किसी शायर ने कहा है -
''कौन कहता है आसमाँ में सुराख़ हो नहीं सकता ,
एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों .''
भारतवर्ष सर्वदा से ऐसी क्रांतियों की भूमि रहा है जिन्होंने हमेशा ''असतो मा सद्गमय ,तमसो मा ज्योतिर्गमय ,मृत्योर्मामृतं गमय''का ही सन्देश दिया है और क्रांति कभी स्वयं नहीं होती सदैव क्रांति का कारक भले ही कोई रहे पर दूत हमेशा आम आदमी ही होता है क्योंकि जिस तरह से लावा ज्वालामुखी के फटने पर ही उत्पन्न होता है वैसे ही क्रांति का श्रीगणेश भी आम आदमी के ह्रदय में उबलते क्रोध के फटने से ही होता है .
आम आदमी की ताकत क्या है ये आज ही संपन्न हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में देखने को मिला जब आम जनता ने वोट के अधिकार का इस्तेमाल कर केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा को आईना दिखा दिया .इन चुनावों में जनता ने दिखा दिया कि आम जनता बेवकूफ बनने वालों में नहीं है .लुभावने वादों और साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण को दरकिनार कर जनता ने देशहित देखते हुए एकजुट होकर वोट दिया और जनता को उसकी इस ताकत का एहसास दिलाने वाला शख्स भी एक आम आदमी ही रहा ,अरविन्द केजरीवाल आज जनता की सत्ता में पहुँच बनाने और जनता को वास्तव में लोकतंत्र का सही स्वरुप दिखाने में जुटे हैं और ऐसा नहीं है कि ऐसा पहली बार हुआ है .हमारे देश ने आदिकाल से लेकर आज तक विपत्तियों के बहुत से दौर झेले हैं और तमाम झंझावातों को झेलते हुए हमारा देश आज विश्व में शिखर की ओर बढ़ने में जुटा है .
डेढ़ सौ वर्षों की गुलामी हमारे भारतवर्ष ने झेली और अंग्रेजों के अत्याचारों को सहा किन्तु अंग्रेजों को हमारे क्रांतिकारियों के सामने हमेशा मुंह की खानी पड़ी .हमारे देश के महान क्रन्तिकारी चंद्रशेखर आजाद को गिरफ्तार करने के बावजूद वे उन्हें तोड़ नहीं पाये .उनकी वीरता अंग्रेजों के सामने भी अपने मुखर अंदाज में थी -
''पूछा उसने क्या नाम बता -आजाद ,
पिता को क्या कहते -स्वाधीन,
पिता का नाम -
और बोलो किस घर में हो रहते ?
कहते हैं जेलखाना जिसको वीरों का घर है ,
हम उसमे रहने वाले हैं ,उद्देश्य मुक्ति का संघर्ष है .''
साइमन कमीशन का भारत की जनता ने कड़ा विरोध किया और अंग्रेजों की लाठियों की मार को भी झेला-
''लाठियां पड़ी गिर पड़े जवाहर लाल वहां ,
औ पंत गिरे थे ऊपर उन्हें बचाने को .''
ये एक आम आदमी की ही ताकत थी जिसने ब्रिटिश हुकूमत को खौफ से भर दिया था .अल्फ्रेड पार्क में स्वयं की गोली से शहीद हो चुके चंद्रशेखर आजाद के मृत शरीर के पास तक जाने की हिम्मत ब्रिटिश पुलिस में नहीं थी ,कई गोलियां उनके मृत शरीर पर बरसाकर ही वह आगे बढ़ने का साहस कर पायी थी .
सत्य व अहिंसा के दम पर अंग्रेजों के दांत खट्टे करने वाले महात्मा गांधी को तो ब्रिटिश हुकूमत कभी भुला ही नहीं पायेगी जिन्होंने बिना किसी हथियार के हथियारों से लैस फिरंगियों को भारत छोड़ने पर विवश कर दिया -
''दुनिया में लड़ी तूने अजब ढब की लड़ाई ,
दागी न कहीं तोप न बन्दूक चलाई ,
दुश्मन के किले पर भी न की तूने चढ़ाई
वाह रे फ़कीर खूब करामात दिखाई .
चुटकी में दुश्मनों को दिया देश से निकाल.
....दुनिया में तू बेजोड़ था इंसान बेमिसाल .''
...जिस दिन तेरी चिता जली रोया था महाकाल .
साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल.''
. स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात भारत एक ''सम्पूर्ण प्रभुत्व संपन्न लोकतंत्रात्मक गणराज्य'' बना .यहाँ राजशाही ख़त्म हुई जनता का शासन आरम्भ हुआ और आम आदमी की ताकत पर यह लोकतंत्र विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र बना .
२०१२ आम आदमी की ताकत के हिसाब से अगर देखा जाये तो अति महत्वपूर्ण वर्ष कहा जायेगा .जहाँ आज तक बलात्कार पीड़िता को स्वयं जनता ही अपराधी का दर्जा देती थी वही दामिनी गैंगरेप कांड में दामिनी के साथ खड़ी हो गयी .पूरा देश एक स्वर में दामिनी के लिए न्याय मांग रहा था और मांग रहा था उसके लिए जीवन की दुआएं .अभूतपूर्व दृश्य उपस्थित था, कड़ाके की ठण्ड के बावजूद जनता आंदोलन रत थी और सारे देश में जैसे किसी को अन्य कोई समस्या रह ही नहीं गयी थी ,रह गयी थी तो केवल दामिनी की चिंता और उसके अपराधियों के लिए फांसी की सजा की मांग ,सरकार हिल गयी थी जनता के वे तेवर देखकर और समझ में आ गया था कि जनता को यूँ ही जनार्दन नहीं कहा जाता .
उसके बाद आम आदमी की ताकत दिखाई प्रसिद्द समाजसेवी अन्ना हज़ारे ने जिन्होंने सरकार को ही अल्टीमेटम दे दिया लोकपाल के लिए और यह जनता की ही ताकत है जो लोकपाल पास हुआ है .
ये आम आदमी की ही ताकत है जो राजनीति में घाघ दो पार्टियों को धता बताते हुए दिल्ली की गद्दी एक नयी नवेली पार्टी ''आम आदमी पार्टी ''को सौंपती है और ये भी आम आदमी की ही ताकत है जो आम आदमी पार्टी को अपने कर्तव्य के प्रति सच्चे ह्रदय से समर्पित देख एक बार फिर से उन्हें सत्ता सँभालने का अवसर प्रदान कर रही है जैसा कि अब तक के सभी चुनावी सर्वेक्षण बता रहे हैं -
दिल्ली में विधानसभा चुनाव में बेहतर मतदान प्रतिशत के बाद सबकी निगाहें एक्जिट पोल पर टिक गई हैं। पिछले साल मई में हुए लोकसभा चुनाव के बाद यह पहला ऐसा एक्जिट पोल है जिसका बेसब्री से इंतजार राजनीतिक दलों के साथ-साथ पूरी देश की जनता कर रही है।
न्यूज-24-टेडे चाणक्या के सर्वे में बड़ी खबर आम आदमी पार्टी इस सर्वे में बंपर जीत दर्ज करती दिखाई दे रही है। इसके मुताबिक 48 सीटों पर भारी बहुमत के साथ आम आदमी पार्टी जीत हासिल करती हुई दिखाई दे रही है। वहीं बीजेपी महज 22 सीटों पर ही सिमट गई है। इसमें सबसे बुरी खबर कांग्रेस के लिए है जिसे एक भी सीट हासिल होती नहीं दिख रही है।
न्यूज-24 चाणक्या के मुताबिक Exit Poll में सबसे ज्यादा वोट आम आदमी पार्टी के पक्ष में दिखाए गए हैं। 36 प्रतिशत लोगों ने कहा किरण बेदी होंगी दिल्ली की मुख्यमंत्री तो वहीं अरविंद केजरीवाल के लिए 53 फीसदी लोगों ने अगला मुख्यमंत्री बताया है।
इस एग्जिट पोल सर्वे में जब ये पूछा गया कि किस मुद्दे पर वोट दिया है तो 51 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्होंने प्रत्याशी के आधार पर वोट दिया। वहीं 17 फीसदी लोगों ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर वोट देने की बात कही। वहीं 15 फीसदी लोगों ने सरकारी नीति के आधार पर वोट किया। वहीं 7 फीसदी वोटिंग अन्य मुद्दों पर हुई।
हर आयु वर्ग में आप की तरफ बम्पर वोटिंग हुई है। 18-25 में 44 फीसदी लोगों ने आप को पहली पसंद बनाया है वहीं 34 फीसदी लोगों ने बीजेपी को वोट दिया है। 26-35 साल के वर्गग्रुप में 35 प्रतिशत बीजेपी के पक्ष में वोटिंग हुई वहीं 45 फीसदी आम आदमी पार्टी के पक्ष में वोटिंग हुई है। आपको बता दें ये आंकड़े न्यूज 24- चारणक्या के एग्जिट पोल सर्वे के मुताबिक हैं।
इंडिया टुडे- सिसरों के एग्जिट पोल सर्वे में भी आम आदमी पार्टी की बढ़त कायम है। इस सर्वे के मुताबिक 35-43 फीसदी सीटों पर आप के पक्ष में वोट गए हैं। वहीं भाजपा को इस एग्जिट पोल में 23-29 सीटें मिलती दिखाई दे रही हैं। इन सीटों पर बीजेपी को वोटिंग हुई है। वहीं कांग्रेस के पाले में 03-05 सीटें आने का अनुमान है।
वहीं इंडिया टीवी-सी वोटर के एग्जिट पोल सर्वे के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी को 40 फीसदी 'आप' को 42 फीसदी वहीं 11 फीसदी वोट कांग्रेस के लिए दिखाया गया है। इस पोल की मानें तो आम आदमी पार्टी और बीजेपी में कड़ी टक्कर है हालांकि आप बीजेपी पर बढ़त बनाती हुई दिखाई दे रही है।
दिल्ली के इस दंगल में आम आदमी पार्टी की मजबूत दावेदारी और चुनाव प्रचार के दौरान ज्यादातर ओपिनियन पोल परिणामों के आम आदमी पार्टी के पक्ष में आने के बाद से ही इस चुनाव में देशभर में लोगों की दिलचस्पी बढ़ी है।
एबीपी-नीलसन के एग्जिट पोल के पहले रुझान के मुताबिक बीजेपी को करारी हार का सामना करना पड़ सकता है और आम आदमी पार्टी बहुमत के साथ सत्ता हासिल करती दिख रही है।
एग्जिट पोल के मुताबिक आम आदमी पार्टी 39 सीटों पर जीत का परचम लहरा कर दिल्ली में एक बार फिर सरकार बनाती दिख रही है. बीजेपी को 28 सीटें आने का अनुमान है, तो कांग्रेस महज़ तीन सीटों पर सिमट जाएगी।
वोट प्रतिशत
एबीपी न्यूज़ नीलसन के एग्जिट पोल के मुताबिक आप के वोटों में भारी उछाल आया है। आम आदमी पार्टी को 37 फीसदी वोट मिलते दिखाई दे रहे हैं तो वहीं बीजेपी के वोटों में 1 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।
इन्हें 32 फीसदी वोट आ सकते हैं। कांग्रेस 19 फीसदी वोट लेने में कामयाब रही है। अन्य के खाते में 12 फीसदी वोट जाने के पूरे आसार हैं। यह एग्जिट पोल तीन बजे तक वोटरों से ली गई राय पर आधारित है।[अमर उजाला से साभार ]
आज आम आदमी ने अपनी ताकत दिखा दी है हमेशा की तरह और अब इसे नज़रअंदाज़ करना किसी के भी वश की बात नहीं है। आरोप-प्रत्यारोप आम आदमी करता है किन्तु सर्वजन हिताय व् सर्वजन सुखाय के लिए और जब वह अपनी ताकत से उस स्थिति में आता है तब काम करता है और यह साबित करता है कि ऐसा कुछ नहीं जो आम आदमी के हाथ में न हो ,उसके हाथ में सब कुछ है बस उसे उस दिशा में सोचना भर होता है क्योंकि -
''आदमी सोच तो ले उसका इरादा क्या है ..''
आज आम आदमी न केवल परिवर्तन ला सकता है बल्कि ला रहा है .ये आम आदमी के दिमाग की ही ताकत है जो अग्नि-५ बना और उसने चीन के दिल में भारत के लिए दहशत भर दी,ये आम आदमी की ही सामूहिक शक्ति है जो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को कारगिल के बाद भारत आने को मजबूर कर पायी ,ये आम आदमी की ताकत है जो उसे सूचना का अधिकार दिलाती है जिससे सरकारी तंत्रो में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर करने में उसे मदद मिलती है ,ये आम आदमी की ताकत है जो माँ को पिता के साथ संतान के शैक्षिक अभिलेखों में स्थान दिलाती है और ये भी आम आदमी की ही ताकत है जो बार-बार गिरने के बावजूद ,विध्वंस के बावजूद इस देश को खड़ा करती है और आम आदमी की इसी ताकत को इस देश ने माना है और उसे महत्व दिया है .आम आदमी यहाँ अपनी ताकत को विश्व में एक आदर्श रूप में प्रस्तुत करता है और उसे नतमस्तक होने को मजबूर करता है .आम आदमी की इसी ताकत को शकील''ज़मील'' ने यूँ व्यक्त किया है -
''जो बढ़के सीना-ए-तूफ़ान पे वार करता है ,
खुदा उसी के सफीने को पार करता है .''
शालिनी कौशिक
[कौशल ]