हर्ष फायरिंग एक ऐसा शब्द जो पूरी तरह से निरर्थक कार्य कहा जा सकता है और इससे ख़ुशी जिसे मिलती हो मिलती होगी लेकिन लगभग 10 हर्ष फायरिंग १ जान तो ले ही लेती है ये अनुमान संभवतया लगाया जा सकता है .अभी हाल ही में कैराना ब्लॉक प्रमुख के चुनाव की मतगणना के बाद हुई हर्ष फायरिंग में एक बच्चे को अपनी जान से हाथ धोना पड़ गया और कितनी ही बार ये शादी ब्याह में भी लोगों के लिए मृत्यु का कारण बनती है तब भी इस पर कोई प्रतिबन्ध नहीं लगाया जा रहा जैसे की यह कोई बहुत आवश्यक कार्य हो जैसे किसी भी पूजा से पहले गणेश जी की पूजा ज़रूरी है ,जैसे रामायण पाठ से पहले हनुमान जी का आह्वान आवश्यक है वैसे ही लगता है कि ये हर्ष फायरिंग भी ख़ुशी के इज़हार का सबसे ज़रूरी कार्य है और भले ही कितने लोग इसके कारण शोक में डूब जाएँ लेकिन इसका किया जाना प्रतिबंधित नहीं किया जायेगा क्योंकि अभी हाल में ही हुई हर्ष फायरिंग से कैराना क्षेत्र में स्थिति ऐसी आ गयी कि वहां फ़ोर्स बुलानी पड़ गयी इतने पर भी बस यह निर्देश की इसके लिए पहले पुलिस को सूचना देनी होगी अगर यह इतनी ही ज़रूरी है तो फिर परमाणु के प्रयोग पर ही क्यों प्रतिबन्ध है जब आम आदमी को ख़ुशी मनाने के लिए हर्ष फायरिंग की अनुमति है तो फिर देश को तो अपनी ख़ुशी मनाने के लिए परमाणु प्रयोग की अनुमति मिलनी ही चाहिए .वे भी तो ये कह सकते हैं - ''हम क़त्ल भी करते हैं तो हो जाते हैं बदनाम , वो क़त्ल भी करते हैं तो चर्चा नहीं होती .'' शालिनी कौशिक [कौशल ]