जब प्यार होता है,
🌹पर्दे के पीछे छुप के; मुझसे,
कहता है ; यहां आके मिल,
हर घड़ी जो बसा
मन के मीत
तन के श्रृंगार
मेरे यार तेरा प्यार
बस एक दिल की बात बताने को
"क्या है ? तुम हमेशा किसी भी नई योजना के विपक्ष में ही क्यों रहती हो? मेरी कोई बात तुम्हे समझ ही नहीं आती। कोई भी प्लान बनाओ, तुम्हें उसकी कमियां नजर आतीं है। तुम औरतों की बुद्धि भी ना.
एक नाता जज्बातों का,
बैठी हूँ जिसकी याद में
सुध- बुद्ध गँवा के मैं,
आज मेरा मनमीत उदास था, आकर बोला ,मुझे नहीं जाना, मैं तुम्हारे बिना, नहीं रह सकता,</
"सुनो , जयपुर से आते समय पनीर के घेवर लेते हुए आना" । अदिति ने अपने प