एक नारी है तू
जिंदगी को अपने ढंग से जीने को है बंधन
खुद को तुम कम ना समझो
हल्की बारिश हो रही थी और रात के करीब आठ बज रहे थे ,भार्गव अपनी मोटरसा
मेरे इश्क का कमाल है रूप,
सुंदरता नहीं दिखावा
"कोई अपने पति की रानी बन पाये या न बन पाये पर हर लड़की अपन
पापा की राजकुमारी
" अरे यहां शहर से दूर किसको सूझा ये कैफ़े खोलने का ?" मैंने हाईवे से
तेरी मोहब्बत में पूरी किताब लिख दूँ,
तुम मेरे मन के मीत हो
सुबह सुबह मुंबई के मालाड के मढ में एक तरफ सूर्य देव ऊपर उग रहे
मन स्वभाव से चंचल होता है,आज यहाँ ,तो कल कहीं और होता है. बचपन में मां ,फिर घर वाले और फिर खिलौने