मनुष्य ही मनुष्य के लिए हानिकारक होता है। यह बात आज स्पष्ट हो रही है क्योंकि यूक्रेन के युद्ध को देखकर बहुत ही अफसोस होता है। जब मानव को मानव के लिए बिल्कुल ही दया, करूणा और माफ करने का कोई अहसास ही न
दिनांक-13/03/2022दिन-रविवारसमय-02.27 दोपहरी🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉 दैनंदिनी बच्ची 💞 अंतरराष्ट्रीय किडनी दिवस की बधाई और शुभकामनाएं तुम्हें और शब्द मंच परिवार को भी 💕💕💕आप सब लोग अपना पूर
तभी कृपा को याद आया....हाँ !पिताजी मेरे नाम कुछ रुपयें जमा कर गयें थें।उन पैसो से ही वृंदा के सपने पूरा करूगाँ।पिताजी ने भाई को बताने से मना किया था।शायद इसी काम के लिए जमा किए होगें।वृंदा सपने अवश्य
कांप रही है कलम यह मेरी,आंख नम है उस मंजर से।दुश्मन बन कर खड़े हुए हैं,कर रहे हैं वार जो खंजर से।चूल्हे भी उदास है मन में,पेट शांत हो संकट झेल रहा।छिपकर बैठे बंकर अंदर,कोई मौत से खेल रहा।धक्का-मुक्की
आखिर कब तक बचाता खुदा आपको । एक दिन लगनी ही थी बद्दुआ आपको । जुबां से गिराते रहे आप शोले । थे मजहबी नारों में नेता जी बोले । उठाओ बंदूकें और भून डालो सालों को । तिलक , जनेऊ व तलवार वालों को । आग
खड़ी मिसाइलें खून की प्यासी,खून खौलता सीने में।दोनों ओर खड़े बन दुश्मन,धरती मां से प्यार सीने में।बांट लिया अपना कह जिसको,खींच रहे तलवारें जो।अपनी अस्मत आज बचाने,छोड़ रहे तोप के गोले वो।कोई माता का वच
"बिन बरसे ही" बादल आये, उमड़ घुमड़कर गरज गरजकर चले गये बिन बरसे रह गयी धरती प्यासी लाख समझाये पर मन तरसे ज्यों आये नेता गाँव गाँव गली गली जुबाँ पर मिश्री तन पर खादी जनता में आस जगी छो
बीते कुछ वर्षों से हमने, देखा बहुत, बहुत जाना।हो सरकार कोई भी लेकिन, भरती है अपना खजाना।बड़े बड़े मुद्दों को लेकर बात सभी तो करते हैं।बात अगर आ जाती हमारी, कुछ कहने से बचते हैं।आज इन्ही मुद्दों को लेक
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने आरक्षण पर बयान दिया था और मात्र उस बयान के चलते ही २०१९ बिहार चुनाव में भाजपा को हार का मुँह देखना पड़ा था. हालांकि मोहन भागवत ने कुछ भी ग़लत नहीं कहा था. उनके कहने का अर्
दिनाँक : 03.3.2022समय : सुबह 7 बजेप्रिय सखी डायरी,आज तो दिल्ली का मौसम बहुत ही गर्म है। एकदम से तेज धूप है, सर्दियां लगभग चली ही गई हैं।लेकिन यूक्रेन में तो सर्द-गर्मी है। यहां पर नी
पसरी है गहरी खामोशी, सन्नाटा भी सोया है,क्योंकि रातभर आसमां, शोलों के आंसू रोया है। धुँआ-धुँआ है जिंदगी, चहुंओर शोलों का गुबार छाया है,किसके बहकावे में आकर यूक्रेन तू, पत्थर से टकराया है।जिस नेटो
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने आरक्षण पर बयान दिया था और मात्र उस बयान के चलते ही २०१९ बिहार चुनाव में भाजपा को हार का मुँह देखना पड़ा था. हालांकि मोहन भागवत ने कुछ भी ग़लत नहीं कहा था. उनके कहने का अर्थ ये थ
पांच राज्यों में चुनाव होता। जनता के लुभावे के प्रयास होता।। सड़क, पानी बिजली केहु ना पूछत। मोबाइल, लेपटॉप व स्कूटी वादा में बटात बा।। एक दूसरे पर छींटाकशी क दौर बा। जनता के मूर्ख बनावे क समय बा।
आजकल का जो जनतांत्रिक शासन तंत्र है उसमें पूंजीवादियों के हस्तक्षेप के कारण जनता की भूमिका नगण्य रह गई है। इस प्रजातांत्रिक व्यवस्था में पूंजीपति आम जनता के कीमती वोट का शिकार बड़ी आसानी से कर लेते
गीत---धरना प्रदर्शन न कोई वबाल होगा।हर हाल में मेरा यूपी खुशहाल होगालोगों में जागरूकता अब बढ़ने लगी हैसुनहरे भविष्य की आशा जगने लगी हैभय भ्रष्टाचार का न कोई सवाल होगा।।हर हाल में----------------------
पुराने समय की बात है। उदयसेन नगर में एक राजा राज्य करता था। राजा बड़े धार्मिक प्रवृत्ति का था। वह राजकाज का कार्य अपने महामंत्री और मुख्यमंत्री के भरोसे छोड़कर हर दिन पूजा-पाठ में ही लगा रहता था
गाँव से १०वीं पास करने के बाद गर्मियों की छुट्टियों में जब महेश का मामा उसे पहली बार दिल्ली घुमाने के लिए अपने साथ लाया तो, उसे वहाँ अच्छा खाना-पीना और लत्ते-कपड़े पहनने को मिले। उसके मामा ने उसे द
दिनाँक: 15.02.2022समय : रात 9 बजेप्रिय डायरी जी,चुनाव का मौसम खत्म होने की कगार पर है और साथ ही सर्दियां भी खत्म होने की कगार पर है। क्या है कि चुनावी एहसास वैसे ही लोगों के राजनीतिक जीवन
तमनार से वापसी में रात्रि के करीब ग्यारह बज गए थे अतः देर से ही उठ पाया था । मैं कल की घटनाओं को याद कर रहा था ,इसी कड़ी में याद आया कि कल मैं दूध लाना भूल गया था, मुझे
कासगंज। जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी हर्षिता माथुर ने कलेक्ट्रेट सभागार में समस्त राजनैतिक दलों के पदाधिकारियों के साथ आयोजित निर्वाचन बैठक में कहा कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा उ0प्र0 विधान प