shabd-logo

संस्मरण

hindi articles, stories and books related to Sansmaran


घर मे बहन कि शादी कि तैयारियां चल रही थीं. शादी नज़दीक ही थी. घर कि सा

दोस्ती एक ऐसा निस्वार्थ रिश्ता है। जिसमें एक दूसरे से कुछ भी लेन

मन में हर कोने में उठा सैलाब मानो शांत ही नहीं होगा, मन मस्तिष्क आंखों के सामने बस वही मंजर घूम स

तेरे चेहरे पर हर पल होती मुस्कान
तुम परियों सी थी नादान
मेरे जीने की तुम से

कितने दूर निकल गए हम....
 रिश्तो को निभाते - निभाते .. !

यह पंक्तियां माखनलाल चतुर्वेदी जी की पुष्प की अभिलाषा से अभिप्रेरित है बिलासपुर की पुण्य धरा पर

मेरे भी ऐब कई थे मगर 
सपनों के साथ कुछ टूट गए
हमें मन

मुझे नही पता था कि मेरे साथ ये सब क्यों हो रहा है । आज शाम को घर मे मम्मी से झगड़ा हो गय

🌷🌹"हिंदी भाषा की राष्ट्रीय -

यह एक सच्ची घटना है पर  आधारित कहानी समय रात के 1:30 बजे स्थल रा

☺️☺️ अजी हां हम सही कह रहे हैं हमको जिंदगी के इस संध्या बेला में तुम

🌷🌹सिमरन का प्रभाव🌹🌷

जिंदगी तु बता दे जरा
इरादा क्या हैँ


गणपति बप्पा मोरया 

डॉ शोभा भारद्वाज 

कई वर्षों तक हम ईरान में

ज़िंदगी मे गमो का डेरा है..

क्या पता कौन तेरा है कौन मेरा है..

इस मुस्कराती दुनि

आज मैं तनहाई में भी खुश हूंँ ....
जिसे पा ना सकी....
 उसकी जुदाई में भ

वो दिन भी अच्छे थे ....
दिल क्या मन भी सच्चे थे ....!
रुसवाईयों के डर से ..

डायरी के रथ पर सवार होकर हाथों में कलम की कमान साधे दिल के विचारों और ख्यालातों के तीरों का संध

सोचो एक दिन सोये और नींद खुले अपने कॉलेज के हॉस्टल में होते शोर से

खोलें जब दरवाज़ा,जाते हु

कहते है पैसे मे बडी ताकत होती है ।कहावत है पैसा तेरे तीन नाम परसु ,पर

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए