shabd-logo

संस्मरण

hindi articles, stories and books related to Sansmaran


अपने दिल के जजबातो को लफ्जो से बयाँ करता हूँ..
उसे आज भी पता है कि मै उ

ख्वाब तो सभी देखते है , 
कुछ खुली आंखों से , कुछ बंद आखों से 
पूर


ये मेरी पहली कहानी है जो मैं लिखने जा रही हूँ ! मेने यहाँ बहुत सी कहानियां पढ़ी हैं उन

मौत से हमेशा डरता था मैं,

मरने से नही, बस ख्याल ये रहता था कि मौत के बाद कैसा लगता होगा

इतमिनान  है मुझे तुम जहां भी  हो खुश हो
नहीं तलाश  करती है नजरें बस मै




जाड़े का सफर

ट्रेन प्ले

टीचर्स डे’ मेरी फ़ारसी टीचर नसरीन
डॉ शोभा भारद्वाज
आज मैं दूर देश में रहने वाली नसरीन सलवत

ये जिंदगी सवालात कर  बैठी हमसे 
तुम इतने  इतमिनान  से क्यूं  

जिन्दगी सवाल तो बहुत हैं!

पर आजकल तेरी हर तस्वीर,

मुझे खामोश कर जातीं है।

“घर की याद” कविता के कवि भवानी प्रसाद मिश्र जी हैं। कवि ने सन 1942 के “भारत छोड़ो आंदोलन” में बढ़

प्रकृति को आज परेशा हमने देखा है...

जो कल पेड लगा गए थे उन्हें काट

वह मुसाफिर क्या जिसे कुछ शूल ही पथ के थका दें?

हौसला वह क्या जिसे कुछ मुश्किलें पीछे हटा द

featured image

'लास वेगस' दिन रात मौसमों और महीनों से परे का एकशहर !... डॉ दिनेश शर्मा...अगर एक शब्द में लास वेगस को समेटना ही पड़े तो कहूंगा'चकाचौंध' । कुछके लिए यह टूटे हुए सपनों का शहर है तो कुछ के लिए उम्मीद भरी जुनूनीयत का। कुछयहां की रात को बहिश्त की तरह देखते हैं तो कुछ के लिए वेगस पैसे के दम पर सब कुछभोगने

गिरनार की चढ़ाई (संस्मरण)समय-समय की बात होती है। कभी हम भी गिरनार की चढ़ाई को साधारण समझते थे पर आज तो सोच के ही पसीना छूटने लगता है। आज से आठ वर्ष पूर्व एक विशेष राष्ट्रीय एकता शिविर (Special NIC Camp) में महाराष्ट्र डायरेक्टरेट का प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिला। पूरे बारह दिन का शिविर था। मेरे साथ द

featured image

भारत का स्विट्जरलैंडएक लंबे अरसे के बाद मातारानी के यहाँ से बुलावा आ ही गया। हमनें मातारानी वैष्णोदेवी का दर्शन करने के पश्चात दूसरे दिन हमनें कटरा से ही अगले सात दिन के लिए ट्रैवलर फोर्स रिजर्व कर लिया था। कटरा से सुबह हम सब डलहौजी के लिए रवाना हुए थे। नवंबर माह का अंतिम सप्ताह चल रहा था। सैलानियो

featured image

पैर में शनि का चक्कर यानी टर्की के शहर इस्तांबुल में आदतन घुमक्कड़ !मई - 2014जब मैं छोटा था तो किन्ही पंडित जी ने मेरी जन्म कुंडली देखकर कहा था कि जातक के पैर में शनि का चक्कर है इसलिए ये हमेशा घूमता ही रहेगा । मुझे लगता है कि वैसा ही चक्कर ज़रूर बहुत घुमक्कडों के पैरों में होता होगा । यह बात मैं टर

featured image

फलों , शहद और झरनों के देश क्रोएशिया में -7 14 सितम्बर 2019 से 5 अक्तूबर 2019फिर एक और शहर में हमेशा के लिए बसने का मन जहाँ रुका हूँ , वो घर एक पहाड़ी पर है । नीचे पूर्व में नीले समुद्र का विशाल फैलाव है । सीढियां उतर कर पन्द्रह बीस मिनट में समुद्र का किनारा है । दांयी तरफ बहुत विशाल और खूवसूरत म

featured image

फलों , शहद और झरनों के देश क्रोएशिया में -6 14 सितम्बर 2019 से 5 अक्तूबर 2019दुनिया के सबसे खूबसूरत प्लिटविच और सिबनिक नेशनल पार्क्स में क्रोएशिया में लैंड होने के बाद बहुत जगह एक बात बहुत सारे क्रोएशयन ने कई बार जो बड़े गर्व से दोहराई वो है यहां के पानी के बारे में उनका विश्वास । ' आप बोतल के पान

featured image

फलों , शहद और झरनों के देश क्रोएशिया में -5 14 सितम्बर 2019 से 5 अक्तूबर 2019सपनों के शहर स्प्लिट की तरफ़ पूरे रास्ते बांयी तरफ खूवसूरत नीला एड्रियाटिक समुद्र लहराता दिखाई देता है और कम चौड़ी महज दो लेन वाली सड़क पर चौकस रह कर ड्राइविंग करनी पड़ती है । बीच में कुछ जगह व्यू पॉइंट्स पर रुक कर फोटो भी

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए