए -रंग ज़माने में , मिलनसारी यहाँ भर दूँ ,जुदा अंदाज़ हैं मेरे , *************************************************************

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आखिर प्रधानमंत्री ने स्वीकारी नेहरू-गांधी परिवार की श्रेष्ठता

18 जुलाई 2015
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आज एकाएक एक शेर याद आ गया .कुछ यूँ थी उस शेर की पंक्तियाँ - ''कैंची से चिरागों की लौ काटने वालों , सूरज की तपिश को रोक नहीं सकते . तुम फूल को चुटकी से मसल सकते हो लेकिन फूल की खुशबू को समेट नहीं सकते .'' सियासत आदमी से जो न कहलवादे मतलब सब कुछ कहलवा सकती है सही शब्दों में कहूँ तो उगलवा सकती है और

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''जितनी देखी दुनिया सबकी दुल्हन देखी ताले में

29 जुलाई 2015
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कविवर गोपाल दास ''नीरज''ने कहा है - ''जितनी देखी दुनिया सबकी दुल्हन देखी ताले में कोई कैद पड़ा मस्जिद में ,कोई बंद शिवाले में , किसको अपना हाथ थमा दूं किसको अपना मन दे दूँ , कोई लूटे अंधियारे में ,कोई ठगे उजाले में .'' धर्म के ये ही दो रूप हमें भी दृष्टिगोचर होते हैं .कोई धर्म के पीछे अँधा

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याकूब या कोली :फांसी नहीं न्याय की हमजोली

2 अगस्त 2015
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1993 के मुंबई सीरियल ब्लास्ट के दोषी याकूब मेमन को फांसी दिए जाने के बाद भारत में फांसी की सजा खत्म करने की आवाज तेज हो रही है। तमाम सामाजिक संगठनों के बाद अब भाजपा सांसद वरुण गांधी भी इस बहस में कूद पड़े हैं और इसी क्रम में सुप्रीम कोर्ट के डिप्टी रजिस्ट्रार ने भी इस्तीफा दिया है सर्वोच्च न्यायाल

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पुलिस को प्रतिबन्ध का अधिकार नहीं

5 अगस्त 2015
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हिन्दू धर्मावलम्बी के लिए हर वर्ष कांवड़ यात्रा एक ऐसा धार्मिक समारोह है जिसे लेकर हर उम्र का हिन्दू धर्मावलम्बी उल्लास व् भक्ति से परिपूर्ण रहता है और पुलिस प्रशासन के लिए यह समय बहुत अधिक मुस्तैदी से कार्य करने का होता है क्योंकि ज़रा सी चूक बड़े बवाल को जन्म देती है और यही हुआ है मुरादाबाद मंडल

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भारत में असहिष्णुता है .

5 दिसम्बर 2015
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संविधान दिवस और धर्मनिरपेक्षता और असहिष्णुता पर संग्राम ये है आज की राजनीति का परिपक्व स्वरुप जो हर मौके को अपने लिए लाभ के सौदे में तब्दील कर लेता है .माननीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह इस मौके पर संविधान निर्माता के मन की बात बताते हैं वैसे भी इस सरकार के मुखिया ही जब मन की बात करते फिरते हैं तब तो इसके

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अमर उजाला पर कार्यवाही हो

14 दिसम्बर 2015
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अमर उजाला हिंदी दैनिक समाचारपत्र का पृष्ठ -13 पर आज प्रकाशित एक समाचार भारतीय दंड संहिता -१८६० के अधीन उसे अर्थात अमर उजाला को कानून के उल्लंघन का दोषी बनाने हेतु पर्याप्त है जिस पर अमर उजाला ने बाँदा चित्रकूट में हारने वाली एक प्रत्याशी शीलू को गैंगरेप पीड़ित लिख प्रचारित किया है जो कि भारतीय दंड सं

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फ़तेह खां का मक़बरा -हिन्दू-मुस्लिम एकता की मिसाल शामली जिला

6 जनवरी 2016
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ऐतिहासिक दृष्टिकोण से शामली जिले का इतिहास काफी उल्लेखनीय है एक ओर जहाँ शामली में कैराना ''कर्ण नगरी ''के नाम से विख्यात है वहीँ कांधला''कर्ण दल'' का अपभ्रंश है.हिन्दू मुस्लिम एकता के लिए शामली  जिला इतिहास के पन्नो में अपनी एक अलग पहचान रखता है.देखने वाले इसे पुरानी दिल्ली की संज्ञा देते हैं वहीँ ध

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पुरुष सोच अपवित्र न कि नारी शरीर

4 फरवरी 2016
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   राजनीति का सुनहरा आकाश हो या बिजनेस का चमकीला गगन ,अंतरिक्ष का वैज्ञानिक सफर हो या खेत -खलिहान का हरा-भरा आँगन ,हर जगह आज की नारी अपनी चमक बिखेर रही है ,अपनी सफलता का परचम लहरा रही है .आज घर की दहलीज को पार कर बाहर निकल अपनी काबिलियत का लोहा मनवाने वाली महिलाओं की संख्या में द

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मीडियाई वेलेंटाइन तेजाबी गुलाब

13 फरवरी 2016
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मीडियाई वेलेंटाइन तेजाबी गुलाब                                १४ फरवरी अधिकांशतया वसंत ऋतू के  आरम्भ का समय है .वसंत वह ऋतू जब प्रकृति  नव स्वरुप ग्रहण करती है ,पेड़ पौधों पर नव कोपल विकसित होती हैं ,विद्या की देवी माँ सरस्वती का जन्मदिन भी धरती वासी वसंत पंचमी को ही मनाते हैं .इ

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हर्ष फायरिंग प्रतिबंधित हो

15 फरवरी 2016
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हर्ष फायरिंग एक ऐसा शब्द जो पूरी तरह से निरर्थक कार्य कहा जा सकता है और इससे ख़ुशी जिसे मिलती हो मिलती होगी लेकिन लगभग 10 हर्ष फायरिंग १ जान तो ले ही लेती है ये अनुमान संभवतया लगाया जा सकता है .अभी हाल ही में कैराना ब्लॉक प्रमुख के चुनाव की मतगणना के बाद हुई हर्ष फायरिंग में एक बच्चे को अपनी जान से

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हर्ष फायरिंग प्रतिबंधित हो

15 फरवरी 2016
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हर्ष फायरिंग एक ऐसा शब्द जो पूरी तरह से निरर्थक कार्य कहा जा सकता है और इससे ख़ुशी जिसे मिलती हो मिलती होगी लेकिन लगभग 10 हर्ष फायरिंग १ जान तो ले ही लेती है ये अनुमान संभवतया लगाया जा सकता है .अभी हाल ही में कैराना ब्लॉक प्रमुख के चुनाव की मतगणना के बाद हुई हर्ष फायरिंग में एक बच्चे को अपनी जान से

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हर्ष फायरिंग प्रतिबंधित हो

15 फरवरी 2016
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हर्ष फायरिंग एक ऐसा शब्द जो पूरी तरह से निरर्थक कार्य कहा जा सकता है और इससे ख़ुशी जिसे मिलती हो मिलती होगी लेकिन लगभग 10 हर्ष फायरिंग १ जान तो ले ही लेती है ये अनुमान संभवतया लगाया जा सकता है .अभी हाल ही में कैराना ब्लॉक प्रमुख के चुनाव की मतगणना के बाद हुई हर्ष फायरिंग में एक बच्चे को अपनी जान से

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हर्ष फायरिंग प्रतिबंधित हो

15 फरवरी 2016
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हर्ष फायरिंग एक ऐसा शब्द जो पूरी तरह से निरर्थक कार्य कहा जा सकता है और इससे ख़ुशी जिसे मिलती हो मिलती होगी लेकिन लगभग 10 हर्ष फायरिंग १ जान तो ले ही लेती है ये अनुमान संभवतया लगाया जा सकता है .अभी हाल ही में कैराना ब्लॉक प्रमुख के चुनाव की मतगणना के बाद हुई हर्ष फायरिंग में एक बच्चे को अपनी जान से

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विवाह विच्छेद /तलाक और महिला अधिकार

19 फरवरी 2016
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आज मैं आप सभी को जिस विषय में बताने जा रही हूँ उस विषय पर बात करना भारतीय परंपरा में कोई उचित नहीं समझता क्योंकि मनु के अनुसार कन्या एक बार ही दान दी जाती है किन्तु जैसे जैसे समय पलटा वैसे वैसे ये स्थितियां भी परिवर्तित हो गयी .महिलाओं ने इन प्रथाओं के कारण [प्रथाओं ही कहूँगी कुप्रथा नहीं क्योंकि कि

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वास्तव में ऐसा प्रधानमंत्री पहले कभी नहीं मिला

20 फरवरी 2016
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कहने वाले कह गए हैं -''कोई दुश्मन भी मिले तो करो बढ़कर सलाम , पहले खुद झुकता है औरों को झुकाने वाला .''   अपने शपथ ग्रहण समारोह से लेकर आजतक भारतीय प्रधानमंत्री मोदी और पाक प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ की कई मुलाकातें भी हो चुकी हैं और कई उपहारों का आदान प्रदान भी ,जो शायद करने वाले भारतीय प्रधानमंत्री के

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ये था सरकारी मंसूबा - जाट आरक्षण

22 फरवरी 2016
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देश एकबार फिर आरक्षण की आग में झुलस रहा है और इसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है. हरियाणा सरकार आंदोलनकारियों की मांग मानने को राजी हो गई है और ये सब तब जब लोगों की दुकानों में आग लगा दी गई, बाजार लूट लिए गए, बसों, ट्रेनों को नुकसान पहुंचाया गया, मतलब क्या निकला यही ना कि इस देश मे अगर किसी

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'पत्नी की तलाक और दूसरी शादी की धमकी क्रूरता

29 फरवरी 2016
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आपका लिखा एक खत आपको क्रुर बताने और तलाक दिलाने के लिए काफी है। कोर्ट ने अपने पत्नी से अलग रह रहे एक व्यक्ति की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह बात कही। द टाइम्स ऑफ इं‌‌डिया में छपी एक खबर के मुताबिक पीड़ित व्यक्ति 28 साल से अपनी पत्नी से अलग रह रहा था। 1990 में उसकी पत्नी ने गुस्से में आकर अपने पति को

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क्या ये जनता भोली कही जाएगी ?

28 मार्च 2016
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   ''जवां सितारों को गर्दिश सिखा रहा था , कल उसके हाथ का कंगन घुमा रहा था . उसी दिए ने जलाया मेरी हथेली को ,  जिसकी लौ को हवा से बचा रहा था .''तनवीर गाजी का ये शेर बयां करता है वह हालात  जो रु-ब-रु कराते हैं हमें हमारे सच से ,हम वही हैं जो सदैव से अपने किये की जिम्मेदारी लेने से बचते रहे हैं ,हम वही

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राष्ट्रीय पुरस्कार :ड्रेस कोड बनाना ही होगा .

8 मई 2016
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 शालीनता भारतीय नारी का सर्वश्रेष्ठ आभूषण रहा है और आजतक भारतीय नारी इस आभूषण को अपने वस्त्रों के चयन के माध्यम द्वारा पूरी दुनिया के समक्ष रख एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत  करती  रही है .देश के बहुत से समारोहों में इस परंपरा का पालन किया जाता रहा है विशेषकर राष्ट्रपति जी द्वारा प्रदत्त पुरस्कारों के

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गैंगरेप में मृत्यु दंड हो

9 अगस्त 2016
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मृत्युदंड एक ऐसा दंड जिसका समर्थन और विरोध हमेशा से होता रहा है पर जब जब इसके विरोध की आवाज़ तेज हुई है तब तब कोई न कोई ऐसा अपराध सामने आता रहा है जिसने इसकी अनिवार्यता पर बल दिया है हालाँकि इसका  समर्थन और विरोध न्यायपालिका में भी रहा है किन्तु अपराध की नृशंसता इस दंड की समाप्ति के विरोध में हमेशा

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